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मिलावटखोरों के खिलाफ कमलनाथ सरकार का बड़ा फैसला, सूचना देने वाले को मिलेगा इनाम

मध्यप्रदेश की कमनलाथ सरकार मिलावटखोरी की जानकारी देने वाले को 11 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है. मिलावट खोरी पर नकेल कसने के लिए प्रदेश सरकार ने यह आदेश जारी किए हैं. प्रदेशभर में खाद्य विभाग के अधिकारियों के नंबर भी जारी किए गए हैं जिन पर मिलावट खोरी की जानकारी दी जा सकती है.

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Published : Aug 2, 2019, 7:43 PM IST

खाद्य विभाग

भोपाल। कमनलाथ सरकार ने मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है. प्रदेश सरकार ने मिलावट खोरी करने वाले की सूचना पर देने पर 11 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है. प्रदेश के भिंड, मुरैना सहित कई जिलों में मिलावटखोरी के मामले सामने आए थे. जिसके बाद से ही प्रदेश सरकार एक्शन में नजर आ रही है. इससे पहले प्रदेश सरकार ने मिलावटखोरी करने वालों पर रासुका लगाने का फैसला किया है.

मिलावटखोरों के खिलाफ कमलनाथ सरकार का बड़ा फैसला

भोपाल जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा है की डेरी आइटम, या अन्य किसी भी खाद्य पदार्थों में मिलावट की जानकारी अगर कोई व्यक्ति देता है, तो उसे सरकार की तरफ से 11 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. खाद्य विभाग ने जानकारी देने के लिए प्रदेशभर में जिला प्रशासन, एसडीएम और संबंधित विभाग के अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं, जिन पर मिलावटखोरी की जानकारी दी जा सकती है.

सिंथेटिक दूध बनाए जाने का खुलासा होने के बाद प्रदेश भर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे हैं. प्रदेशभर में अभी तक 15 सौ से ज्यादा सैंपल लिए गए. हालांकि रिपोर्ट अब तक केवल 100 सैंपल की ही आई है. कुछ सैंपल में मिलावट की बात सामने आ रही है. राजधानी भोपाल में स्थित प्रदेश की एक मात्र फूड लैंब में इन सैंपलों की जांच की जा रही है.

खाद्य अधिकारियों की भूमिका की हो रही जांच
भिंड, मुरैना, गुना और अन्य जिलों में पाए गए मिलावटी समान के बाद पुलिस सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों की भूमिका की जांच में भी जुटी है. सवाल उठ रहा है कि यदि इतने लंबे समय से इन जिलों में सिंथेटिक दूध और खाद्य पदार्थों का काला कारोबार किया जा रहा था, तो इसकी भनक खाद्य विभाग के अधिकारियों को क्यों नहीं लगी. सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं इन खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से तो यह काला कारोबार फल-फूल नहीं रहा था. इसलिए पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

भोपाल। कमनलाथ सरकार ने मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है. प्रदेश सरकार ने मिलावट खोरी करने वाले की सूचना पर देने पर 11 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की है. प्रदेश के भिंड, मुरैना सहित कई जिलों में मिलावटखोरी के मामले सामने आए थे. जिसके बाद से ही प्रदेश सरकार एक्शन में नजर आ रही है. इससे पहले प्रदेश सरकार ने मिलावटखोरी करने वालों पर रासुका लगाने का फैसला किया है.

मिलावटखोरों के खिलाफ कमलनाथ सरकार का बड़ा फैसला

भोपाल जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा है की डेरी आइटम, या अन्य किसी भी खाद्य पदार्थों में मिलावट की जानकारी अगर कोई व्यक्ति देता है, तो उसे सरकार की तरफ से 11 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. खाद्य विभाग ने जानकारी देने के लिए प्रदेशभर में जिला प्रशासन, एसडीएम और संबंधित विभाग के अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं, जिन पर मिलावटखोरी की जानकारी दी जा सकती है.

सिंथेटिक दूध बनाए जाने का खुलासा होने के बाद प्रदेश भर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे हैं. प्रदेशभर में अभी तक 15 सौ से ज्यादा सैंपल लिए गए. हालांकि रिपोर्ट अब तक केवल 100 सैंपल की ही आई है. कुछ सैंपल में मिलावट की बात सामने आ रही है. राजधानी भोपाल में स्थित प्रदेश की एक मात्र फूड लैंब में इन सैंपलों की जांच की जा रही है.

खाद्य अधिकारियों की भूमिका की हो रही जांच
भिंड, मुरैना, गुना और अन्य जिलों में पाए गए मिलावटी समान के बाद पुलिस सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों की भूमिका की जांच में भी जुटी है. सवाल उठ रहा है कि यदि इतने लंबे समय से इन जिलों में सिंथेटिक दूध और खाद्य पदार्थों का काला कारोबार किया जा रहा था, तो इसकी भनक खाद्य विभाग के अधिकारियों को क्यों नहीं लगी. सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं इन खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से तो यह काला कारोबार फल-फूल नहीं रहा था. इसलिए पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश के भिंड मुरैना सहित दूसरे जिलों में सिंथेटिक दूध बनाए जाने का खुलासा होने के बाद सरकार मिलावटखोरो के खिलाफ सख्त है। जिन सैंपल में मिलावट पाई गई है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। वही सिंथेटिक दूध बनाए जाने वाले जिलों के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। उधर भोपाल जिला प्रशासन ने मिलावट खोरी करने वाले की सूचना देने पर ₹11000 रुपए के इनाम की घोषणा की है।


Body:भोपाल जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा है की भी पनीर दूध मावा और दूध से बने अन्य पदार्थों में मिलावट या नकली खाद पदार्थों की यदि कोई व्यक्ति सूचना देता है तो उसे ₹11000 का इनाम दिया जाएगा जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी एसडीएम और संबंधित विभाग के अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं। सिंथेटिक दूध बनाए जाने का खुलासा होने के बाद प्रदेश भर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे हैं। प्रदेशभर में अभी तक 15 सौ से ज्यादा सैंपल लिए गए हालांकि अभी तक रिपोर्ट करीब 100 सैंपल की ही आई है। कुछ नमूना में डिटर्जेंट की मिलावट सामने आई है। हालांकि अभी तक सिंथेटिक दूध वाले मामलों की रिपोर्ट नहीं आ पाई है भोपाल स्थित प्रदेश की एकमात्र फूड लैब में इन नमूनों की जांच की जा रही है लेकिन जांच की रफ्तार धीमी होने की वजह से जांच रिपोर्ट में समय लग रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संचालक रविंद्र सिंह के मुताबिक सिंथेटिक दूध के मामले में जरूरी हुआ तो किसी दूसरी टेस्टिंग लैब से भी इसकी जांच कराई जाएगी।

भिंड, मुरैना जैसे जिलों के खाद्य अधिकारियों की भूमिका की हो रही जांच

भिंड मुरैना गुना और अन्य जिलों पुलिस सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है जहां सिंथेटिक दूध बनाए जाने का मामला सामने आया है। सवाल उठ रहा है कि यदि इतने लंबे समय से इन जिलों में सिंथेटिक दूध और खाद्य पदार्थों का काला कारोबार किया जा रहा था तो इसकी भनक खाद्य विभाग के अधिकारियों को क्यों नहीं लगी। सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं इन खाद्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से तो यह काला कारोबार फल-फूल नहीं रहा था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संचालक रविंद्र सिंह के मुताबिक इन जिलों के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।


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