भोपाल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठन में नियुक्तियों के दौर पर लगभग विराम लग गया है, लेकिन अब निगम-मंडलों में अध्यक्षों के अलावा आयोगों में नियुक्ति की बारी आ गई है. राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी हुए लगभग डेढ़ साल का वक्त हो गया है, इससे लगभग एक माह पहले विष्णु दत्त शर्मा ( VD Sharma) ने प्रदेश में भाजपा की कमान संभाली थी. बीते सवा साल के दौरान सियासी तौर पर कई बड़े बदलाव हुए हैं.
28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव: 19 में भाजपा जीती, 9 पर कांग्रेस
राज्य में पहले 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव (by-election) हुए जिनमें से 19 में भाजपा जीती तो 9 पर कांग्रेस ने बाजी मारी. इसके बाद दमोह (Damoh) विधानसभा का उपचुनाव हुआ और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. राज्य में पहले प्रदेश अध्यक्ष का बदला जाना और फिर भाजपा की सत्ता में हुई वापसी के बाद से ही संगठन में नियुक्ति और सत्ता में हिस्सेदारी की चचाएं जोर पकड़ती रही हैं.
भाजपा ने संगठन में किया बदलाव
किसी भी दल में यह नियुक्तियां सत्ता और संगठन दोनों के लिए आसान नहीं होती, यही कारण रहा कि बीते सवा साल में तमाम कशमकश के बीच जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश इकाई तक में नए चेहरों को जगह दी गई. कुल मिलाकर भाजपा ने संगठन में बदलाव कर अपना चेहरा भी बदलने की कोशिश की है, यही कारण है कि संगठन में बुजुर्गों की जगह युवाओं की भरमार है.
निगम-मंडलों की संभावित नियुक्तियों पर नज़र
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा प्रदेश इकाई में लगभग सभी नियुक्तियां करने के साथ विभिन्न मोर्चों के अध्यक्षों के अलावा उनकी कार्यकारिणी का भी गठन कर चुके हैं. कुल मिलाकर पार्टी की प्रदेश मुख्यालय से लेकर गांव तक की इकाईयां लगभग तैयार हो चुकी हैं. अब सबकी नजर निगम-मंडलों से लेकर आयोग की संभावित नियुक्तियों पर है.
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सूची को अंतिम रूप दिए जाने की चर्चा
भाजपा में निगम-मंडल और आयोगों में नियुक्ति को लेकर काफी अरसे से कोशिशें चल रही हैं, इस मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विचार-विमर्श हो चुका है. इतना ही नहीं राज्य के प्रभारी मुरलीधर राव और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की भी चर्चा हो चुकी है. इसके बाद अज्ञात स्थान पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, मुख्यमंत्री के अलावा अन्य पदाधिकारियों की गुप्त बैठक भी हुई, जिसमें सूची को अंतिम रूप दिए जाने की भी चर्चा है.
इमरती देवी सहित सिंधिया के करीबियों की सत्ता में हिस्सेदारी लगभग तय
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि निगम-मंडलों के अलावा आयोग में संभावित नियुक्तियों की सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है. पहले चरण में सिंधिया के करीबी जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे उनमें शामिल इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया, एंदलसिंह कंसाना, कमलेश जाटव के अलावा संगठन के कुछ पदाधिकारियों की सत्ता में हिस्सेदारी लगभग तय मानी जा रही है. इसके बाद ही अन्य लोगों की नियुक्तियां संभावित हैं.
आशीर्वाद यात्रा खत्म होने के बाद 24 अगस्त के आसपास नामों का ऐलान
भाजपा सूत्रों की माने तो राज्य के संगठन और सत्ता के बीच सहमति बन चुकी है, बस अब सिर्फ पार्टी हाईकमान की अंतिम मुहर लगने का इंतजार है. संभावना इस बात की है कि राज्य में तीन केंद्रीय मंत्रियों की आशीर्वाद यात्रा (Central Ministers Ashirvad yatra) खत्म होने के बाद, यानी 24 अगस्त के आसपास नामों का ऐलान हो सकता है.
(इनपुट-आईएएनएस)