भोपाल। मध्य प्रदेश में 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए कोविड विरोधी टीकाकरण अभियान बुधवार से शुरू हो गया. अधिकांश राज्यों द्वारा एक ही आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू करने के एक सप्ताह बाद यह अभियान शुरू हुआ. कई राज्यों ने 16 मार्च से इस आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है. अनुमान है कि राज्य में इस आयु वर्ग के लगभग 30 लाख बच्चे हैं.
12-13 साल के बच्चों को कॉर्बेवैक्स, 14 साल से अधिक वालों को कोवैक्सीन: सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल में शुरू किए गए टीकाकरण कार्यक्रम में मौजूद राज्य के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि 12 और 13 साल के बच्चों को कॉर्बेवैक्स दिया जाएगा और 14 साल और उससे अधिक उम्र वालों को कोवैक्सीन दी जाएगी. सभी प्रखंड एवं जिला स्तर पर अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को आवश्यक प्रशिक्षण देकर 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया गया है.
बच्चों के टीकाकरण का रखा गया लक्ष्य: सरकार ने पहले दिन इंदौर जिले में इस आयु वर्ग के लगभग 50,000 और भोपाल में लगभग 43,000 बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा है. बच्चों को उनके स्कूल या नजदीकी टीकाकरण केंद्र पर खुराक मिलेगी. जिन बच्चों के पास कोई दस्तावेज नहीं है, उनके लिए जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है.
टीकाकरण को लेकर जारी होगा एफएक्यू: अधिकारी ने कहा, 'प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए टीका लगाने से पहले बच्चों की जन्म तिथि की अच्छी तरह से जांच करने के लिए कहा गया है कि बच्चा 12 साल से कम का ना हो. हमने एक विस्तृत एफएक्यू जारी करने का भी फैसला किया है, क्योंकि बच्चों और उनके माता-पिता के पास उनके टीकाकरण से संबंधित प्रश्न हो सकते हैं'.
60 वर्ष से अधिक के लिए एहतियाती खुराक उपलब्ध: 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों का कोविड-19 निवारक टीकाकरण 3 जनवरी को शुरू हुआ था. ऐसे लाभार्थियों के लिए, टीकाकरण विकल्प केवल कोवैक्सीन है. इस बीच, बुधवार से 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी पात्र व्यक्तियों के लिए एहतियाती खुराक उपलब्ध है. उन्हें टीका लगवाने के लिए कोई मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत नहीं होगी.
इनपुट - आईएएनएस