भोपाल । पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा पिछले 4 सितम्बर से संचालित ग्रीन गणेश अभियान (Green Ganesh campaign) के अंतिम दिन 700 से अधिक बच्चों और नागरिकों ने गणेश मूर्ति प्रतिमा (Ganesh idols) निर्माण का प्रशिक्षण लिया. पर्यावरण परिसर में आयोजित शिविर में तकरीबन 500 लोगों ने और राज्य स्तरीय ऑनलाइन शिविर में 200 से अधिक ईको क्लब के मास्टर ट्रेनर्स, प्रभारी शिक्षकों और प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों को मूर्ति निर्माण सिखाने का प्रशिक्षण दिया. मूर्ति विशेषज्ञ कमलेश वर्मा ने जहां मूर्ति बनाना सिखाया वहीं, अधिकारियों ने मिट्टी गणेश मूर्ति विसर्जन से पर्यावरण को होने लाभों की जानकारी दी.
कोरोना नहीं हरा सका जज्बे को
अधीक्षण यंत्री जे.पी. नामदेव ने बताया कि वर्ष 2016 से गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) के पूर्व एप्को द्वारा भोपाल के विभिन्न स्थानों पर शिविर लगा कर गणेश प्रतिमा निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाता था, परन्तु इस बार कोरोना की वजह से केवल एप्को के अरेरा कॉलोनी स्थित पर्यावरण परिसर में ही शाम 3 से 6 बजे तक पांच दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में बैरागढ़, कोलार, इतवारा, कोहेफिजा, अवधपुरी क्षेत्र की कॉलोनियों के बच्चे भी अपने माता-पिता के साथ आये और गणेश मूर्ति बनाकर उमंग-उत्साह के साथ घर ले गए.
Ganeshotsav 2021: मध्य प्रदेश में गणेशोत्सव पर मिट्टी पर आधारित प्रतिमाएं बनाने पर जोर
बैरागढ़ के असवानी परिवार ने बताया कि वे अपने बच्चे मनोमय को पर्यावरण संरक्षण और सुसंस्कारित बनाने के लिए इतनी दूर से आए हैं. वहीं गुलमोहर कालोनी की रिद्धिमा ने बताया कि हम हमारे बनाए हुए गणेश जी की पूजा करेंगे यह सोच कर ही बहुत खुशी हो रही है. बच्चों में गणेश मूर्ति बनाने का उत्साह इतना था कि 6 बजे शिविर समाप्त होने के बावजूद लोग आते रहे और रात 8 से 9 बजे तक मिट्टी के गणेश का निर्माण कर उत्साह के साथ घर ले गए. लोगों के उत्साह को देखते हुए एप्को के अधिकारी कर्मचारी भी रुके रहे.