भोपाल। राज्य सरकार ने पंचायतों को प्रशासकीय अधिकार दे दिए हैं. पिछले दिनों विभाग ने इस संबंध में आदेश निकाले थे, लेकिन अगले दिन ही आदेश को निरस्त कर दिया गया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने त्रिस्तरीय पंचायतों को वर्चुअल संबोधित करते हुए प्रशासकीय अधिकार दिए जाने का ऐलान किया है. सीएम ने कहा कि विकास और जनकल्याण की दिशा में बिना पंचायतों को अधिकार दिए काम नहीं किए जा सकते. हालांकि सीएम ने कहा कि यदि कहीं दुरूपयोग हुआ तो प्रशासनिक अधिकार वापस ले लिए जाएंगे. सीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने में पंचायत भी क्राइसेस मैनेजमेंट में अपनी भूमिका निभाएं.
पंचायतों को मिले वित्तीय अधिकार
प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बार फिर ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन समूहों को सक्रिय कर दिया है. पंचायतों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव में देरी हुई है. मेरा मानना है कि लोकतंत्र में निर्वाचित प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होता है. उसी विचार से प्रशासकीय समिति बनाकर पूर्व में जिम्मेदारी सौंपी गई थी, एक बार फिर पंचायतों की प्रशासकीय समितियों को वित्तीय अधिकार दे दिए हैं. सीएम ने तत्काल इस संबंध में आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं. वित्तीय अधिकार दिए जाने को लेकर पूर्व पंचायत प्रतिनिधि प्रदेश भर में ज्ञापन दे रहे हैं. गौरतलब है कि 6 जनवरी को पूर्व सरपंच की प्रशासकीय समिति से वित्तीय अधिकार वापस ले लिए गए थे.
कोरोना से निपटने में निभाएं भूमिका
पंचायत प्रतिनिधियों को संबांधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि पंचायत स्तर भी क्राइसेस मैनेजमेंट में भूमिका निभाएंगे. कोरोना की यह लहर पहले की अपेक्षा घातक कम है. अस्पताल में 4 फीसदी लोग ही भर्ती हो रहे हैं और जो लोग भर्ती हो रहे हैं उन्हें ऑक्सीजन और आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ रही है. लेकिन सभी को सतर्क रहने की जरूरत है. अगले एक माह में कोरोना के केस बढ़ने की संभावना है. इसलिए गांव में किसी को सर्दी जुकाम या बुखार है तो उसका टेस्ट कराएं. सीएम ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जिले के टेस्ट का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसमें कलेक्टर सुनिश्चित करें कि उसे ब्लाॅक और पंचायतों में भी टेस्ट कराकर पूरा करें. ब्लाॅक में भी फीवर क्लीनिक की व्यवस्थाएं देखें.
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