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MP Local Body Election:मध्य प्रदेश 46 नगरीय निकायों में 27 सितंबर को होगा मतदान, जीत की रणनीति बनाने जुटी पार्टियां - MP urban bodies election empact

मध्य प्रदेश के 46 नगरीय निकायों के लिए होने वाले चुनाव में 27 सितंबर को मतदान होना है. ये चुनाव प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अहम माने जा रहे हैं. इसे लेकर सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कमर कस ली है. चुनाव वाले अधिकांश क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य हैं, जिसके चलते दोनो ही पार्टियां जीत की रणनीति बनाकर जमीन पर उतर रही हैं. mp local body election, MP BJP local body election, MP urban bodies election, MP assembly elections 2023

MP local body election
एमपी नगरीय निकाय चुनाव
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Published : Sep 22, 2022, 6:38 PM IST

भोपाल। आमतौर पर नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव को राजनीतिक दल खास अहमियत नहीं देते मगर इन दिनों मध्य प्रदेश में होने वाले नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव खासे महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले के होने वाले ये चुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं. इन चुनावों की हार-जीत के पीछे दोनों ही पार्टियों के लिए 2023 का संदेश छुपा होगा. बड़े सन्देश छुपे हुए हैं. राज्य में 18 जिलों के 46 नगरीय निकायों में 27 सितंबर को मतदान होना है. (mp local body election)

MP Local Body Election 2022: पथरिया विधायक रामबाई के बिगड़े बोल, नपाध्यक्ष को चप्पल मारने की कही बात, देखें Video

प्रदेश अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा: दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल इन 46 नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर पूरी तरह सतर्क है. पार्टियां जीत की रणनीति बनाकर काम कर रही हैं. भाजपा ने जमीनी स्तर पर मोर्चा संभाल लिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा उन इलाकों के दौरे पर हैं जहां नगरीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं. भाजपा ने इन इलाकों में सक्षम उम्मीदवारों पर दांव लगाने का मन बनाया है. इसके लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी अंतिम दौर में है. (MP BJP local body election) कांग्रेस ने अपनी रणनीति का अब तक खुलासा नहीं किया है. भोपाल में नेताओं और जिला प्रभारियों की बैठक हुई है जिसके बाद कांग्रेस भी क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा रही है. कांग्रेस भी इन चुनावों में जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं. (MP congress)

आदिवासियों पर डाल रहे डोरे: राज्य में आदिवासी वोट बैंक को कांग्रेस अपना वोट बैंक मानकर चलती है और यही कारण है कि पार्टी इन इलाकों में अपनी जीत की उम्मीद लेकर चल रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा को भरोसा है कि केंद्र और राज्य सरकार की आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के चलते सफलता उसके हाथ लगेगी. (MP urban bodies election) दोनों ही राजनीतिक दल अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, मगर इन चुनावों के नतीजों का बड़ा संदेश रहने वाला है. इसकी वजह भी है क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं और इन चुनावों की हार जीत का आदिवासी वर्ग में बड़ा संदेश जाएगा. नगरीय निकायों के यह 46 क्षेत्र राज्य के 18 जिलों में आते हैं जो आदिवासी बाहुल्य हैं. (MP assembly elections 2023)

-आईएएनएस

भोपाल। आमतौर पर नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव को राजनीतिक दल खास अहमियत नहीं देते मगर इन दिनों मध्य प्रदेश में होने वाले नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव खासे महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले के होने वाले ये चुनाव काफी अहम माने जा रहे हैं. इन चुनावों की हार-जीत के पीछे दोनों ही पार्टियों के लिए 2023 का संदेश छुपा होगा. बड़े सन्देश छुपे हुए हैं. राज्य में 18 जिलों के 46 नगरीय निकायों में 27 सितंबर को मतदान होना है. (mp local body election)

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प्रदेश अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा: दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल इन 46 नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर पूरी तरह सतर्क है. पार्टियां जीत की रणनीति बनाकर काम कर रही हैं. भाजपा ने जमीनी स्तर पर मोर्चा संभाल लिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा उन इलाकों के दौरे पर हैं जहां नगरीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं. भाजपा ने इन इलाकों में सक्षम उम्मीदवारों पर दांव लगाने का मन बनाया है. इसके लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी अंतिम दौर में है. (MP BJP local body election) कांग्रेस ने अपनी रणनीति का अब तक खुलासा नहीं किया है. भोपाल में नेताओं और जिला प्रभारियों की बैठक हुई है जिसके बाद कांग्रेस भी क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा रही है. कांग्रेस भी इन चुनावों में जीत के लिए पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं. (MP congress)

आदिवासियों पर डाल रहे डोरे: राज्य में आदिवासी वोट बैंक को कांग्रेस अपना वोट बैंक मानकर चलती है और यही कारण है कि पार्टी इन इलाकों में अपनी जीत की उम्मीद लेकर चल रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा को भरोसा है कि केंद्र और राज्य सरकार की आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के चलते सफलता उसके हाथ लगेगी. (MP urban bodies election) दोनों ही राजनीतिक दल अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, मगर इन चुनावों के नतीजों का बड़ा संदेश रहने वाला है. इसकी वजह भी है क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं और इन चुनावों की हार जीत का आदिवासी वर्ग में बड़ा संदेश जाएगा. नगरीय निकायों के यह 46 क्षेत्र राज्य के 18 जिलों में आते हैं जो आदिवासी बाहुल्य हैं. (MP assembly elections 2023)

-आईएएनएस

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