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रूस यूक्रेन युद्ध का असर: बिगड़ा रसोई का बजट, आसमान छूने लगे खाद्य तेल के दाम, सनफ्लावर ऑयल तीन दिन में 30 रुपये महंगा - Effect of Russia-Ukraine war on edible oils

रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का असर अब भारतीय बाजारों में भी दिखने लगा है. बात की जाए यूक्रेन और रूस से आने वाले सनफ्लावर ऑयल की तो अब इनके रेट में 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक दाम बढ़ गए हैं.

Effect of Russia-Ukraine war on edible oils
रूस यूक्रेन युद्ध का असर, बिगड़ा रसोई का बजट
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Published : Feb 28, 2022, 7:51 PM IST

भोपाल। रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का असर अब भारतीय बाजारों में भी दिखने लगा है, खाद्य तेलों की कीमतों में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है. फिलहाल बात की जाए यूक्रेन और रूस से आने वाले सनफ्लावर ऑयल की तो अब इनके रेट में 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक दाम बढ़ गए हैं. यदि आने वाले दिनों में युद्ध नहीं रुका तो सनफ्लावर ऑयल के साथ ही अन्य खाद्य तेलों और खाद्य सामग्री के महंगे होने के आसार हैं.

रूस यूक्रेन युद्ध का असर, बिगड़ा रसोई का बजट

गड़बड़ाया किचन का बजट
यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के अभी पांत दिन ही बीते हैं कि, भारत में भी अब इसका असर दिखने लगा है. अचानक से किचन का बजट गड़बड़ा गया है, साथ ही कढ़ाई में लगने वाला तड़का महंगा हो गया है. सनफ्लावर ऑयल के साथ ही, पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल, और सरसों के तेल के भाव भी 20 से 30 रुपये तक बढ़ गए हैं. इतना ही नहीं यूक्रेन के युद्ध से घरेलू बाजार में संतरा ऑयल की सप्लाई प्रभावित हुई है.

सबसे ज्यादा तेजी सनफ्लावर ऑयल में
किराना कारोबारी विवेक साहू ने बताया कि, रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हुआ है. सबसे ज्यादा दाम खाद्य तेलों में सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में तेजी आई है. इसके साथ ही विवेक ने बताया कि, सरसों तेल और वनस्पति घी के भाव भी बढ़ गए हैं. बाइट

चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर को पार कर सकता है भारत का कच्चे तेल का आयात बिल

अभी और बढ़ेंगे दाम
एक अन्य खाद्य तेल के थोक कारोबारी कृष्ण कुमार बांगड़ ने बताया कि, रूस और यूक्रेन के युद्ध के शुरू होते ही सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में इजाफा होना भी शुरू हो गया. पहले इसकी कीमत में 10 रुपये प्रति किलो की तेजी आई. वहीं अब सनफ्लावर ऑयल की कीमत 20 प्रति किलो तक बढ़ गई है.

खड़े हुए हैं तेल से भरे जहाज
थोक कारोबारी कृष्ण कुमार ने बताया कि, सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई यूक्रेन से होती है, वहीं सूत्रों के मुताबिक तेलों से भरे जहाज यूक्रेन में ही खड़े हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि, आने वाले समय में सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में और भी तेजी आएगी. बाइट-

क्या है तेल के भाव
फुटकर बाजार में खाद्य तेल के भाव जानकारी के मुताबिक, राजधानी के फुटकर बाजारों में सनफ्लावर ऑयल 170 से 180 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, वहीं सरसों तेल 200 रुपये प्रति किलो, सोयाबीन तेल 160 से 170 रुपये प्रति किलो, वनस्पति 145 से 150 रुपये प्रति किलो, मूँगफली तेल 155 से 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

रूस-यूक्रेन युद्ध: कच्चे तेल की कीमत आसमान पर, क्या बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के रेट?

यहां से आता है खाद्य तेल
सनफ्लावर ऑयल यूक्रेन और रूस से आता है वहीं, सोयाबीन तेल अमेरिका और ब्राजील से आता है. पाम तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से भारत सप्लाई होता है. जानकारी के अनुसार, भारत में हर साल करीब 200 लाख टन से अधिक खाद्य तेल की खपत होती है, जिसमें से 150 लाख टन खाद्य तेल विदेशों से आयात होता है.

स्टॉक लिमिट तय होने से दाम में आएगी कमी
कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पूर्व प्रदेश महामंत्री रामाकांत तिवारी का कहना है कि, केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के लिए खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल और डिपो के लिए 1000 क्विंटल स्टॉक सीमा तय की है. लेकिन मध्य प्रदेश में अभी खाद्य तेलों मे स्टॉक लिमिट का फैसला लागू नहीं किया गया है. तिवारी ने कहा कि, यदि मध्यप्रदेश में खाद्य तेलों में स्टॉक सीमा तय हो जाए तो उनके रेट में कमी आ सकती है.

भोपाल। रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का असर अब भारतीय बाजारों में भी दिखने लगा है, खाद्य तेलों की कीमतों में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है. फिलहाल बात की जाए यूक्रेन और रूस से आने वाले सनफ्लावर ऑयल की तो अब इनके रेट में 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक दाम बढ़ गए हैं. यदि आने वाले दिनों में युद्ध नहीं रुका तो सनफ्लावर ऑयल के साथ ही अन्य खाद्य तेलों और खाद्य सामग्री के महंगे होने के आसार हैं.

रूस यूक्रेन युद्ध का असर, बिगड़ा रसोई का बजट

गड़बड़ाया किचन का बजट
यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई के अभी पांत दिन ही बीते हैं कि, भारत में भी अब इसका असर दिखने लगा है. अचानक से किचन का बजट गड़बड़ा गया है, साथ ही कढ़ाई में लगने वाला तड़का महंगा हो गया है. सनफ्लावर ऑयल के साथ ही, पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल, और सरसों के तेल के भाव भी 20 से 30 रुपये तक बढ़ गए हैं. इतना ही नहीं यूक्रेन के युद्ध से घरेलू बाजार में संतरा ऑयल की सप्लाई प्रभावित हुई है.

सबसे ज्यादा तेजी सनफ्लावर ऑयल में
किराना कारोबारी विवेक साहू ने बताया कि, रूस और यूक्रेन के युद्ध के चलते सभी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हुआ है. सबसे ज्यादा दाम खाद्य तेलों में सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में तेजी आई है. इसके साथ ही विवेक ने बताया कि, सरसों तेल और वनस्पति घी के भाव भी बढ़ गए हैं. बाइट

चालू वित्त वर्ष में 100 अरब डॉलर को पार कर सकता है भारत का कच्चे तेल का आयात बिल

अभी और बढ़ेंगे दाम
एक अन्य खाद्य तेल के थोक कारोबारी कृष्ण कुमार बांगड़ ने बताया कि, रूस और यूक्रेन के युद्ध के शुरू होते ही सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में इजाफा होना भी शुरू हो गया. पहले इसकी कीमत में 10 रुपये प्रति किलो की तेजी आई. वहीं अब सनफ्लावर ऑयल की कीमत 20 प्रति किलो तक बढ़ गई है.

खड़े हुए हैं तेल से भरे जहाज
थोक कारोबारी कृष्ण कुमार ने बताया कि, सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई यूक्रेन से होती है, वहीं सूत्रों के मुताबिक तेलों से भरे जहाज यूक्रेन में ही खड़े हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि, आने वाले समय में सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में और भी तेजी आएगी. बाइट-

क्या है तेल के भाव
फुटकर बाजार में खाद्य तेल के भाव जानकारी के मुताबिक, राजधानी के फुटकर बाजारों में सनफ्लावर ऑयल 170 से 180 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, वहीं सरसों तेल 200 रुपये प्रति किलो, सोयाबीन तेल 160 से 170 रुपये प्रति किलो, वनस्पति 145 से 150 रुपये प्रति किलो, मूँगफली तेल 155 से 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

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यहां से आता है खाद्य तेल
सनफ्लावर ऑयल यूक्रेन और रूस से आता है वहीं, सोयाबीन तेल अमेरिका और ब्राजील से आता है. पाम तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से भारत सप्लाई होता है. जानकारी के अनुसार, भारत में हर साल करीब 200 लाख टन से अधिक खाद्य तेल की खपत होती है, जिसमें से 150 लाख टन खाद्य तेल विदेशों से आयात होता है.

स्टॉक लिमिट तय होने से दाम में आएगी कमी
कनफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पूर्व प्रदेश महामंत्री रामाकांत तिवारी का कहना है कि, केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के लिए खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल और डिपो के लिए 1000 क्विंटल स्टॉक सीमा तय की है. लेकिन मध्य प्रदेश में अभी खाद्य तेलों मे स्टॉक लिमिट का फैसला लागू नहीं किया गया है. तिवारी ने कहा कि, यदि मध्यप्रदेश में खाद्य तेलों में स्टॉक सीमा तय हो जाए तो उनके रेट में कमी आ सकती है.

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