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आसमानी आफत कर सकती है तहस-नहस: ज्यादातर भवनों में तड़ित चालक यंत्र नहीं, 48 घंटों में 12 लोगों की हो चुकी मौत - तड़िक चालक यंत्र

मध्य प्रदेश में इन दिनों आकाशीय बिजली गिरने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन राजधानी के ज्यादातर भवनों में तड़िक चालक यंत्र नहीं हैं, ऐसे में ये लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
शहर के ज्यादातर भवनों में तड़ित चालक यंत्र नहीं
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Published : Jul 13, 2021, 9:57 AM IST

Updated : Jul 13, 2021, 10:43 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिल रहा है, इंसानों के साथ-साथ मवेशी भी इसका शिकार बन रहे हैं, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के बाद अब एमपी में आकाशीय बिजली गिरने के कई मामले सामने आ चुके हैं.

मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली का खतरा!

मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली का खतरा

बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है, ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहे हैं, यदि भवन पर बिजली गिरती है, तो उनके ढ़हने का खतरा भी बना रहता है, इसकी रोकथाम के लिए तड़ित चालक कारगर साबित होता है, लेकिन जिले के अधिकांश सरकारी भवनों पर सुरक्षा यंत्र नहीं लगे हैं.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
शहर के ज्यादातर भवनों में तड़ित चालक यंत्र नहीं

ज्यादातर भवनों में तड़ित चालक यंत्र नहीं

शहर के सरकारी कार्यालयों में तड़ित चालक यंत्र कुछ भवनों में लगे हैं, जबकि शहर में कई सरकारी भवन ऐसे हैं, जो पूरी तरह से जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं, बावजूद इसके तड़ित चालक नहीं लगे हैं, ऐसे में यदि तेज बिजली गिरती है, तो यह भवन कभी भी धराशायी हो सकते हैं, इन भवनों की ऊंचाई भी अधिक नहीं है, लेकिन सुरक्षा के हिसाब से यह यंत्र लगाकर दुर्घटना से बचा जा सकता है.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
तड़ित चालक यंत्र

लापरवाही न पड़ जाए भारी

कंट्रोल रूम पीएसएम कॉलेज, उद्योग भवन जैसे कुछ भवन ही हैं जहां पर तड़ित चालाक देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में यह लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है, क्योंकि इन दिनों मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
तड़ित चालक यंत्र

48 घंटे के अंदर मध्य प्रदेश में 12 लोगों की मौत

मध्य प्रदेश के कई इलाकों में पिछले 48 घंटों में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में चार नाबालिग सहित 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गये हैं, इनमें से पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई, जबकि सात लोगों की मौत रविवार को हुई.

छतरपुर में तीन लोगों की मौत

राजनगर पुलिस थाना प्रभारी पंकज शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर छतरपुर जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर खजवा गांव के एक खेत पर बनी झोपड़ी पर बिजली गिरने से पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान भग्गू पटेल (55 वर्ष ), उसके बेटे दिनेश पटेल (28 वर्ष ) और विनोद पटेल (24) के रूप में की गई है. पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर भेजा दिया है.

आकाशीय बिजली गिरने से दतिया में दो नाबालिगों की मौत

दतिया से मिली सूचना के अनुसार, दतिया जिले के जिगना थाना क्षेत्र के ग्राम सनोरा में दो नाबालिग बहनों की सोमवार दोपहर को आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई.

जिगना थाने के सहायक पुलिस उपनिरीक्षक हरिमोहन यादव ने बताया कि दतिया जिले के सनोरा गांव में स्थित माता मंदिर के पास दोपहर प्रियंका परिहार (17 वर्ष ) और उसकी छोटी बहन प्रतीक्षा परिहार (10 वर्ष ) खेल रहीं थी. इसी बीच बादल के कड़कने और तेज बारिश होने की वजह से दोनों बच्चियां मंदिर पर स्थित एक पेड़ के नीचे रुक गई. इसी दौरान पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी और दोनों उसकी चपेट में आ गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

ग्वालियर में दो लोगों की मौत

बिजौली थाना प्रभारी केपीएस यादव ने बताया कि रविवार शाम को ग्वालियर जिले के बिजौली क्षेत्र के सुनारपुरा गांव में मवेशी चरा रहे हाकिम आदिवासी (24 वर्ष ) एवं रवि (10 वर्ष ) की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई. उन्होंने कहा कि इस हादसे में दो अन्य व्यक्ति शोभाराम और दुर्गाराम झुलस गए, जिन्हें तुरंत ग्वालियर लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

श्योपुर में दो लोगों ने तोड़ा दम, एक का इलाज जारी

सेसईपुरा थाना प्रभारी रीना शाक्य ने बताया कि श्योपुर जिले के सेसईपुरा थाना इलाके के टपरियान गांव में पेड़ के नीचे बैठे पिता-पुत्र सहित तीन लोगों पर रविवार शाम को बिजली गिरी, जिससे वे गंभीर रूप से झुलस गये. उन्होंने कहा कि इन तीनों को गंभीर हालत में कराहल स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां हरिओम यादव (65 वर्ष) और उनके बेटे कुबेर यादव (30 वर्ष) की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि रामखिलौना यादव (50 वर्ष ) का इलाज चल रहा है.

शिवपुरी में एक नाबालिग की मौत

अमोला थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि रविवार शाम को शिवपुरी जिले के ग्राम बरोदी में बकरी चराने गए शिवम राजा (17 वर्ष) की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई. उन्होंने कहा कि शिवपुरी जिले के बरोदी, सलैया एवं नारही गांवों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से सात लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली गिरने से पांच बकरियां भी मारी गईं.

सरगुजा में आकाशीय बिजली की चपेट में आए युवक को गोबर में दबाकर जिंदा करने की कोशिश, मौत

आकाशीय बिजली गिरने से शहडोल में एक की मौत

इनके अलावा, शहडोल जिले में केशवाही पुलिस चौकी के बलबहरा गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से खेत में काम कर रहे अमृतलाल चौधरी (35 वर्ष) की मौत हुई है, जबकि एक अन्य व्यक्ति को अनूपपुर में भर्ती किया गया है.

इसी बीच, चिचोली थाना प्रभारी अजय सोनी ने बताया कि बैतूल जिले के ग्राम आंवरिया के मंजरीढाना निवासी सालकराम मर्सकोले (48 वर्ष ) की रविवार को उस वक्त आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई, जब वह अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था.

जबलपुर। मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिल रहा है, इंसानों के साथ-साथ मवेशी भी इसका शिकार बन रहे हैं, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के बाद अब एमपी में आकाशीय बिजली गिरने के कई मामले सामने आ चुके हैं.

मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली का खतरा!

मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली का खतरा

बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है, ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहे हैं, यदि भवन पर बिजली गिरती है, तो उनके ढ़हने का खतरा भी बना रहता है, इसकी रोकथाम के लिए तड़ित चालक कारगर साबित होता है, लेकिन जिले के अधिकांश सरकारी भवनों पर सुरक्षा यंत्र नहीं लगे हैं.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
शहर के ज्यादातर भवनों में तड़ित चालक यंत्र नहीं

ज्यादातर भवनों में तड़ित चालक यंत्र नहीं

शहर के सरकारी कार्यालयों में तड़ित चालक यंत्र कुछ भवनों में लगे हैं, जबकि शहर में कई सरकारी भवन ऐसे हैं, जो पूरी तरह से जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं, बावजूद इसके तड़ित चालक नहीं लगे हैं, ऐसे में यदि तेज बिजली गिरती है, तो यह भवन कभी भी धराशायी हो सकते हैं, इन भवनों की ऊंचाई भी अधिक नहीं है, लेकिन सुरक्षा के हिसाब से यह यंत्र लगाकर दुर्घटना से बचा जा सकता है.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
तड़ित चालक यंत्र

लापरवाही न पड़ जाए भारी

कंट्रोल रूम पीएसएम कॉलेज, उद्योग भवन जैसे कुछ भवन ही हैं जहां पर तड़ित चालाक देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में यह लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है, क्योंकि इन दिनों मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

Danger of lightning in Madhya Pradesh
तड़ित चालक यंत्र

48 घंटे के अंदर मध्य प्रदेश में 12 लोगों की मौत

मध्य प्रदेश के कई इलाकों में पिछले 48 घंटों में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में चार नाबालिग सहित 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गये हैं, इनमें से पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई, जबकि सात लोगों की मौत रविवार को हुई.

छतरपुर में तीन लोगों की मौत

राजनगर पुलिस थाना प्रभारी पंकज शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर छतरपुर जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर खजवा गांव के एक खेत पर बनी झोपड़ी पर बिजली गिरने से पिता-पुत्र सहित तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान भग्गू पटेल (55 वर्ष ), उसके बेटे दिनेश पटेल (28 वर्ष ) और विनोद पटेल (24) के रूप में की गई है. पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर भेजा दिया है.

आकाशीय बिजली गिरने से दतिया में दो नाबालिगों की मौत

दतिया से मिली सूचना के अनुसार, दतिया जिले के जिगना थाना क्षेत्र के ग्राम सनोरा में दो नाबालिग बहनों की सोमवार दोपहर को आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई.

जिगना थाने के सहायक पुलिस उपनिरीक्षक हरिमोहन यादव ने बताया कि दतिया जिले के सनोरा गांव में स्थित माता मंदिर के पास दोपहर प्रियंका परिहार (17 वर्ष ) और उसकी छोटी बहन प्रतीक्षा परिहार (10 वर्ष ) खेल रहीं थी. इसी बीच बादल के कड़कने और तेज बारिश होने की वजह से दोनों बच्चियां मंदिर पर स्थित एक पेड़ के नीचे रुक गई. इसी दौरान पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी और दोनों उसकी चपेट में आ गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

ग्वालियर में दो लोगों की मौत

बिजौली थाना प्रभारी केपीएस यादव ने बताया कि रविवार शाम को ग्वालियर जिले के बिजौली क्षेत्र के सुनारपुरा गांव में मवेशी चरा रहे हाकिम आदिवासी (24 वर्ष ) एवं रवि (10 वर्ष ) की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई. उन्होंने कहा कि इस हादसे में दो अन्य व्यक्ति शोभाराम और दुर्गाराम झुलस गए, जिन्हें तुरंत ग्वालियर लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

श्योपुर में दो लोगों ने तोड़ा दम, एक का इलाज जारी

सेसईपुरा थाना प्रभारी रीना शाक्य ने बताया कि श्योपुर जिले के सेसईपुरा थाना इलाके के टपरियान गांव में पेड़ के नीचे बैठे पिता-पुत्र सहित तीन लोगों पर रविवार शाम को बिजली गिरी, जिससे वे गंभीर रूप से झुलस गये. उन्होंने कहा कि इन तीनों को गंभीर हालत में कराहल स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां हरिओम यादव (65 वर्ष) और उनके बेटे कुबेर यादव (30 वर्ष) की उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि रामखिलौना यादव (50 वर्ष ) का इलाज चल रहा है.

शिवपुरी में एक नाबालिग की मौत

अमोला थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि रविवार शाम को शिवपुरी जिले के ग्राम बरोदी में बकरी चराने गए शिवम राजा (17 वर्ष) की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई. उन्होंने कहा कि शिवपुरी जिले के बरोदी, सलैया एवं नारही गांवों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से सात लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. उन्होंने कहा कि आकाशीय बिजली गिरने से पांच बकरियां भी मारी गईं.

सरगुजा में आकाशीय बिजली की चपेट में आए युवक को गोबर में दबाकर जिंदा करने की कोशिश, मौत

आकाशीय बिजली गिरने से शहडोल में एक की मौत

इनके अलावा, शहडोल जिले में केशवाही पुलिस चौकी के बलबहरा गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से खेत में काम कर रहे अमृतलाल चौधरी (35 वर्ष) की मौत हुई है, जबकि एक अन्य व्यक्ति को अनूपपुर में भर्ती किया गया है.

इसी बीच, चिचोली थाना प्रभारी अजय सोनी ने बताया कि बैतूल जिले के ग्राम आंवरिया के मंजरीढाना निवासी सालकराम मर्सकोले (48 वर्ष ) की रविवार को उस वक्त आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई, जब वह अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था.

Last Updated : Jul 13, 2021, 10:43 AM IST
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