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कोरोना काल में परेशान जूनियर डॉक्टरों की सरकार से मांग, कहा-अपना वादा निभाएं - जूड़ा संगठन मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों ने एक बार फिर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को पत्र लिखा है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे कोरोना काल में सीनियर्स डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इसलिए उनकी मांगों को पूरा किया जाए.

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भोपाल न्यूज
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Published : Sep 9, 2020, 1:44 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर अपने सीनियर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे हैं. जहां सर्वे, सैंपलिंग से लेकर कोविड वार्डों में भी जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा रही है. जिससे अब तक कई जूनियर डॉक्टर्स कोरोना की चपेट मे भी आ चुके हैं. लिहाजा अब इन जूनियर डॉक्टर्स ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए पत्र लिखा है.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि ज्यादा ड्यूटी करने, बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने, हॉस्टलों का सेनिटाइजर समय पर ना होने के कारण उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि कोविड ड्यूटी के बाद रहने के लिए अलग जगह भी उन्हें नहीं मिल रही है. जिससे बहुत सारे डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.

इलाज में बरती जा रही कोताही

जूडा का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो साल पहले घोषणा की थी कि सभी जूनियर डॉक्टर्स का उनके अध्ययन काल में मुफ्त इलाज किया जाएगा, उनके इलाज का खर्च सरकार उठाएगी पर अब जो डॉक्टर कोरोना की लड़ाई में अपना सब कुछ दे रहे हैं. उनके इलाज में कोताही बरती जा रही है. एसोसिएशन की मांगे हैं कि सभी मेडिकल कॉलेजों में काम कर रहे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए कोरोना संक्रमित होने पर अलग से बेड उपलब्ध कराया जाए. जबकि दवाइयां भी निशुल्क मिलनी चाहिए.

डॉक्टर पर हुए हमले की भी जांच कराई जाए

वही जूनियर डॉक्टरों ने मांग की है कि पिछले दिनों जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में जूनियर डॉक्टर अक्षय वर्मा पर सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर की मौजूदगी में जो हमला हुआ है. उसकी भी जांच की जाए. जूडा ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान किया जाए ताकि बिना किसी दबाव के और भयमुक्त होकर अपना काम कर सके.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर अपने सीनियर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे हैं. जहां सर्वे, सैंपलिंग से लेकर कोविड वार्डों में भी जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा रही है. जिससे अब तक कई जूनियर डॉक्टर्स कोरोना की चपेट मे भी आ चुके हैं. लिहाजा अब इन जूनियर डॉक्टर्स ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए पत्र लिखा है.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि ज्यादा ड्यूटी करने, बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने, हॉस्टलों का सेनिटाइजर समय पर ना होने के कारण उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि कोविड ड्यूटी के बाद रहने के लिए अलग जगह भी उन्हें नहीं मिल रही है. जिससे बहुत सारे डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.

इलाज में बरती जा रही कोताही

जूडा का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो साल पहले घोषणा की थी कि सभी जूनियर डॉक्टर्स का उनके अध्ययन काल में मुफ्त इलाज किया जाएगा, उनके इलाज का खर्च सरकार उठाएगी पर अब जो डॉक्टर कोरोना की लड़ाई में अपना सब कुछ दे रहे हैं. उनके इलाज में कोताही बरती जा रही है. एसोसिएशन की मांगे हैं कि सभी मेडिकल कॉलेजों में काम कर रहे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए कोरोना संक्रमित होने पर अलग से बेड उपलब्ध कराया जाए. जबकि दवाइयां भी निशुल्क मिलनी चाहिए.

डॉक्टर पर हुए हमले की भी जांच कराई जाए

वही जूनियर डॉक्टरों ने मांग की है कि पिछले दिनों जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में जूनियर डॉक्टर अक्षय वर्मा पर सिक्योरिटी गार्ड और बाउंसर की मौजूदगी में जो हमला हुआ है. उसकी भी जांच की जाए. जूडा ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान किया जाए ताकि बिना किसी दबाव के और भयमुक्त होकर अपना काम कर सके.

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