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अयोध्या फैसले पर बोलीं इतिहासकार सुधा मलैया, सर्वोच्च अदालत के फैसले का सभी को करना चाहिए सम्मान - अयोध्या विवाद

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या केस पर सुनाए गए फैसले पर इतिहासकार और पुरातत्वविद डॉ. सुधा मलैया ने फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि ये फैसला देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनाया है. जिसका सभी को सम्मान करना चाहिए.

डॉ. सुधा मलैया
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Published : Nov 9, 2019, 5:17 PM IST

भोपाल। अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है. भोपाल की इतिहासकार और पुरातत्वविद डॉ. सुधा मलैया ने इस फैसले पर कहा, कि ये फैसला देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनाया है. जिसका सभी देशवासी खुले दिल से सम्मान करते हैं.

डॉ. सुधा मलैया

सुधा मलैया ने कहा कि इस फैसले से साफ हो गया है कि हमारे देश की संस्कृति और विचाराधारा सभी का सम्मान करती है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जिसका सभी को खुले दिल से सम्मान करना चाहिए. हम सभी को देश में शांति बनाए रखनी चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए.

सुधा मलैया ने ये भी कहा कि अयोध्या केस का फैसला आने से देश का एक बड़ा मसला अब हल हो गया है. सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत है, जहां सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए फैसला लिया गया है. बता दें कि सुधा मलैया ने भी अयोध्या केस में बहुत से फोटोग्राफ्स और आलेख इस केस में पेश किए थे. जो सुनवाई के दौरान काम आए.

भोपाल। अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है. भोपाल की इतिहासकार और पुरातत्वविद डॉ. सुधा मलैया ने इस फैसले पर कहा, कि ये फैसला देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनाया है. जिसका सभी देशवासी खुले दिल से सम्मान करते हैं.

डॉ. सुधा मलैया

सुधा मलैया ने कहा कि इस फैसले से साफ हो गया है कि हमारे देश की संस्कृति और विचाराधारा सभी का सम्मान करती है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जिसका सभी को खुले दिल से सम्मान करना चाहिए. हम सभी को देश में शांति बनाए रखनी चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए.

सुधा मलैया ने ये भी कहा कि अयोध्या केस का फैसला आने से देश का एक बड़ा मसला अब हल हो गया है. सुप्रीम कोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत है, जहां सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए फैसला लिया गया है. बता दें कि सुधा मलैया ने भी अयोध्या केस में बहुत से फोटोग्राफ्स और आलेख इस केस में पेश किए थे. जो सुनवाई के दौरान काम आए.

Intro:अयोध्या में राम मंदिर के फैसले के देशभर में उसी फैसले पर चर्चा हो रही है राम के प्रति आस्था रखने वाले लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है तो वही राम मंदिर के साथ देने वाली भोपाल की इतिहासकार और पुरातत्व डॉ सुधा मलैया ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है और जिस तरह की लड़ाई लंबे समय से जारी थी आज उसका एक सुखद अंत हुआ है सुधा मलैया ने बताया कि किस तरीके से उन्होंने बाबरी मस्जिद के ढांचे गिराने के बाद किस तरीके से उस स्थान से 40 वास्तु लेख और राम मंदिर का एक शिलालेख का साक्ष्य हासिल किया था जिसका एक महत्वपूर्ण योगदान रहा इस पूरे केस में


Body:पुरातत्व सुधा मलैया ने बताया कि किस तरीके से उन्होंने इस आलेख के फोटोग्राफ्स हासिल किए थे और उस स्थान से अन्य बहुत महत्वपूर्ण फोटोग्राफ्स भी लिए थे जिसने इस केस को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी और फैसल एक नया साबित की किया था कि उस स्थान पर मंदिर था अब जब फैसला आ चुका है तो सुधा मलैया का कहना है कि बहुत खुशी होगी कि आने वाले समय में जब मंदिर बनेगा तो उसके प्रमुख गेट पर फैसला लेख दोबारा अंकित किया जाए


Conclusion:डॉ सुधा मलैया का कहना है कि अब मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है और आज हर वह इंसान खुश और उत्साह से भरा है जिसने राम मंदिर बनने का सपना देखा था और इस मुहिम में अपना योगदान दिया था और वह खुद को भी खुद किस्मत मानती हैं कि उनके द्वारा जुटाए गए शिलालेख और अन्य साक्ष्यों का इस फैसले में महत्वपूर्ण योगदान रहा

बाइट- डॉ सुधा मालिया , पुरातत्वविद
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