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52 साल पहले राजमाता ने गिराई थी MP की कांग्रेस सरकार, अब पोते ने दोहराया वही इतिहास

मध्य प्रदेश में 15 महीने पहले बनी कमलनाथ सरकार गिर गई. इस सरकार के गिरने में सिंधिया परिवार का फिर अहम रोल रहा. क्योंकि सरकार के गिरते ही पांच दशक पुराना इतिहास सूबे की सियासत में फिर दोहराया गया. पांच दशक पहले राजामाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस के द्वारका प्रसाद मिश्र की सरकार गिराई थी. तो अब कमलनाथ सरकार गिराने में उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहम रोल रहा.

siyaasat ka badalaapur
सियासत का बदलापुर
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Published : Mar 20, 2020, 8:55 PM IST

Updated : Mar 21, 2020, 11:46 AM IST

भोपाल/ग्वालियर। मध्य प्रदेश में जारी सत्ता का सियासी संग्राम 17 दिन बाद आखिरकार खत्म हो गया. 15 महीने की कमलनाथ सरकार गिर गई. कांग्रेस सरकार गिरते ही वो इतिहास फिर दोहराया गया जो पांच दशक पहले सूबे की सियासत में देखने को मिला था. सिंधिया परिवार ने एक बार फिर कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई. पांच दशक पहले डीपी मिश्र की सरकार गिराने में जो किरदार राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने निभाया था. कमलनाथ सरकार गिराने में वही रोल उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अदा किया. कहा जाता है कि तब भी सिंधिया परिवार कांग्रेस से नाराज हुआ था और इस बार भी नाराजगी सिंधिया परिवार की ही थी.

सियासत का बदलापुर

राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने गिराई थी डीपी मिश्र की सरकार

1967 में जब मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र ने पचमढ़ी में आयोजित एक कार्यक्रम में राजे रजवाड़ों का मजाक उड़ाया जो राजमाता विजयाराजे सिंधिया को यह नागवार गुजरा. लिहाजा राजमाता ने कांग्रेस के बागी 36 विधायकों के और जनसंघ के 78 विधायकों के साथ मिलकर डीपी मिश्र की सरकार गिराकर गोविंद नारायण सिंह के नेतृत्व में जनसंघ की सरकार बनवाई.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार गिराने में निभाई अहम भूमिका

पांच दशक बाद 2019 में परिस्थितिया फिर 1967 वाली बनीं. जब कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की लगातार बात कही गई. सिंधिया ने चेतावनी भी दी. लेकिन कांग्रेस फिर सिंधिया परिवार की नाराजगी नहीं भांप पाई. लिहाजा राजामाता विजयाराजे सिंधिया की तरह ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदला और बीजेपी में आकर कमलनाथ सरकार गिराने की स्क्रिप्ट लिख दी.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के 20 समर्थक विधायकों ने कमलनाथ सरकार से बगावत करते हुए इस्तीफा दे दिया. 17 दिन तक लंबा सियासी ड्रामा चला. आखिरकार बाजी फिर सिंधिया परिवार ने मारी और कमलनाथ सरकार गिरा दी. यानि प्रदेश में जब-जब भी कांग्रेस की सरकार गिरी तब-तब सिंधिया परिवार की अहम भूमिका रही. जो मध्य प्रदेश के सियासी इतिहास में एक बड़ी घटना बनकर दर्ज हो गई.

भोपाल/ग्वालियर। मध्य प्रदेश में जारी सत्ता का सियासी संग्राम 17 दिन बाद आखिरकार खत्म हो गया. 15 महीने की कमलनाथ सरकार गिर गई. कांग्रेस सरकार गिरते ही वो इतिहास फिर दोहराया गया जो पांच दशक पहले सूबे की सियासत में देखने को मिला था. सिंधिया परिवार ने एक बार फिर कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई. पांच दशक पहले डीपी मिश्र की सरकार गिराने में जो किरदार राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने निभाया था. कमलनाथ सरकार गिराने में वही रोल उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अदा किया. कहा जाता है कि तब भी सिंधिया परिवार कांग्रेस से नाराज हुआ था और इस बार भी नाराजगी सिंधिया परिवार की ही थी.

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राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने गिराई थी डीपी मिश्र की सरकार

1967 में जब मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र ने पचमढ़ी में आयोजित एक कार्यक्रम में राजे रजवाड़ों का मजाक उड़ाया जो राजमाता विजयाराजे सिंधिया को यह नागवार गुजरा. लिहाजा राजमाता ने कांग्रेस के बागी 36 विधायकों के और जनसंघ के 78 विधायकों के साथ मिलकर डीपी मिश्र की सरकार गिराकर गोविंद नारायण सिंह के नेतृत्व में जनसंघ की सरकार बनवाई.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार गिराने में निभाई अहम भूमिका

पांच दशक बाद 2019 में परिस्थितिया फिर 1967 वाली बनीं. जब कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की लगातार बात कही गई. सिंधिया ने चेतावनी भी दी. लेकिन कांग्रेस फिर सिंधिया परिवार की नाराजगी नहीं भांप पाई. लिहाजा राजामाता विजयाराजे सिंधिया की तरह ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदला और बीजेपी में आकर कमलनाथ सरकार गिराने की स्क्रिप्ट लिख दी.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के 20 समर्थक विधायकों ने कमलनाथ सरकार से बगावत करते हुए इस्तीफा दे दिया. 17 दिन तक लंबा सियासी ड्रामा चला. आखिरकार बाजी फिर सिंधिया परिवार ने मारी और कमलनाथ सरकार गिरा दी. यानि प्रदेश में जब-जब भी कांग्रेस की सरकार गिरी तब-तब सिंधिया परिवार की अहम भूमिका रही. जो मध्य प्रदेश के सियासी इतिहास में एक बड़ी घटना बनकर दर्ज हो गई.

Last Updated : Mar 21, 2020, 11:46 AM IST
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