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आखिर क्यों बगावत नहीं संभाल पाए CM कमलनाथ, क्या सिंधिया करेंगे बड़ा ऐलान ?

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर मंडराया सियासी संकट अब बढ़ता जा रहा है, अब निर्दलीय विधायकों की बगावत झेल रही कमलनाथ सरकार अब अपनों की वगावत झेल रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के करीब 24 विधायक बैगलुरु पहुंच गए हैं. जिससे कमलनाथ सरकार पर संकट बढ़ गया है.

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Published : Mar 10, 2020, 10:25 AM IST

Updated : Mar 10, 2020, 12:40 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत का राजनीतिक समीकरण पल-पल बदल रहा है. एमपी कांग्रेस में उठे बगावती तेवर अब किसी बड़े अंजाम की ओर बढ़ चुका है. कमलनाथ सरकार पर गहराया संकट अब बढ़ता जा रहा है, अचानक बदले पूरे सियासी घटनाक्रम से कमलनाथ सरकार मुश्किलों में घिर गई है.

बगावत नहीं संभाल पाए CM कमलनाथ

पिछले दिनों निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों के गायब होने के बाद बदले सियासी समीकरण को कमलनाथ सरकार ने किसी तरह मैनेज कर लिया, लेकिन जब खुद के विधायक बगावत पर उतर आए तो सरकार बचाना मुश्किल साबित हो रहा है.

कल दोपहर के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 6 मंत्री और कई विधायकों के फोन बंद हो गए. यह खबर जैसे ही राजनीतिक गलियारों में फैली, प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया. चंद मिनटों के बाद खबर आई की, सिंधिया समर्थक सभी मंत्री और विधायक बैगलुरु पहुंच गए हैं. तो सिंधिया की पीएम मोदी से मुलाकात की खबरों ने भी मीडिया में जोर पकड़ा.

क्या सिंधिया करेंगे बड़ा ऐलान

जैसे ही सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक गायब हुए. सीएम कमलनाथ दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करके तुरंत भोपाल लौटे. कमलनाथ ने मंत्रियों के साथ बैठक की और देर रात बैठक में शामिल सभी 20 मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफा सौंप दिया. दूसरी तरफ पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए बैठे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मैराथन बैठकें की. जिससे बाद से की सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे.

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि, ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस अपनी बगावत संभाल नहीं पा रही हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार से नाराज थे. लेकिन कमलनाथ उनकी नाराजगी को हलके में लेते रहे. लेकिन सिंधिया के तेवर इस बार आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं. जो अब दिखाई भी दे रहा है. आज सिंधिया के दिवंगत पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की जयंती भी है. ऐसे में अब सबकी नजरें सिंधिया पर लगी है, कि उनका अगल कदम क्या होगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत का राजनीतिक समीकरण पल-पल बदल रहा है. एमपी कांग्रेस में उठे बगावती तेवर अब किसी बड़े अंजाम की ओर बढ़ चुका है. कमलनाथ सरकार पर गहराया संकट अब बढ़ता जा रहा है, अचानक बदले पूरे सियासी घटनाक्रम से कमलनाथ सरकार मुश्किलों में घिर गई है.

बगावत नहीं संभाल पाए CM कमलनाथ

पिछले दिनों निर्दलीय और बसपा-सपा के विधायकों के गायब होने के बाद बदले सियासी समीकरण को कमलनाथ सरकार ने किसी तरह मैनेज कर लिया, लेकिन जब खुद के विधायक बगावत पर उतर आए तो सरकार बचाना मुश्किल साबित हो रहा है.

कल दोपहर के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 6 मंत्री और कई विधायकों के फोन बंद हो गए. यह खबर जैसे ही राजनीतिक गलियारों में फैली, प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया. चंद मिनटों के बाद खबर आई की, सिंधिया समर्थक सभी मंत्री और विधायक बैगलुरु पहुंच गए हैं. तो सिंधिया की पीएम मोदी से मुलाकात की खबरों ने भी मीडिया में जोर पकड़ा.

क्या सिंधिया करेंगे बड़ा ऐलान

जैसे ही सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक गायब हुए. सीएम कमलनाथ दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करके तुरंत भोपाल लौटे. कमलनाथ ने मंत्रियों के साथ बैठक की और देर रात बैठक में शामिल सभी 20 मंत्रियों ने सीएम को इस्तीफा सौंप दिया. दूसरी तरफ पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए बैठे पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मैराथन बैठकें की. जिससे बाद से की सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे.

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि, ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस अपनी बगावत संभाल नहीं पा रही हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार से नाराज थे. लेकिन कमलनाथ उनकी नाराजगी को हलके में लेते रहे. लेकिन सिंधिया के तेवर इस बार आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं. जो अब दिखाई भी दे रहा है. आज सिंधिया के दिवंगत पिता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की जयंती भी है. ऐसे में अब सबकी नजरें सिंधिया पर लगी है, कि उनका अगल कदम क्या होगा.

Last Updated : Mar 10, 2020, 12:40 PM IST
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