भोपाल। राजधानी के पिकनिक स्पॉट में गिना जाने वाले केरवा डैम (Bhopal Kerwa Dam) पर पिकनिक मनाने गए 3 युवकों की पानी मे डूबने से मौत हो गई. स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची रातीबड़ थाना पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तीनों के शव बरामद कर लिए हैं. पुलिस ने पंचनामा तैयार कर शवों को पीएम के लिए भेज दिया है. बताया गया कि 4 दोस्त नहाने के लिए डैम पर गए थे. इनमें से एक दोस्त नहाने के लिए पानी उतरा. देखते ही देखते वह डूबने लगा. उसे बचाने के लिए दूसरा युवक भी पानी में गया, वह भी डूबने लगा, यह देख तीसरे दोस्त ने उन्हें बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी, लेकिन वह अपने दोस्तों को बचा नहीं सका. पानी के बाहर खड़ा चौथा छात्र दोस्तों को बचाने के लिए मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन जब तक मदद मिलती काफी देर हो चुकी थी. (Bhopal Picnic Spot Kerwa Dam)
एक दूसरे को बचाने के चक्कर में डूबे : भोपाल के सात नंबर चौराहे के रहने वाले चार दोस्त ऋषि, निशांत जैन, मोहित सोधिंया और शुभम अधिकारी दोपहर में पिकनिक मनाने केरवा डैम पहुंचे थे. वहां वह अपने साथ खाने पीने का सामान भी साथ ले गए थे,लेकिन यहां 4 में से तीन दोस्तों की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक सबसे पहले पानी में शुभम अधिकारी फंसा जिसकी उम्र लगभग 17 से 18 साल थी. बचाने के लिए उसका दोस्त निशांत जैन कूदा. दोनों को बचाने के लिए मोहित भी कूदा और तीनों डूब गए.
पिकनिक मनाने गए युवक की नदी में डूबने से मौत, सदमे में माता-पिता
पहले भी हो चुके हैं कई हादसे: अपने साथियों को डूबता देख चौथा साथी ऋषि डैम के बाहर ख़ा था, उन्हें डूबता देख ऋषि ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू किया. जिस जगह पर यह लोग थे. वहां कम ही पर्यटक जाते हैं काफी देर बाद वहां से निकलने वाले राहगीर मदद के लिए पहुंचे, लेकिन युवकों को बचाया नहीं जा सका. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और गोताखोरों की मदद से 15 मिनट के रेस्क्यू के बाद तीनों के शवों को बाहर निकाला गया. तीनों किशोर डैम के जिस हिस्से में डूबे, उसे मौत का कुआं कहा जाता है. वहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं.
मिनी पचमढ़ी वाटरफॉल में डूबने से 3 की मौत, 2 को बचाया गया, पिकनिक मनाने गए थे 5 दोस्त
- मौत के कुएं वाली जगह पर काफी गहराई है. डैम के इस इलाके में आने से पहले कई जगह चेतावनी दी गई है. इसके बावजूद लोग यहां पहुंचते हैं. यहां पर नहाना भी मना है. इसके बाद भी लोग नहीं मानते ं और हादसे का शिकार हो जाते हैं.