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Malnutrition in MP चावल के बाद अब फोर्टिफाइड आटा मिटाएगा कुपोषण , 17 सेंसटिव जिलों में पीडीएस की दुकानों से बांटा जाएगा

फोर्टिफाइड चावल और आटे का मतलब होता है प्रोटीनयुक्त और पोषक तत्वों से भरा चावल और आटा. इसमें आम आटे के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन, आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड सहित कई और विटामिन मिलाए जाते हैं, जिससे यह ज्यादा पोषक हो जाता है. इनके सेवन करने से बच्चों और महिलाओं में विटामिन और खून की कमी नहीं आती. प्रदेश से कुपोषण का खत्मा करने में जुटी मध्य प्रदेश सरकार 17 सेंसटिव जिलों में फोर्टिफाइड आटा भी बांटने जा रही है.Malnutrition in MP, fortified flour prevents malnutrition

fortified Flour
कुपोषण मिटाएगा आटा
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Published : Aug 29, 2022, 2:52 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 4:34 PM IST

भोपाल। कुपोषण खत्म करने के लिए अब प्रदेश में कुपोषण के Malnutrition in MP लिहाज से सेंसेटिव जिलों में फोर्टिफाइड चावल के बाद फोर्टिफाइड आटा भी बांटा जाएगा. इसे लेकर प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है. इसकी शुरूआत प्रदेश के धार, झाबुआ, बैतूल सहित 17 जिलों से की जाएगी. इन जिलों में पीडीएस की दुकानों से 5-5 किलो के आटे के fortified flour prevents malnutrition पैकेट दिए जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस आटे से महिलाओं और बच्चों को कुपोषण की समस्याओं से बचाया जा सकेगा. प्रदेश में कुपोषण से निपटने किए जा रहे प्रदेश सरकार के प्रयासों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हाल में तारीफ कर चुके हैं.

क्या होता है फोर्टिफाइड आटा: फोर्टिफाइड चावल और आटे का मतलब होता है प्रोटीनयुक्त चावल और आटा. इसमें आम आटे और चावल के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन होते हैं. फोर्टिफाइड आटे में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड सहित कई और विटामिन मिलाए जाते हैं, जिससे यह आम आटे की तुलना में ज्यादा पोषक हो जाता है. इसके सेवन से बच्चों और महिलाओं में विटामिन और खून की कमी (एनीमिया) जैसी समस्याएं नहीं आतीं. जिससे मां और बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं होते. फोर्टिफाइड आटा बनाए जाने की प्रक्रिया में गेहूं को पीसकर पहले उसका आटा तैयार किया जाता है. जिसके बाद इसमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. इसके बाद इस फोर्टिफाइड आटे के पैकेट तैयार किए जाते हैं. जिन इलाकों से कुपोषण के मामले ज्यादा सामने आए हैं वहां पहले से ही फोर्टिफाइड चावल भी बांटा जा रहा है. फोर्टिफाइड चावल को मिल में तैयार किया जाता है. इसमें पहले सूखे चावलों को पीसकर आटा बनाया जाता है और फिर पोषक तत्वों को मिलकर फिर इन्हें चावल का रूप दिया जाता है.

Malnutrition in MP सरकारी दावों की फिर पोल खुली, श्योपुर जिला अस्पताल में कुपोषण से लड़ रही डेढ़ साल की बच्ची की मौत

कुपोषण प्रभावित 17 जिलों में बांटा जाएगा: प्रदेश के कुपोषण प्रभावित जिलों में फोर्टिफाइड चावल बांटना शुरू कर दिया गया है. अब इसके बाद फोर्टिफाइड आटे का वितरण शुरू किए जाने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही इस पर कैबिनेट की मंजूरी लेने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि फोर्टिफाइड आटा प्रदेश के रीवा, धार, सागर, झाबुआ, छिंदवाड़ा, भोपाल, इंदौर, देवास, उज्जैन, छतरपुर, मंदसौर, बैतूल, दमोह, मंडला, हरदा, अनूपपुर, ग्वालियर में बांटा जाएगा. इन जिलों में आटे के 5-5 किलो के पैकेट तैयार कर पीडीएस की दुकानों से बांटे जाएंगे.

10 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित: प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में कुपोषण की स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार नहीं आया है, हालांकि वर्तमान में प्रदेश सरकार कुपोषण मिटाने के लिए जो प्रयास कर रही है उनकी प्रधानमंत्री मोदी भी सराहना कर चुके हैं, लेकिन अभी इस दिशा में और कदम उठाए जाने की जरूरत है. पिछले विधानसभा सत्र में दिए गए सरकार के जवाब के मुताबिक प्रदेश में 0 से 5 साल की उम्र के 65 लाख 2 हजार से ज्यादा बच्चे हैं, इनमें से 10 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं. Malnutrition in MP, fortified flour prevents malnutrition

भोपाल। कुपोषण खत्म करने के लिए अब प्रदेश में कुपोषण के Malnutrition in MP लिहाज से सेंसेटिव जिलों में फोर्टिफाइड चावल के बाद फोर्टिफाइड आटा भी बांटा जाएगा. इसे लेकर प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है. इसकी शुरूआत प्रदेश के धार, झाबुआ, बैतूल सहित 17 जिलों से की जाएगी. इन जिलों में पीडीएस की दुकानों से 5-5 किलो के आटे के fortified flour prevents malnutrition पैकेट दिए जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस आटे से महिलाओं और बच्चों को कुपोषण की समस्याओं से बचाया जा सकेगा. प्रदेश में कुपोषण से निपटने किए जा रहे प्रदेश सरकार के प्रयासों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हाल में तारीफ कर चुके हैं.

क्या होता है फोर्टिफाइड आटा: फोर्टिफाइड चावल और आटे का मतलब होता है प्रोटीनयुक्त चावल और आटा. इसमें आम आटे और चावल के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन होते हैं. फोर्टिफाइड आटे में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड सहित कई और विटामिन मिलाए जाते हैं, जिससे यह आम आटे की तुलना में ज्यादा पोषक हो जाता है. इसके सेवन से बच्चों और महिलाओं में विटामिन और खून की कमी (एनीमिया) जैसी समस्याएं नहीं आतीं. जिससे मां और बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं होते. फोर्टिफाइड आटा बनाए जाने की प्रक्रिया में गेहूं को पीसकर पहले उसका आटा तैयार किया जाता है. जिसके बाद इसमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. इसके बाद इस फोर्टिफाइड आटे के पैकेट तैयार किए जाते हैं. जिन इलाकों से कुपोषण के मामले ज्यादा सामने आए हैं वहां पहले से ही फोर्टिफाइड चावल भी बांटा जा रहा है. फोर्टिफाइड चावल को मिल में तैयार किया जाता है. इसमें पहले सूखे चावलों को पीसकर आटा बनाया जाता है और फिर पोषक तत्वों को मिलकर फिर इन्हें चावल का रूप दिया जाता है.

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कुपोषण प्रभावित 17 जिलों में बांटा जाएगा: प्रदेश के कुपोषण प्रभावित जिलों में फोर्टिफाइड चावल बांटना शुरू कर दिया गया है. अब इसके बाद फोर्टिफाइड आटे का वितरण शुरू किए जाने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही इस पर कैबिनेट की मंजूरी लेने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि फोर्टिफाइड आटा प्रदेश के रीवा, धार, सागर, झाबुआ, छिंदवाड़ा, भोपाल, इंदौर, देवास, उज्जैन, छतरपुर, मंदसौर, बैतूल, दमोह, मंडला, हरदा, अनूपपुर, ग्वालियर में बांटा जाएगा. इन जिलों में आटे के 5-5 किलो के पैकेट तैयार कर पीडीएस की दुकानों से बांटे जाएंगे.

10 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित: प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में कुपोषण की स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार नहीं आया है, हालांकि वर्तमान में प्रदेश सरकार कुपोषण मिटाने के लिए जो प्रयास कर रही है उनकी प्रधानमंत्री मोदी भी सराहना कर चुके हैं, लेकिन अभी इस दिशा में और कदम उठाए जाने की जरूरत है. पिछले विधानसभा सत्र में दिए गए सरकार के जवाब के मुताबिक प्रदेश में 0 से 5 साल की उम्र के 65 लाख 2 हजार से ज्यादा बच्चे हैं, इनमें से 10 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं. Malnutrition in MP, fortified flour prevents malnutrition

Last Updated : Aug 29, 2022, 4:34 PM IST
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