भोपाल। कोरोना की वैक्सीन के दो डोज लगवाना काफी नहीं है, अब तीसरा डोज भी आपको लगवाना पड़ेगा. यह खबर आपको हैरान कर सकती है, लेकिन यह सच है.मध्य प्रदेश करोना नियंत्रण राज्य स्तरीय सलाहकार समिति के सदस्य एसपी दुबे का दावा है कि दो टीके करोना से लड़ने के लिए पर्याप्त नहीं है. लोगों को बूस्टर के रूप में तीसरा डोज अब जल्द ही लगवाना होगा. राज्य सरकार भी इसके लिए तैयारियां कर रही है. दुबे का कहना है कि जैसे ही दो डोज होंगे, तीसरे डोज की जरूरत सभी को पड़ेगी. उनका दावा है कि करोना का वायरस अपना वेरिएंट बदल रहा है इसलिए बूस्टर डोज बेहद जरूरी है. एसपी दुबे से बात की संवाददाता आदर्श चौरसिया ने..
ICMR की रिपोर्ट में सामने आई यह बात
दरअसल आईसीएमआर की रिपोर्ट के बाद अब यह बातें सामने आ रही हैं की कोरोना के टीके के दो डोज हर व्यक्ति के लिए काफी नहीं है, इसके बाद भी कई लोगों के पॉजिटिव होने की संभावना है. ऐसे में मध्य प्रदेश करोना नियंत्रण के लिए बनी राज्य स्तरीय सलाहकार समिति के सदस्य सत्य प्रकाश दुबे ने भी इस बात की पुष्टि की है. दुबे के अनुसार कोरोना की वैक्सीन के दो टीके अब काफी नहीं हैं. उनका कहना है कि कई रिपोर्ट्स और इजराइल में भी देखा गया है कि यह दोनों डोज उसके बाद पूर्ण वैक्सीनेशन देश हो गया था, लेकिन उसके बाद तीसरे डोज की जरूरत पड़ी. ऐसे में यह स्थिति भारत के साथ मध्य प्रदेश में भी हो सकती है और आने वाले दिनों में लोगों को तीसरा डोज लगवाना ही पड़ेगा.
कोरोना का वायरस बदल रहा है अपना रूप
दुबे के अनुसार यह शोध में सामने आया है कि कोरोना लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है और ऐसे में यह और भी खतरनाक होता जाता है। इसके लिए लोगों को अब तीसरा डोज भी लगवाना होगा. दुबे के अनुसार देश में वैक्सीन की कमी रही है जिसके चलते अभी तक पहला डोज भी पूर्ण रूप से नहीं हो पाया और जिसकी वजह से दूसरा डोज देने में देरी हो रही है.इसलिए तीसरे डोज की भी जरूरत पड़ेगी नहीं तो दिक्कतें सामने आएंगी.
करोना के साथ ही जीना पड़ेगा
दुबे के अनुसार लोगों को अब इस बीमारी के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी होगी जिस तरह से पीलिया, मलेरिया आदि की बीमारियां होती हैं वैसे ही करोना भी एकदम खत्म होने वाली बीमारी नहीं है. उनका कहना है कि 2025 तक तो फिलहाल यह बीमारी जाने वाली नहीं है.
मध्यप्रदेश में अभी तक 4:15 करोड़ से अधिक लोगों को पहला डोज लगा है, जबकि दूसरा डोज लगवाने वालों की संख्या मात्र एक करोड़ है. प्रदेश में कुल 5.50 करोड लोगों को दोनों डोज लगना है. इस हिसाब से अभी कुल 11 करोड डोज और लगाए जाने हैं.