ETV Bharat / city

सोमवार, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत पर भगवान शिव शंकर को ऐसे करें प्रसन्न - kashi vishwanath corridor inauguration

भगवान शिव की प्रसन्नता लिए सोमवार, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत करना श्रेयस्कर होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है. श्रद्धालुओं को सोमवार की रात को जागरण कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. जो भक्त भगवान शिव के लिए सोमवार का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे।

somvar remedies Masik Shivratri 2021
सोमवार मासिक शिवरात्रि व्रत
author img

By

Published : Nov 2, 2021, 9:42 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 9:37 AM IST

भोपाल: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र ग्रह के दोष दूर होते हैं. कहा जाता है की भोलेनाथ को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है, परंतु शिवरात्रि का व्रत कर देवों के देव महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है. भगवान शिव की प्रसन्नता लिए सोमवार, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत करना श्रेयस्कर होता है. मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है. प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत किया जाता है. भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की अधूरी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली मासिक शिवरात्रि काफी महत्वपूर्ण होती है. यदि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से व्रत पूजा की जाए तो विशेष पुण्य मिलता है.

CM शिवराज सिंह चौहान ने PM नरेंद्र मोदी के बारे में कही ये बड़ी बात

ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. भगवान शिव केवल सामान्य जलाभिषेक और पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी व्यक्ति उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे.

गुरु राशि परिवर्तन 2021 : 12 साल बाद शनि की राशि कुंभ में गुरु का प्रवेश,बदलेगी इन 7 राशियों की किस्मत (Guru Rashi Parivartan November)

सोमवार-मासिक शिवरात्रि के व्रत की विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती माता की विधि विधान से पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य जितेंद्र महाराज ने बताया कि मासिक शिवरात्रि के दिन भक्त बेलपत्र, गंगाजल, भांग, चंदन, शहद, गाय का दूध और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री आदि अर्पित कर पूजा कर सकते हैं. जो भक्त भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे. सूर्योदय के बाद ही व्रत रखने वाले लोग पारण करेंगे.

सप्ताहिक भविष्यवाणी : 5 राशि वालों को मिलेगी नौकरी बिजनेस में तरक्की तो 7 राशियों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, 3 को स्वास्थ्य लाभ

मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जा कर महादेव और शिव परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी, शिवगणों की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, दूध, दही, शक्कर, शहद, शुद्ध घी, गन्ने के रस आदि से करें. शिवलिंग पर धतूरा, बेलपत्र और श्रीफल चढ़ाएं. अब आप शिव जी की धुप-दीप, फल और फूल आदि से पूजा-अर्चना करें. शिव पूजा करते समय आप शिव तांडव स्त्रोत, शिव पुराण, शिवाअष्टक और शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शाम के समय फल खा सकते हैं, लेकिन व्रती को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.

17 दिसंबर तक सूर्य ग्रह का आपकी राशि पर असर और उपाय, वृश्चिक संक्रान्ति (vrishchik sankranti 2021) के दिन सूर्य का मित्र की राशि में प्रवेश

जो भक्त भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे। श्रद्धालुओं को शिवरात्रि की रात को जागरण कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. अगले दिन सूर्योदय के बाद भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना व्रत खोलें.

भोपाल: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र ग्रह के दोष दूर होते हैं. कहा जाता है की भोलेनाथ को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है, परंतु शिवरात्रि का व्रत कर देवों के देव महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है. भगवान शिव की प्रसन्नता लिए सोमवार, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत करना श्रेयस्कर होता है. मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव को बेहद प्रिय है. प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत किया जाता है. भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की अधूरी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के भक्तों के लिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली मासिक शिवरात्रि काफी महत्वपूर्ण होती है. यदि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से व्रत पूजा की जाए तो विशेष पुण्य मिलता है.

CM शिवराज सिंह चौहान ने PM नरेंद्र मोदी के बारे में कही ये बड़ी बात

ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है. भगवान शिव केवल सामान्य जलाभिषेक और पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं. शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी व्यक्ति उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे.

गुरु राशि परिवर्तन 2021 : 12 साल बाद शनि की राशि कुंभ में गुरु का प्रवेश,बदलेगी इन 7 राशियों की किस्मत (Guru Rashi Parivartan November)

सोमवार-मासिक शिवरात्रि के व्रत की विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती माता की विधि विधान से पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य जितेंद्र महाराज ने बताया कि मासिक शिवरात्रि के दिन भक्त बेलपत्र, गंगाजल, भांग, चंदन, शहद, गाय का दूध और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री आदि अर्पित कर पूजा कर सकते हैं. जो भक्त भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे. सूर्योदय के बाद ही व्रत रखने वाले लोग पारण करेंगे.

सप्ताहिक भविष्यवाणी : 5 राशि वालों को मिलेगी नौकरी बिजनेस में तरक्की तो 7 राशियों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, 3 को स्वास्थ्य लाभ

मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जा कर महादेव और शिव परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी, शिवगणों की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, दूध, दही, शक्कर, शहद, शुद्ध घी, गन्ने के रस आदि से करें. शिवलिंग पर धतूरा, बेलपत्र और श्रीफल चढ़ाएं. अब आप शिव जी की धुप-दीप, फल और फूल आदि से पूजा-अर्चना करें. शिव पूजा करते समय आप शिव तांडव स्त्रोत, शिव पुराण, शिवाअष्टक और शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शाम के समय फल खा सकते हैं, लेकिन व्रती को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.

17 दिसंबर तक सूर्य ग्रह का आपकी राशि पर असर और उपाय, वृश्चिक संक्रान्ति (vrishchik sankranti 2021) के दिन सूर्य का मित्र की राशि में प्रवेश

जो भक्त भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे। श्रद्धालुओं को शिवरात्रि की रात को जागरण कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. अगले दिन सूर्योदय के बाद भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना व्रत खोलें.

Last Updated : Dec 13, 2021, 9:37 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.