भोपाल। राज्य में कोरोना महामारी अपने चरम पर है. इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कोरोना के फैलते महामारी पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. उन्होंने इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने की बात कही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार को गांवों की ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में तुरंत संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाती है तो फिर स्थिति हाथ से बाहर निकल जाएगी. उन्होंने पत्र में कहा है कि उनके सुझाव पर विचार करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी पर रोकथाम के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाने का कष्ट करें.
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पर नियंत्रण के लिए कहा
मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी अनियंत्रित होने और संक्रमण की दर लगातार 20% बने रहना एक चिंता का विषय है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को 2 पेज का एक पत्र लिखा है. उन्होंने इसमे ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पर नियंत्रण एवं त्वरित उपचार के लिए बात कही है. उनके अनुसार प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य समितियों का गठन किया जाना चाहिए. इसमें पंचायत सचिव, स्थानीय शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वगैरह को शामिल किया जा सकता है. इन समितियों के माध्यम में गांव में कोविड से बचाव और जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए. इसी के साथ उन्होंने लिखा है कि यह अच्छा होगा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को बढ़ावा दें, लेकिन जो लोग बीमार हैं और जिन्हें कोविड के मामूली लक्षण भी है, उनके टेस्ट रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बगैर तत्काल उपचार शुरू कर दिया जाना चाहिए. इससे बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है.
कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने की युद्ध स्तर की तैयारी- स्वास्थ्य मंत्री
गांवों में सरकारी आवासों को बनाया जाए कोविड केयर सेंटर
सीएम को लिखे पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा है, कि राज्य सरकार चाहे तो कलेक्टर के माध्यम से ग्राम पंचायतों को दवाइयों की किट उपलब्ध करा सकती है. इसके लिए वो सांसदों और विधायकों की स्वेच्छानुदान निधि का उपयोग करने की छूट दे सकती है. इससे जनप्रतिनिधियों की स्वेच्छानुदान राशि का उपयोग नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी की रोकथाम और उपचार के लिए किया जा सकता है. उन्होंने लिखा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार के अनेक सदस्य एक साथ बीमार पड़ रहे हैं. कारण यह है कि अधिकांश घरों में रोगी को आइसोलेट करने के लिए कमरा या संसाधन उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इस स्थित से निपटने के लिए गांव के स्कूल या पंचायत भवन को कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार किया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग को बढ़ाया जाए. जो लोग बीमार हैं या उन्हें कोरोना के मामूली लक्षण भी हैं तो उनकी टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर तत्काल उनका प्राथमिक इलाज शुरू कर दिया जाए. उन्हें स्वस्थ लोगों से अलग रखा जाना चाहिए.