भोपाल। प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के नामांकन निरस्त होने की वजह से निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवार के मामले में कलेक्टर और कमिश्नर द्वारा जांच की जाएगी. जांच में अगर सामने आया कि रिटर्निंग ऑफिसर या सहायक रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा जानबूझकर नामांकन निरस्त किया गया, तो ऐसा करना अधिकारियों को भारी पड़ेगा. (MP Panchayat Chunav)
नामांकन जमा करने की आज आखिरी तारीख: कई बार ऐसा किया जाता है कि निर्विरोध को जिताने के लिए जानबूझकर नामांकन निरस्त कर दिए जाते हैं, लेकिन ऐसे मामलों में निरस्त किए गए नामांकन की जांच की जाएगी. ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो सके. प्रदेश में पंचायत चुनाव में नामांकन जमा करने की आज यानी की सोमवार को आखिरी तारीख है. उम्मीदवार 10 जून तक अपने नामांकन को वापस ले सकेंगे. (politics of panchayat elections)
निरस्त नामांकन की होगी जांच: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रकिया चल रही है. जिन उम्मीदवारों ने अपने नामांकन जमा किए हैं, वे 10 जून तक अपने नामांकन वापस ले सकेंगे. हालांकि इस दौरान जानबूझकर नामांकन निरस्त न हो सके इसलिए निरस्त होने वाले नामांकन की उच्च अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने की व्यवस्था की गई है. अधिकारियों द्वारा ऐसे नामांकनों की जांच की जाएगी, जिनके निरस्त होने से कोई उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो रहे हों. ऐसे मामलों में रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा निरस्त किए गए नामांकनों की जांच होगी और यदि इसमें गड़बड़ी मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मध्य प्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम की धारा 36 में इस तरह के प्रावधान किए गए हैं.
- पंच, सरपंच के मामलों में एसडीएम निरस्त किए गए नामांकन पत्रों की जांच करेंगे.
- जनपद पंचायत सदस्य के मामलों में कलेक्टर निरस्त किए गए नामांकन पत्रों की जांच करेंगे.
- जिला पंचायत सदस्य के मामलों में संभागायुक्त मामले की जांच करेंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग (MP state election commission) के सचिव राकेश सिंह (Rakesh Singh State Election Commission Secretary) के मुताबिक पंचायत चुनाव में पादर्षिता बनाए रखने के लिए इस तरह के प्रावधान किए गए हैं, ताकि निस्पक्ष रूप से जनप्रतिनिधि चुनकर आ सकें.
10 जून तक ले सकेंगे नाम वापस: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मैदान में उतरने के लिए और नामांकन जमा करने वाले उम्मीदवार 10 जून तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रदेश के 3 करोड़ 98 लाख 78 हजार मतदाता अपने जनप्रतिनिधि को चुनेंगे. ये मतदाता 875 जिला पंचायत सदस्य, 6 हजार 771 जनपद पंचायत सदस्य, 22 हजार 921 सरपंच और 3 लाख 63 हजार 726 पंच के लिए मतदान करेंगे. इसके लिए 71 हजार 643 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.