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National Family Health Survey MP: राज्य में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार, NFHS-5 की रिपोर्ट में प्रदेश के लिए सुखद संकेत - national family health survey

एमपी में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है. (National Family Health Survey MP)राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की 5वीं रिपोर्ट बताती है कि राज्य में बच्चों के पोषण की स्थिति पहले से(mp children women health improved) बेहतर हुई है.

NFHS-5 report MP
एमपी में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार
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Published : Nov 25, 2021, 9:38 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 10:31 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चों और महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) 2019-2021 के पांचवें संस्करण के आंकड़े ये बता रहे हैं कि इस क्षेत्र में राज्य ने अच्छा काम किया है. (NFHS-5 report MP) मध्य प्रदेश की गिनती महिलाओं और बच्चों के खराब स्वास्थ्य वाले राज्यों में होती थी.

बच्चों में कुपोषण में कमी

पिछले पांच वर्षों में राज्य में बच्चों में कुपोषण में कमी देखी गई है. इसमें 6.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जबकि अति कुपोषण में 6.8 फीसदी की कमी आई है, जो एक सुखद संकेत है. फिर भी राज्य में लगभग एक तिहाई यानि करीब 35.7 प्रतिशत बच्चे अंडर डवलप हैं. पांच में से लगभग एक यानि करीब 19 बच्चों का वजन औसत से कम है. कम वजन वाले बच्चों की संख्या में करीब 9.8 फीसदी की कमी आई है. अब, (NFHS Data MP)राज्य में कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 33.0 प्रतिशत है, जो 2005-06 के 60 प्रतिशत का लगभग आधा है.

बच्चों में पोषण राष्ट्रीय औसत के करीब आया

यह पहली बार है कि मध्य प्रदेश में बच्चों की पोषण स्थिति राष्ट्रीय औसत के काफी करीब आ गई(mp children women health improved) है. अविकसित बच्चों का राष्ट्रीय औसत 35.5 प्रतिशत और कमजोर बच्चों का 19.3 फीसदी है. जबकि कम वजन वाले बच्चों का औसत 32.1 प्रतिशत है. इसमें भी 3.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।.

नवजातों की मृत्यु दर में गिरावट

एक महीन से कम उम्र के नवजात बच्चों की मृत्यु दर में भी महत्वपूर्ण NFHS-5 report MP: गिरावट दर्ज की गई है, जो एनएफएचएस -4 में 36.9 पीटीएलबी से घटकर 29.0 प्रति 1000 हो गई है. शिशु मृत्यु दर यानि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 51.2 PTLB से घटकर 41.3 PTLB हो गई है. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 64.6 PTLB से घटकर 49.2 PTLB हो गई है.

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार

संस्थागत बच्चों का जन्म यानि सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रसव(Madhya Pradesh improved NFHS-5 report) एनएफएचएस -4 में 80.8 प्रतिशत की तुलना में 90.7 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान 34.4 से बढ़कर 41.3 प्रतिशत हो गया है. हालांकि अभी तक आधे से अधिक बच्चों को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान नहीं कराया जाता है और वे मां के पौष्टिक पहले दूध से वंचित हैं.

बच्चों को स्तनपान में और सुधार की जरूरत

हालांकि छह महीने की उम्र तक स्तनपान 58.2 फीसदी से बढ़कर 74.0 फीसदी हो गया है, जो एक अच्छा संकेत है. इसके बावजूद 6 से 23 महीने के आयु वर्ग के सिर्फ 7.7 प्रतिशत बच्चों को ही पर्याप्त आहार मिलता है.

Dr. Hari Singh Gaur को Bharat Ratna देने की मांग, मिंटो हॉल भी डॉक्टर साहब के नाम पर करने का अनुरोध

एमपी में कम उम्र में कम शादियां

महिलाओं और पुरुषों दोनों की कम उम्र के शादी अब पहले से कम हुई हैं. 18 साल से पहले शादी करने वाली महिलाओं की संख्या 32.4 फीसदी से घटकर 23.1 फीसदी रह गई है. जबकि 21 साल से पहले शादी करने वाले पुरुषों की संख्या 31.2 फीसदी से घटकर 30.1 फीसदी रह गई है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में बच्चों और महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) 2019-2021 के पांचवें संस्करण के आंकड़े ये बता रहे हैं कि इस क्षेत्र में राज्य ने अच्छा काम किया है. (NFHS-5 report MP) मध्य प्रदेश की गिनती महिलाओं और बच्चों के खराब स्वास्थ्य वाले राज्यों में होती थी.

बच्चों में कुपोषण में कमी

पिछले पांच वर्षों में राज्य में बच्चों में कुपोषण में कमी देखी गई है. इसमें 6.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जबकि अति कुपोषण में 6.8 फीसदी की कमी आई है, जो एक सुखद संकेत है. फिर भी राज्य में लगभग एक तिहाई यानि करीब 35.7 प्रतिशत बच्चे अंडर डवलप हैं. पांच में से लगभग एक यानि करीब 19 बच्चों का वजन औसत से कम है. कम वजन वाले बच्चों की संख्या में करीब 9.8 फीसदी की कमी आई है. अब, (NFHS Data MP)राज्य में कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 33.0 प्रतिशत है, जो 2005-06 के 60 प्रतिशत का लगभग आधा है.

बच्चों में पोषण राष्ट्रीय औसत के करीब आया

यह पहली बार है कि मध्य प्रदेश में बच्चों की पोषण स्थिति राष्ट्रीय औसत के काफी करीब आ गई(mp children women health improved) है. अविकसित बच्चों का राष्ट्रीय औसत 35.5 प्रतिशत और कमजोर बच्चों का 19.3 फीसदी है. जबकि कम वजन वाले बच्चों का औसत 32.1 प्रतिशत है. इसमें भी 3.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।.

नवजातों की मृत्यु दर में गिरावट

एक महीन से कम उम्र के नवजात बच्चों की मृत्यु दर में भी महत्वपूर्ण NFHS-5 report MP: गिरावट दर्ज की गई है, जो एनएफएचएस -4 में 36.9 पीटीएलबी से घटकर 29.0 प्रति 1000 हो गई है. शिशु मृत्यु दर यानि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 51.2 PTLB से घटकर 41.3 PTLB हो गई है. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 64.6 PTLB से घटकर 49.2 PTLB हो गई है.

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार

संस्थागत बच्चों का जन्म यानि सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रसव(Madhya Pradesh improved NFHS-5 report) एनएफएचएस -4 में 80.8 प्रतिशत की तुलना में 90.7 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान 34.4 से बढ़कर 41.3 प्रतिशत हो गया है. हालांकि अभी तक आधे से अधिक बच्चों को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान नहीं कराया जाता है और वे मां के पौष्टिक पहले दूध से वंचित हैं.

बच्चों को स्तनपान में और सुधार की जरूरत

हालांकि छह महीने की उम्र तक स्तनपान 58.2 फीसदी से बढ़कर 74.0 फीसदी हो गया है, जो एक अच्छा संकेत है. इसके बावजूद 6 से 23 महीने के आयु वर्ग के सिर्फ 7.7 प्रतिशत बच्चों को ही पर्याप्त आहार मिलता है.

Dr. Hari Singh Gaur को Bharat Ratna देने की मांग, मिंटो हॉल भी डॉक्टर साहब के नाम पर करने का अनुरोध

एमपी में कम उम्र में कम शादियां

महिलाओं और पुरुषों दोनों की कम उम्र के शादी अब पहले से कम हुई हैं. 18 साल से पहले शादी करने वाली महिलाओं की संख्या 32.4 फीसदी से घटकर 23.1 फीसदी रह गई है. जबकि 21 साल से पहले शादी करने वाले पुरुषों की संख्या 31.2 फीसदी से घटकर 30.1 फीसदी रह गई है.

Last Updated : Nov 26, 2021, 10:31 PM IST
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