भोपाल। एमपी की सियासत में कैथलिक किस ! शब्द थोड़ा नया है लेकिन मध्यप्रदेश की सियासत में इसकी धमाकेदार एंट्री हुई है. मामला था सोमवार को एमपी के दो दिग्गज नेताओं की मुलाकात का. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया mahanaryaman scindia take blessings अपने बेटे आर्यमन को लेकर कैलाश विजयवर्गीय के घर पहुंचे. इस दौरान सिंधिया ने अपने बेटे को कैलाश जी से आशीर्वाद लेने को कहा महाआर्यमन में आशीर्वाद लिया भी, लेकिन इसमें कांग्रेस को कुछ अजीब लगा. अब विजयवर्गीय के पांव छूने को लेकर कांग्रेस ने congress comments jyotiraditya scindia महाराज की चुटकी ली है. जिसपर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कैथलिक किस की चर्चा छेड़ दी है.
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“ बेटा ये भाजपा है , आशीर्वाद लेना पड़ेगा…” pic.twitter.com/Lf5PDDXNPH
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— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 23, 2022
कांग्रेस को रास नहीं आया आशीर्वाद: सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ने कैलाश विजयवर्गीय के पांव क्या छुए, इस पर सियासी छिंटाकशी शुरु हो गई. पांव छूने पर कांग्रेस ने महाराज सिंधिया की चुटकी ली. सिंधिया अपने बेटे महाआर्यमन को लेकर इंदौर पहुंचे और उन्होंने अपने बेटे से कहा कि कैलाश विजयवर्गीय जी का आशीर्वाद लें, पहले महाआर्यमन ने प्रणाम किया, पिता के कहने पर महाआर्यमन ने कैलाश के पांव छुए. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने तंज कसते हुए कहा ये बीजेपी है यहां आशीर्वाद तो लेना ही पड़ेगा. सलूजा ने एक और ट्वीट करते हुए सिंधिया की फोटो टैग की और लिखा कि क्या से क्या हो गया.
बीजेपी ने कहा कैथलिक किस कांग्रेस की परंपरा: कांग्रेस नेता के इन ट्वीट पर बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने तंज कसते हुए लिखा .भैया हम हिंदुओं के यहां तो आशीर्वाद ही लिए जाते हैं, कैथलिक चुंबन तो आपके यहां प्रचलित है. इस बयान पर सियासी बवाल मच गया है.
ईसाई समाज ने दर्ज कराई आपत्ति: आशीर्वाद और कैथलिक किस के बीच की सियासी रस्साकशी के बीच ईसाई समाज भी इस मामले में कूद पड़ा है. राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के संयोजक फादर आनंद मुटुंगल ने कैथलिक किस शब्द को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि बीजेपी को इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए .ईसाई समाज इसका विरोध करता है, इस तरह की कोई परंपरा कैथोलिक्स में नहीं होती.