भोपाल| राजधानी में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया. रात 12 बजते ही "नंद के घर आनंद भयो" के जयकारे हर तरफ सुनाई देने लगे. सभी मंदिर रात भर भक्तों के लिए खुले रहे भक्ति संगीत का कार्यक्रम पूरी रात जारी रहा. जिस वजह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली.
जन्माष्टमी का पर्व शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन ही मनाया जाएगा जिसे देखते हुए आकर्षक झांकियां सजाई गई है. साथ ही कई स्थानों पर मटकी फोड़ की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं. मंदिरों में रात 12 बजे श्री कृष्ण का विशेष अभिषेक किया गया, दही और गंगाजल से स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए गए. भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करने के बाद आरती संपन्न होने के बाद भक्तों को पंजीरी और ककड़ी का प्रसाद दिया गया.
मंदिरों में करीब 15 दिन पहले से ही जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू कर दी जाती है. जिस तरह घर में बच्चे का जन्मदिन मनाते हैं उसी तरह श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. वैसे तो श्रीकृष्ण सभी के आराध्य देव हैं लेकिन आज के दिन वह बाल स्वरूप में आते हैं यही वजह है कि कई मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा के साथ बच्चों को लुभाने वाले बैलून भी लगाए जाने लगे हैं. वहीं घरों में जन्माष्टमी पर्व को मनाने में बच्चे सबसे ज्यादा आगे रहते हैं जो खुद तैयारियां करते हैं.