भोपाल। जालसाजी के आरोप में भोपाल कोर्ट द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद भी आबकारी विभाग अपने अधिकारियों पर मेहरबान है. उपायुक्त आबकारी विनोद रघुवंशी भोपाल शहर का प्रभार संभाले हुए हैं। कांग्रेस विधायक कमलेश जाटव, पीसी शर्मा और कुंवर विक्रम सिंह ने ध्यानाकर्षण में यह मुद्दा विधानसभा में उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में अधिकारी को निलंबित किया जाना था . इसके उलट उसे उपकृत किया गया है. जवाब में मंत्री ने आश्वासन दिया कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अफसरों और शराब माफिया की मिलीभगत का आरोप
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने अधिकारियों की मिलीभगत से राजधानी में अवैध शराब के कारोबार का मुद्दा ध्यानाकर्षण के जरिए उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि 2008 के एक मामले में आबकारी उपायुक्त विनोद रघुवंशी को जिला कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद भी उन्हें भोपाल शहर का प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह स्थिति तब है जब प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब की वजह से 24 लोगों की मौत हो चुकी है. उज्जैन और छतरपुर में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. कांग्रेस ने अधिकारी को निलंबित करने की मांग की है.
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एक साल में अवैध शराब के 72000 मामले हुए दर्ज
जवाब में वाणिज्य कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि पिछले एक साल में प्रदेश में अवैध शराब और इससे जुड़े 72550 मामले दर्ज किए गए हैं. इसमें 4 लाख 77 हजार लीटर देसी शराब, 2 लाख 9000 लीटर प्रूफ लीटर विदेशी स्पिरिट और 33 हजार 730 लीटर बीयर जब्त की है. मंत्री ने कहा कि आबकारी उपायुक्त विनोद रघुवंशी के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. उसमें अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. मंत्री ने आश्वासन दिया कि मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.