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भोपाल में आदमखोर कुत्तों की दहशत, नगर निगम 7 साल कर पाया सिर्फ 1 लाख नसबंदी, मेनका गांधी ने कहा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा अभियान

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कुत्तों की बढ़ती संख्या ने नगर निगम के नसबंधी अभियान की पोल खोलकर रख दी है. एक तरफ निगम के आंकड़े बताते हैं कि शहर में 1 लाख से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है. जबकि शहर में कुत्तों की संख्या पहले से ज्यादा हो गई है. इधर सांसद और पीपल फॉर एनिमल की चेयरपर्सन मेनका गांधी ने भोपाल में बच्ची पर हमले की घटना पर दुख जताया था. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

Dogs increase in bhopal
भोपाल में बढ़ी आदमखोर कुत्तों की संख्या
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Published : Jan 4, 2022, 3:08 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 3:15 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में कुत्तों का (Dogs number increased in bhopal) आतंक जारी है. दिन हो या रात लोगों का सड़कों पर निकलना असुरक्षित हो गया है. कुछ दिन पहले ही आदमखोर कुत्तों ने मासूम बच्चों को शिकार बनाया था. लेकिन बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन मूकदर्शक बना है. ये कार्यशैली अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. भोपाल नगर निगम के पशुपालन विभाग ने कहा था कि एक दिन में 55 कुत्तों की नसबंदी की जानी चाहिए. उस हिसाब से एक साल में 20 हज़ार 75 नसबंदी, और 7 साल में 1 लाख 40 चालीस हजार के ऊपर कुत्तों की नसबंदी हो जानी चाहिए थी. निगम के 7 साल के आंकड़े भी एक लाख से ज्यादा नसबंदी बता रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि जब इतने कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है तो राजधानी में आखिर कुत्तों की संख्या लगातार क्यों बढ़ रही है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभियान की धरातल पर हकीकत क्या है.

गलियों में कुत्तों का आतंक

जब आवारा कुत्तों की नसबंदी को लेकर नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी से पूछा तो उन्होंने बताया कि नसबंदी का अभियान तेजी से शुरू कर दिया गया है. वहीं नसबंदी करने वाली संस्था से भी पूरी जानकारी मांगी गई है की कितने सालों में कितनी नसबंदी की है. उन्होंने कहा कि नगर निगम आवारा कुत्तों को लेकर सर्वे भी करा रहा. यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो संस्था पर कार्रवाई की जाएगी. 7 साल पहले जब नसबंदी अभियान शुरू किया गया था तो कुत्तों की संख्या 25,000 थी. वैसे तो हर साल लाखों रुपए कुत्तों की नसबंदी पर खर्च हो रहे हैं लेकिन समस्या ज्यों कि त्यों है. बागसेवनिया के इलाके में 3 साल की बच्ची पर कुत्तों ने जो हमला किया वो निगम के अभियान की पोल खोलता है. एनिमल बर्थ डॉग रूल 2001 के तहत नवोदय संस्था के जरिए शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई जा रही है. 2021 में 5 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी हुई है.

आइए जानते हैं नसबंदी का आंकड़ा
साल - कुत्तों की नसबन्दी
2014 -15 18485
15 -16 22521
16 -17 20258
17 -18 9110
18-19 18620
19-20 4250
20-21 5635

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मेनका गांधी ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

सांसद और पीपल फॉर एनिमल की चेयरपर्सन मेनका गांधी ने भोपाल में बच्ची पर हमले की घटना पर दुख जताया था. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि नवोदय संस्था को वर्षों से कुत्तों की नसबंदी का काम दिया जा रहा है लेकिन यह संस्था भ्रष्टाचार में लिप्त है. यह सब निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है. वहीं प्रदेश में आदमखोर कुत्तों के बढ़ते आतंक लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. अब देखना है कि सीएम की फटकार का अधिकारियों पर कितना असर होता है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में कुत्तों का (Dogs number increased in bhopal) आतंक जारी है. दिन हो या रात लोगों का सड़कों पर निकलना असुरक्षित हो गया है. कुछ दिन पहले ही आदमखोर कुत्तों ने मासूम बच्चों को शिकार बनाया था. लेकिन बावजूद इसके नगर निगम प्रशासन मूकदर्शक बना है. ये कार्यशैली अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. भोपाल नगर निगम के पशुपालन विभाग ने कहा था कि एक दिन में 55 कुत्तों की नसबंदी की जानी चाहिए. उस हिसाब से एक साल में 20 हज़ार 75 नसबंदी, और 7 साल में 1 लाख 40 चालीस हजार के ऊपर कुत्तों की नसबंदी हो जानी चाहिए थी. निगम के 7 साल के आंकड़े भी एक लाख से ज्यादा नसबंदी बता रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि जब इतने कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है तो राजधानी में आखिर कुत्तों की संख्या लगातार क्यों बढ़ रही है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभियान की धरातल पर हकीकत क्या है.

गलियों में कुत्तों का आतंक

जब आवारा कुत्तों की नसबंदी को लेकर नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी से पूछा तो उन्होंने बताया कि नसबंदी का अभियान तेजी से शुरू कर दिया गया है. वहीं नसबंदी करने वाली संस्था से भी पूरी जानकारी मांगी गई है की कितने सालों में कितनी नसबंदी की है. उन्होंने कहा कि नगर निगम आवारा कुत्तों को लेकर सर्वे भी करा रहा. यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो संस्था पर कार्रवाई की जाएगी. 7 साल पहले जब नसबंदी अभियान शुरू किया गया था तो कुत्तों की संख्या 25,000 थी. वैसे तो हर साल लाखों रुपए कुत्तों की नसबंदी पर खर्च हो रहे हैं लेकिन समस्या ज्यों कि त्यों है. बागसेवनिया के इलाके में 3 साल की बच्ची पर कुत्तों ने जो हमला किया वो निगम के अभियान की पोल खोलता है. एनिमल बर्थ डॉग रूल 2001 के तहत नवोदय संस्था के जरिए शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई जा रही है. 2021 में 5 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी हुई है.

आइए जानते हैं नसबंदी का आंकड़ा
साल - कुत्तों की नसबन्दी
2014 -15 18485
15 -16 22521
16 -17 20258
17 -18 9110
18-19 18620
19-20 4250
20-21 5635

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मेनका गांधी ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

सांसद और पीपल फॉर एनिमल की चेयरपर्सन मेनका गांधी ने भोपाल में बच्ची पर हमले की घटना पर दुख जताया था. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि नवोदय संस्था को वर्षों से कुत्तों की नसबंदी का काम दिया जा रहा है लेकिन यह संस्था भ्रष्टाचार में लिप्त है. यह सब निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है. वहीं प्रदेश में आदमखोर कुत्तों के बढ़ते आतंक लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. अब देखना है कि सीएम की फटकार का अधिकारियों पर कितना असर होता है.

Last Updated : Jan 4, 2022, 3:15 PM IST
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