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Mauni Amavasya 2022: इस दिन मनाई जाएगी मौनी अमावस्या, जानें तिथी और शुभ मुहूर्त

माघ मास की माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या इस साल 1 फरवरी यानी की मंगलवार को है. इसे सोमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन की पूजा खास तौर पर पितरों को समर्पित रहती है. इस पूजा के विशेष विधि-विधान हैं.

pitra dosh on maghi amavasya
मौनी अमावस्या तिथि शुभ मुहूर्त
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Published : Jan 24, 2022, 3:55 PM IST

भोपाल। हर महीने की तरह ही माघ मास की अमावस्या को माघी (Maghi Amavasya 2022) और मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) कहा जाता है. साल 2022 में मौनी अमावस्या 1 फरवरी यानी की मंगलवार को है. हर अमावस्या की तरह ही मौनी अमावस्या के दिन भी विधि-विधान से भगवान का पूजन किया जाता है, लेकिन इस दिन की पूजा-पाठ के लिए कुछ विशेष नियम भी होते हैं. आइए जानतें हैं इस व्रत के नियम के बारे में.

क्या कहते हैं नियम

1. सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त या सांयकाल में स्नान के पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए.

2. इसके बाद ब्रह्ममुहूर्त में गंगा या किसी भी नदी, तालाब या कुंड में स्नान करना चाहिए.

3. स्नान करने के पश्चात साफ कपड़े पहन कर, जल में काले तिल डालकर सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए.

4. सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद मंत्र जाप और दान इत्यादि करना चाहिए. इसके साथ ही, अनाज, तिल, घी, आंवला, कपड़े, कंबल और गाय के लिए चारा या भूसा भी दान कर सकते हैं.

5. मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखना चाहिए परन्तु यदि संभव नहीं है तो आप साधारण व्रत भी धारण कर सकते हैं.

6. नियमों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन क्रोध नहीं करना चाहिए पोर न ही किसी से अपशब्द न कहना चाहिए.

7. मौनी अमावस्या के व्रत के दिन भक्तों को ईश्वर की भक्ति में मग्न रहना चाहिए.

तिथी और शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या तिथि आरंभ:- 31 जनवरी रात 2 बजकर 18 मिनट से

मौनी अमावस्या तिथि का समापन:- 1 फरवरी सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर

अमावस्या क्यों है महत्वपूर्ण

कहा जाता है कि, पितरों के लिए हर माह पड़ने वाली अमावस्या का दिन विशेष होता है. इस दिन किए गए कुछ उपायों से जहां पितृ दोष (Pitra Dosh) दूर होते हैं वहीं, पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन तर्पण, पिंड भी दान किया जाता है, जिससे पितर तृप्त हो सकें.

भोपाल। हर महीने की तरह ही माघ मास की अमावस्या को माघी (Maghi Amavasya 2022) और मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) कहा जाता है. साल 2022 में मौनी अमावस्या 1 फरवरी यानी की मंगलवार को है. हर अमावस्या की तरह ही मौनी अमावस्या के दिन भी विधि-विधान से भगवान का पूजन किया जाता है, लेकिन इस दिन की पूजा-पाठ के लिए कुछ विशेष नियम भी होते हैं. आइए जानतें हैं इस व्रत के नियम के बारे में.

क्या कहते हैं नियम

1. सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त या सांयकाल में स्नान के पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए.

2. इसके बाद ब्रह्ममुहूर्त में गंगा या किसी भी नदी, तालाब या कुंड में स्नान करना चाहिए.

3. स्नान करने के पश्चात साफ कपड़े पहन कर, जल में काले तिल डालकर सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए.

4. सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद मंत्र जाप और दान इत्यादि करना चाहिए. इसके साथ ही, अनाज, तिल, घी, आंवला, कपड़े, कंबल और गाय के लिए चारा या भूसा भी दान कर सकते हैं.

5. मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखना चाहिए परन्तु यदि संभव नहीं है तो आप साधारण व्रत भी धारण कर सकते हैं.

6. नियमों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन क्रोध नहीं करना चाहिए पोर न ही किसी से अपशब्द न कहना चाहिए.

7. मौनी अमावस्या के व्रत के दिन भक्तों को ईश्वर की भक्ति में मग्न रहना चाहिए.

तिथी और शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या तिथि आरंभ:- 31 जनवरी रात 2 बजकर 18 मिनट से

मौनी अमावस्या तिथि का समापन:- 1 फरवरी सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर

अमावस्या क्यों है महत्वपूर्ण

कहा जाता है कि, पितरों के लिए हर माह पड़ने वाली अमावस्या का दिन विशेष होता है. इस दिन किए गए कुछ उपायों से जहां पितृ दोष (Pitra Dosh) दूर होते हैं वहीं, पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन तर्पण, पिंड भी दान किया जाता है, जिससे पितर तृप्त हो सकें.

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