भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस (congress) और उसके नेताओं को आदिवासी विधायकों (Adivasi mla) और नेताओं (Adivasi leader) से मुलाकात भारी पड़ गई. पार्टी की बैठक में शामिल हुए विधायक और नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (Madhya Pradesh congress president) कमलनाथ (kamalnath) के सामने ही पार्टी की कमियां गिनाने लगे. आदिवासी नेताओं ने कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी आदिवासी को बनाए जाने की मांग उठाई. मीटिंग के दौरान खरी-खरी सुनाते हुए आदिवासी नेताओं (Adivasi leader) ने कहा कि सत्ता में आने के बाद पार्टी नेताओं ने जमीनी कार्यकर्ताओं को भुला दिया. हालात यह है कि मंत्री रहे नेता ही आदिवासी क्षेत्र के नेताओं को नहीं पहचानते.
आदिवासी को बनाएं कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष
पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने आदिवासी नेताओं की बैठक के दौरान कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष (congress national president) किसी आदिवासी को बनाए जाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि 3 साल से कांग्रेस का कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष (congress national president) ही नहीं है. ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसी (Adivasi leader) आदिवासी को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष (national president )घोषित करे. कांग्रेस विधायक (congress mla) ने कहा कि जिस तरह आदिवासी (Adivasi vote bank)वोट बैंक को फोकस करके बीजेपी (pm modi) की केंद्रीय लीडरशिप मध्य प्रदेश आ रही है इसे देखते हुए कांग्रेस (congress) कि केंद्रीय नेतृत्व को भी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) आना चाहिए.
बिरसा मुंडा पर बीजेपी ने कार्यक्रम किया, कांग्रेस भूल गई
कार्यक्रम के कार्यक्रम में शामिल हुए आदिवासी नेताओं ने कहा कि बीजेपी ने बड़े स्तर पर आदिवासी समाज के जननायक बिरसा मुंडा जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया, लेकिन कांग्रेस ने इसे लेकर पार्टी स्तर पर एक निर्देश भी जारी नहीं किया कि आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी स्तर पर ही कार्यक्रम किए जाएं.
कांग्रेस ने नहीं किया आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर काम
कांग्रेस विधायक (congress mla) और जयस नेता हीरालाल ने कांग्रेस नेताओं (congress mla) को आईना दिखाते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में बीजेपी माइक्रोमैनजमेंट के साथ काम कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेता दूरी बनाए हुए हैं. जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (Madhya Pradesh congress president) कमलनाथ (kamalnath) कह रहे थे कांग्रेस के 11 महीने के शासन में कांग्रेस ने आदिवासी समाज को नई दिशा देने का काम किया है. उन्होंने हीरालाल के सवाल का जवाब देते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ ध्यान भटकाने का काम कर रही है.इसे रोकने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में सक्रिय सभी संगठनों को इसे समझना होगा.
कांग्रेस के नाम से नहीं जुटते आदिवासी
हीरालाल अलावा ने कहा कि जयस (जय आदिवासी युवा संगठन) बिना पैसे खर्च कर एक आवाज पर 50,000 आदिवासियों को एकजुट कर लेता है, लेकिन कांग्रेस के नाम पर एक भी आदमी नहीं जुटता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ आदिवासी युवा नहीं जुड़ रहा, जो चिंता की बात है. इसे देखते हुए कांग्रेस नेता बीजेपी नेताओं की तरह आदिवासी क्षेत्रों में जाएं और उनके साथ बैठकर चर्चा करें और खाना खाए. मनावर के डुबरी से आए आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के बाद हमारे आदिवासी नेता जमीनी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनते. वे अपने आसपास कुछ 'पट्ठों' को रखते हैं और सुनते भी उन्हीं की हैं.