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खतरनाक 'बहरूपिया' : धोखे से करता है वार, घोंट देता है दम

कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब नई समस्या सामने आ रही है. कुछ लोग कह रहे हैं RT-PCR टेस्ट में कोरोना वायरस डिटेक्ट नहीं हो रहा है. लेकिन केन्द्र इससे इनकार करता है. केन्द्र का कहना है कोरोना का नया म्यूटेंट RT-PCR टेस्ट को चकमा नहीं दे सकता है.

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धोखे से करता है वार, घोंट देता है दम
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Published : Apr 17, 2021, 8:46 PM IST

भोपाल। देश में कोरोना संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है. इस बीच एक नई चिंता सामने आ रही है. कई cases में यह सामने आया है कि संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के सभी लक्षण हैं, लेकिन RT-PCR जांच में वो निगेटिव पाया जा रहा है. कई ऐसे मामले सामने आए जहां किसी व्यक्ति को अपनी तबीयत ठीक नहीं लगी. इसके बाद जांच कराई और रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन कुछ दिनों बाद कुछ लक्षण दिखाई दिए और फिर जांच हुई तो संक्रमित पाए गए. यानी RT-PCR जांच का रिजल्ट पॉजिटिव आया. कई डॉक्टर्स ये भी सलाह दे रहे हैं कि एक बार रिजल्ट आने के बाद भी दोबारा जांच करा लें. यानि कोविड का नया स्टेन RT-PCR टेस्ट को भी धोखा दे सकता है.

खतरनाक 'बहरूपिया'

कोरोना वायरस छिपा हुआ बहुरूपिया है. इसके नये-नये स्ट्रेन लोगों को धराशायी कर रहे हैं, वो भी चुपचाप. वायरस शरीर में है, लेकिन टेस्ट निगेटिव आ रहा है. कुछ लोग कह रहे हैं कि RT-PCR टेस्ट भी अब सौ फीसदी भरोसेमंद नहीं रहा.

कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं? इसके लिए पहले एंटीजेन टेस्ट करवाया जाता है, जिससे ये पता चलता है कि कोई व्यक्ति वायरस के संपर्क में आया या नहीं, लेकिन इसके नतीजे पर निश्चिंत नहीं हो सकते. इसीलिए इस पर भरोसा कम था, लेकिन RT-PCR टेस्ट को फाइनल नतीजा माना जा रहा था. हालांकि अब RT-PCR टेस्ट भी अंतिम कसौटी नहीं है.

खतरनाक 'बहरूपिया' : धोखे से करता है वार, घोंट देता है दम

पुख्ता करने के लिए सीटी स्कैन हो

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन और वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर रमनेश मूर्ति ने बताया कि रिपोर्ट का निगेटिव आने की कई वजहें होती हैं. इसे पुख्ता करने के लिए सीटी स्कैन का सहारा लिया जा सकता है.

RT-PCR टेस्ट के नतीजे 20 फीसदी तक गलत!

कुछ रिपोर्ट्स बता रही हैं कि RT-PCR टेस्ट के नतीजे 20 फीसदी तक गलत साबित हो रहे हैं. यानी हर 5 में से एक व्यक्ति का टेस्ट रिज़ल्ट सही नहीं है. कई राज्यो में ऐसे मरीज मिल रहे हैं जिनमें कोरोना के लक्षण हैं लेकिन टेस्ट बार-बार निगेटिव आ रहा है. ये कोरोना की दूसरी लहर का कहर है, सवाल ये है कि टेस्ट में वायरस पकड़ में क्यों नहीं आ रहा?

चंडीगढ़ से पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर एसके जिंदल का भी मानना है कि नए स्ट्रेन की वजह से कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं , लेकिन टेस्ट में उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है. फिर भी फिलहाल RT-PCR टेस्ट ही सबसे भरोसेमंद है.

कोरोना वायरस की पुष्टि में हो रही देरी

इसकी वजह से मरीज़ों में कोरोना वायरस की पुष्टि बहुत देर से हो रही है. तब तक मामला गंभीर हो जाता है और मरीज़ अस्पताल तक पहुंच जाता है. मरने वालों की संख्या बढ़ने का एक कारण ये भी है. दूसरी मुसीबत ये है कि RT-PCR टेस्ट के नतीजे आने में देरी हो रही है. रिपोर्ट आने में कई दिन लग रहे हैं. डॉक्टर्स कह रहे हैं कि चिंता इस बात की है कि लोग पॉजिटिव रहते हैं, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आती है .जिसके बाद वो बाहर घूमते हैं . इससे संक्रमण फैलने का डर होता है.

केन्द्र ने मीडिया रिपोर्ट्स को किया खारिज

सरकार ने कई मीडिया रिपोर्ट्स में छपी म्यूटेंट्स की थ्योरी को खारिज कर दिया. सरकार ने कहा, 'अब तक दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई डेटा या अध्ययन नहीं है, जिसमें RT-PCR टेस्ट को भी चकमा देकर कोई वैरिएंट जांच में पकड़ा ना गया हो. केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, कि ये सही है कि कोरोना केसेस 2020 की तुलना में काफी ज्यादा आ रहे हैं. लेकिन ये भी सच है कि 2020 के मुकाबले हमारे पास अब अनुभव भी ज्यादा है. हम पहले भी कठिन दौर से निकले हैं और अब भी निश्चित रूप से निकलेंगे.

24 घंटे में एक मरीज की 3 बार मौत ! शव लेन पहुंचे तो हो गया जिंदा

दो जांचें जरूर करवा लें

अब आप समझ गए होंगे कि ये नया वेरिएंट कितना खतरनाक है, लेकिन अब आपको इसका समाधान बताते हैं. अगर आपको कोरोना है और रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो ऐसी स्थिति में आप दो चीजें कर सकते हैं.

पहला आप Chest का CT Scan करवा कर इस वायरस का पता लगा सकते हैं और दूसरा आप BAL नाम के एक दूसरे टेस्ट से भी इसका पता लगा सकते हैं. इस टेस्ट में एक स्कूप मुंह या नाक की नली से फेफड़ों में पहुंचाया जाता है और फिर नमूने लेकर उनकी जांच की जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रक्रिया से नए वेरिएंट की पहचान हो सकती है.

भोपाल। देश में कोरोना संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है. इस बीच एक नई चिंता सामने आ रही है. कई cases में यह सामने आया है कि संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के सभी लक्षण हैं, लेकिन RT-PCR जांच में वो निगेटिव पाया जा रहा है. कई ऐसे मामले सामने आए जहां किसी व्यक्ति को अपनी तबीयत ठीक नहीं लगी. इसके बाद जांच कराई और रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन कुछ दिनों बाद कुछ लक्षण दिखाई दिए और फिर जांच हुई तो संक्रमित पाए गए. यानी RT-PCR जांच का रिजल्ट पॉजिटिव आया. कई डॉक्टर्स ये भी सलाह दे रहे हैं कि एक बार रिजल्ट आने के बाद भी दोबारा जांच करा लें. यानि कोविड का नया स्टेन RT-PCR टेस्ट को भी धोखा दे सकता है.

खतरनाक 'बहरूपिया'

कोरोना वायरस छिपा हुआ बहुरूपिया है. इसके नये-नये स्ट्रेन लोगों को धराशायी कर रहे हैं, वो भी चुपचाप. वायरस शरीर में है, लेकिन टेस्ट निगेटिव आ रहा है. कुछ लोग कह रहे हैं कि RT-PCR टेस्ट भी अब सौ फीसदी भरोसेमंद नहीं रहा.

कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं? इसके लिए पहले एंटीजेन टेस्ट करवाया जाता है, जिससे ये पता चलता है कि कोई व्यक्ति वायरस के संपर्क में आया या नहीं, लेकिन इसके नतीजे पर निश्चिंत नहीं हो सकते. इसीलिए इस पर भरोसा कम था, लेकिन RT-PCR टेस्ट को फाइनल नतीजा माना जा रहा था. हालांकि अब RT-PCR टेस्ट भी अंतिम कसौटी नहीं है.

खतरनाक 'बहरूपिया' : धोखे से करता है वार, घोंट देता है दम

पुख्ता करने के लिए सीटी स्कैन हो

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन और वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर रमनेश मूर्ति ने बताया कि रिपोर्ट का निगेटिव आने की कई वजहें होती हैं. इसे पुख्ता करने के लिए सीटी स्कैन का सहारा लिया जा सकता है.

RT-PCR टेस्ट के नतीजे 20 फीसदी तक गलत!

कुछ रिपोर्ट्स बता रही हैं कि RT-PCR टेस्ट के नतीजे 20 फीसदी तक गलत साबित हो रहे हैं. यानी हर 5 में से एक व्यक्ति का टेस्ट रिज़ल्ट सही नहीं है. कई राज्यो में ऐसे मरीज मिल रहे हैं जिनमें कोरोना के लक्षण हैं लेकिन टेस्ट बार-बार निगेटिव आ रहा है. ये कोरोना की दूसरी लहर का कहर है, सवाल ये है कि टेस्ट में वायरस पकड़ में क्यों नहीं आ रहा?

चंडीगढ़ से पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर एसके जिंदल का भी मानना है कि नए स्ट्रेन की वजह से कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं , लेकिन टेस्ट में उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है. फिर भी फिलहाल RT-PCR टेस्ट ही सबसे भरोसेमंद है.

कोरोना वायरस की पुष्टि में हो रही देरी

इसकी वजह से मरीज़ों में कोरोना वायरस की पुष्टि बहुत देर से हो रही है. तब तक मामला गंभीर हो जाता है और मरीज़ अस्पताल तक पहुंच जाता है. मरने वालों की संख्या बढ़ने का एक कारण ये भी है. दूसरी मुसीबत ये है कि RT-PCR टेस्ट के नतीजे आने में देरी हो रही है. रिपोर्ट आने में कई दिन लग रहे हैं. डॉक्टर्स कह रहे हैं कि चिंता इस बात की है कि लोग पॉजिटिव रहते हैं, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आती है .जिसके बाद वो बाहर घूमते हैं . इससे संक्रमण फैलने का डर होता है.

केन्द्र ने मीडिया रिपोर्ट्स को किया खारिज

सरकार ने कई मीडिया रिपोर्ट्स में छपी म्यूटेंट्स की थ्योरी को खारिज कर दिया. सरकार ने कहा, 'अब तक दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई डेटा या अध्ययन नहीं है, जिसमें RT-PCR टेस्ट को भी चकमा देकर कोई वैरिएंट जांच में पकड़ा ना गया हो. केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, कि ये सही है कि कोरोना केसेस 2020 की तुलना में काफी ज्यादा आ रहे हैं. लेकिन ये भी सच है कि 2020 के मुकाबले हमारे पास अब अनुभव भी ज्यादा है. हम पहले भी कठिन दौर से निकले हैं और अब भी निश्चित रूप से निकलेंगे.

24 घंटे में एक मरीज की 3 बार मौत ! शव लेन पहुंचे तो हो गया जिंदा

दो जांचें जरूर करवा लें

अब आप समझ गए होंगे कि ये नया वेरिएंट कितना खतरनाक है, लेकिन अब आपको इसका समाधान बताते हैं. अगर आपको कोरोना है और रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो ऐसी स्थिति में आप दो चीजें कर सकते हैं.

पहला आप Chest का CT Scan करवा कर इस वायरस का पता लगा सकते हैं और दूसरा आप BAL नाम के एक दूसरे टेस्ट से भी इसका पता लगा सकते हैं. इस टेस्ट में एक स्कूप मुंह या नाक की नली से फेफड़ों में पहुंचाया जाता है और फिर नमूने लेकर उनकी जांच की जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रक्रिया से नए वेरिएंट की पहचान हो सकती है.

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