भोपाल: किसानों के खिलाफ लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र के पहले दिन विधानसभा का घेराव करने जा रही है. पूरे प्रदेश से किसानों को ट्रैक्टर-ट्राली और अपने वाहनों से भोपाल बुलाया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के साथ कांग्रेस विधायकों और किसान ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से विधानसभा की तरफ कूच करेंगे. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इसके पहले धारा 144 लागू कर ट्रैक्टर-ट्राली और बैलगाड़ी जैसे वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं तो वहीं, कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि हम तो ट्रैक्टर से जाएंगे, तुम्हारा बाप भी नहीं रोक सकता है.
तुम्हारा बाप भी नहीं रोक सकता
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि मूल बात यह है कि विधायकों को विधानसभा जाने से रोका जाएगा. सज्जन सिंह वर्मा के पास कोई कार नहीं है, ट्रैक्टर है, तो ट्रैक्टर पर जाएगा. पांच किलोमीटर पैदल तो नहीं चलेगा, तुम्हारा बाप भी नहीं रोक सकता है. मैं कोलार में रहता हूं, तो क्या पांच किलोमीटर पैदल जाऊंगा. आजकल कोरोना की वजह से भी लोग लिफ्ट नहीं देते हैं. इनके पिता श्री भी नहीं रोक पाएंगे, मैं तो विधानसभा जाऊंगा. एक दिन में सत्र खत्म करने की साजिश चल रही है. आप नोट कर लो, कल बैठक है. उसमें प्रस्ताव पास करेंगे, लेकिन हम होने नहीं देंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की प्रेस वार्ता
दोनों नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों पर थोपे गए तीन काले कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस है. उन्होंने कहा कि चंद औद्योगिक घरानों के हाथ की कठपुतली बनी हुई केंद्र की भाजपा सरकार हर वह काम कर रही है जिससे कि देश के किसान का ज्यादा से ज्यादा दमन होगा. उद्योग पतियों की जेब भरने बगैर किसानों से चर्चा किए, बगैर किसान संगठनों को विश्वास में लिए ,बगैर विपक्षी दलों से चर्चा किए, बगैर मत विभाजन के कोरोना महामारी में संसद का सत्र बुलाकर आनन-फानन में इन कानूनों को किसानों पर जबरदस्ती में थोपा आ गया है. इसका देश भर के किसान खुलकर विरोध कर रहे हैं. पिछले एक माह से तीनों कालों कानूनों के खिलाफ पूरे देश के अन्नदाता कड़ाके की ठंड में सड़कों पर अपने परिवारों के साथ आंदोलन कर रहे हैं. अभी तक 31 से ज्यादा किसान आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं. लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता और हिटलर शाही दिखा रही है, वहीं कानूनों को वापस नहीं ले रही है. वो इसे किसानों का आंदोलन मानने तैयार नहीं है. ऐसा देश में पहली बार हो रहा है कि देश का अन्नदाता सड़कों पर है और सरकार उसकी सुनवाई तक करने को तैयार नहीं है.
ऐसा कौन सा कानून है कि विधायक ट्रैक्टर से विधानसभा नहीं जा सकता
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मप्र कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि ऐसी कड़कड़ाती ठंड में पिछले कई दिनों से दिल्ली में देश के किसान काले कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. कल तक 31 लोगों की मृत्यु भी इस आंदोलन के दौरान हो गई है. एक तरफ जहां समूह के देश का अन्नदाता जिलों में, राज्यों में, देश की राजधानी में आंदोलन कर रहा है. समस्त देशवासी किसानों का सहयोग कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में हमने तय किया है कि 28 तारीख को जो देश व प्रदेश के किसानों पर काले कानून लागू किए गए हैं, उसका विरोध समूचे प्रदेश का अन्नदाता कांग्रेस के साथ करेगा. हमारे वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दिल्ली के नेताओं से चर्चा करके इस को मूर्त रूप देने की तैयारी की है. हमें एक नोटिस आया है, उसमें कहा गया है कि धारा 144 लागू कर दी गई है. 5 किलोमीटर के दायरे में कोई वाहन नहीं जाएगा. तो क्या हमारे विधायक साथी पैदल जाएंगे. ऐसा देश में कौन सा कानून है, जो कहता है कि हम ट्रैक्टर से विधानसभा नहीं जाएंगे. अगर कोई विधायक अपनी इच्छा से जाना चाहता है.तो कौन सा कानून है, जो ट्रैक्टर से नहीं जा सकता है. हमारा कार्यक्रम तय है और 28 तारीख को हम ट्रैक्टर से विधानसभा जाएंगे.