नेल्लोर/भोपाल। कोरोना महामारी से आज पूरा देश बेहाल है, मध्य प्रदेश से लेकर हर राज्य कोरोना की स्थिति नियंत्रित करने में लगा हुआ है, इसे कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकार लोगों से कोविड गाइडलाइन का पालन करवा रही है. वहीं लोग देसी इलाज से लेकर हर वो पैतरा अपना रहे हैं, जिससे कोरोना जैसी महामारी को खत्म किया जा सके. इस बीच सैकड़ों लोग कोरोना से इलाज का दावा कर रहे हैं. कोई गोमूत्र पीने से इलाज का दावा कर रहा है, तो कोई जादू- टोना पर विश्वास कर रहा है. ऐसा ही एक अंधविश्वास का मामला आंध्र प्रदेश से सामने आया है.
जादुई दवा से कोरोना का इलाज ?
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में कोरोना की जादुई दवा पाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा है, ये स्थिति तब है, जब यहां लॉकडाउन लगा है, लोगों की मानें तो इस दवा के खाने से कोरोना संक्रमण खत्म हो जाता है. इसके साथ ही इस दवा को पूरी तरह से आयूर्वेदिक बताया गया है. जैसे ही इस जादुई दवा की जानकारी प्रदेश के लोगों को लगी, लोग नेल्लोर जिला पहुंचने लगे, कोरोना की जादुई दवा की बात फैलती गई, और देखते ही देखते यहां हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई. यही नहीं यहां कोरोना गाइडलाइन की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई.
कोरोना की जादुई दवा पाने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़
आंध्र प्रदेश के नेल्लोर (Nellore) जिले के कृष्णापट्टनम गांव (krishnapatnam) में सर्वेपल्ली इलाके के सत्ताधारी पार्टी के विधायक काकानी गोवर्धन (Kakani Govardhan) ने हाल ही में दवा वितरण की घोषणा की थी, जिसके बाद शुक्रवार सुबह से ही हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होने लगी. हैरानी की बात है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर के मना करने के बावजूद स्थानीय विधायक काकानी गोवर्धन रेड्डी कृष्णापट्टनम गांव पहुंचे और आनंदयया को समर्थन दिया. हद तो तब हो गई जब उन्होंने दवा देने का शुभारंभ भी कर दिया.
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दवा की क्षमता की आईसीएमआर करेगा जांच
प्रदेश सरकार ने एक तरफ इस दवा की क्षमता की जांच के लिए आईसीएमआर से सिफारिश की है, तो दूसरी ओर एक्सपर्ट्स की एक टीम भी नेल्लोर जिले भेजने का फैसला किया है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी आयुष मंत्री किरेन रिजिजू और आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव से दवा को लेकर स्टडी कराने को कहा है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए. सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कोरोना पर हुई हाई लेवल मीटिंग में इस संबंध में बात की. राज्य में स्वास्थ्य के मामलों को देखने वाले हेल्थ मिनिस्टर एकेके श्रीनिवास ने कहा, हमने इस दवा की क्षमता का पता लगाने के लिए आईसीएमआर और अन्य एक्सपर्ट्स से जांच कराने का फैसला लिया है.
दवा बांटने की अनुमति लिए बिना विधायक ने बांटी दवा
बता दें कि विधायक काकानी गोवर्धन ने दवा वितरण के संबंध में जिला कलेक्टर से बात की थी, लेकिन इसके बावजूद जिला कलेक्टर ने आधिकारिक रूप से आनंदयया को कृष्णपटनम गांव में दवा बांटने की अनुमति नहीं दी थी. इस बीच गुरुवार शाम चारों ओर यह अफवाह फैल गई कि जिला कलेक्टर की तरफ से अगले दिन सुबह (शुक्रवार) से आयुर्वेदिक दवा बांटने की अनुमति दे दी गई है.
कोविड गाइडलाइन की जमकर उड़ी धज्जियां
कृष्णापट्टनम गांव में लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रख हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने हंगामा मचा दिया. इस दौरान गांव में हालात बद से बदतर हो गए. चारों ओर उमड़ी भीड़ को कोरोना का डर कम और महामारी से इलाज की दवा पाने की चाह ज्यादा थी. इस दौरान लोगों के जहन से ये बात भी हवा हो गई कि वो जिस दवा को लेने यहां पहुंचे हैं, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग अहम नियम है, लेकिन इससे परे गांव में उफनती भीड़ दवा पाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में तब्दील हो गई.
दवा वितरण पर प्रशासन ने लगाई रोक
कृष्णापट्टनम गांव में हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ को देख शासन-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और आनन-फानन में इस कार्यक्रम पर एक्शन लिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने एलान किया कि आयुर्वेदिक दवा का वितरण बंद किया जा रहा है. पुलिस के एलान के बाद भीड़ धीरे-धीरे तितर-बितर होने लगी.
सीएम करेंगे मामले की समीक्षा
वहीं, अब इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मामले की समीक्षा करेंगे. रेड्डी इस विषय पर वरिष्ठों से मिलेंगे और चर्चा करेंगे कि क्या दवा देनी चाहिए? या नहीं? इस बीच सीएम जगन रेड्डी फार्माकोलॉजी (pharmacology) के बारे में भी जानकारी लेंगे, कि ये कैसे काम करती है. इसके साथ ही वह आधिकारिक टीम द्वारा पहले ही किए गए अवलोकन और रिपोर्ट पर भी चर्चा करेंगे. इसके बाद ही सरकार दवा वितरण पर फैसला करेगी.
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जड़ी-बूटियों की मदद से दवा बनाते हैं आनंदयया
बताया जा रहा है कि आनंदयया (Anandayya), पिछले कुछ वर्षों से जड़ी-बूटियों की मदद से बनाई गई, आयुर्वेदिक दवाओं से कई बीमारियों का इलाज कर रहे हैं. दवा देने वाले आनंदयया का दावा है कि उनकी इस दवा से कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं. यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और लोग न सिर्फ दूर दराज इलाकों से बल्कि पड़ोस के राज्यों से भी इस दवा को लेने यहां पहुंचने लगे.
कोरोना से लड़ने वाली दवा की प्रकिया
आनंदयया के मुताबिक, इसमें अदरक (Ginger), गुड़ (palm jaggery), शहद (honey), काला जीरा (black cumin), काली मिर्च (tail pepper), पत्ता (patta), लौंग (cloves), नीम के पत्ते (neem leaves), आंवला (amla), जलकुंभी के पत्ते (hyacinth leaves-kondapalleru kayalu), जामुन (java plum shoots), आम की डंडी (mango shoots), बुद्धा बुदासा पत्ती (budda budasa leaves), पिपिंटा के पत्ते (pippinta leaves), धतूरे का फूल (Calotropis procera), फूलों की कलियां (flower buds), कांटेदार बैंगन (thorny brinjal) को मिलाकर बनाया गया है.
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जादुई दवा कितनी कारगर ?
कोरोना संक्रमण की जादुई दवा कितनी कारगर है, इसकी जांच की जाएगी, इसके बाद आगे फैसला किया जाएगा. कि इस दवा का वितरण किया जाए, या नहीं, हालांकि इससे पहले भी कई लोगों ने गौ-मूत्र और अन्य चीजों से कोरोना संक्रमण के खत्म होने का दावा किया है. लेकिन जादुई दवा में सच में जादू है या नहीं, ये आईसीएमआर की रिसर्च के बाद ही पता चलेगा.