भोपाल। केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार जीएसटी के करीब 5995 करोड़ रुपए देने हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में इस राशि को जल्द उपलब्ध कराने की मांग प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने की है. उन्होंने बताया कि, प्रदेश को इस वर्ष 2600 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि मिल चुकी है.
बैठक का एजेंडा राज्यों के जीएसटी राजस्व में आई कमी की क्षतिपूर्ति किए जाने से संबंधित था. बैठक में लगभग सभी सदस्यों द्वारा अपना मत रखा गया. कोरोना काल में राज्यों के जीएसटी संग्रहण में आई कमी की क्षतिपूर्ति किस प्रकार की जाए, इस पर विस्तृत विचार किया गया. जिस पर आम सहमति बनी कि, राज्यों द्वारा जीएसटी राजस्व में आई कमी की पूर्ति के लिये आरबीआई के माध्यम से लोन लिया जाए. इसका विस्तृत प्रस्ताव केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से जल्द ही राज्यों को भेजा जाएगा. प्रस्ताव प्राप्त होने के सात दिन बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक कर आगामी निर्णय लिया जाएंगे.
राज्यों को दिए दो विकल्प
जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में क्षतिपूर्ति की राशि को लेकर राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से दो विकल्प दिए गए हैं, पहला यह है कि, राज्य विशेष प्रावधान के तहत रिजर्व बैंक से 97 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लें, दूसरा विकल्प यह है कि, 2.35 लाख करोड़ रुपए की राशि राज्य आरबीआई के माध्यम से बाजार से उधार लें. इनमें से कोई भी विकल्प अपनाने पर राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से मदद की जाएगी. राज्यों को फैसला करने के लिए 1 सप्ताह का समय भी दिया गया है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि, जीएसटी काउंसलिंग कानून के तहत वो सिर्फ जीएसटी लागू करने की दिक्कतों से आय घटने के लिए बाध्य है, लेकिन कोविड-19 से जो मंदी आई है, उसके चलते राजस्व में कमी की भरपाई वो नहीं करेगा. केंद्र सरकार इस 97 हजार करोड़ की भरपाई के लिए आरबीआई की मदद से स्पेशल विंडो स्थापित करके राज्यों को कम दर पर कर्ज़ दिलाने की व्यवस्था करने में जरूर मदद करेगा.
एक दर पर मिलेगा कर्ज
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि, सभी राज्यों को एक दर पर कर्ज मिलेगा, वित्त मंत्रालय के मुताबिक यदि कोई राज्य कंपनसेशन के अनुपात से कम कर्ज लेता है, तो केंद्र उसकी भरपाई बाद में कर देगा. वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि, यह व्यवस्था चालू वित्त वर्ष के लिए ही लागू होगी.