भोपाल। पांच पहाड़ियों पर बसा नवाबों का शहर भोपाल जितना अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. उतना ही यह शहर अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए भी जाना जाता है. जो अपने आंचल में इतिहास की कई स्मृतिया समेटे हुए हैं. लेकिन भोपाल के इस गौरवशाली इतिहास से लोग आज भी अंजान है. लेकिन राज्य सरकार के द्वारा एक नवाचार के तहत लोगों को झीलों की नगरी के इतिहास से रूबरू कराया जाएगा. जिसकी शुरुआत प्रदेश की कमलनाथ सरकार शुरु करने जा रही है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की है कि भोपाल शहर का कई हजारों साल का इतिहास रहा है. इसकी अपनी संस्कृति रही है लेकिन आने वाली पीढ़ी को इस से कैसे अवगत कराया जाए, इसके लिए अभी से प्रयास करने होंगे. ताकि आने वाली युवा पीढ़ी इन परंपराओं और सभ्यताओं को जान सके. जिसके लिए जल्द एक समिति बनाई जाएगी और यह समिति इस इतिहास को संजोने का काम करेगी.
सीएम की इस पहल का भोपाल वासियों ने तहे दिल से स्वागत किया है. क्योंकि झीलों की नगरी को इस नए प्रयोग से दुनियाभर में एक अलग पहचान मिलेगी. भोपाल मेयर आलोक शर्मा ने भी सरकार की इस योजना को भोपाल के इतिहास को संवारने में एक जरुरी कदम बताया. राजधानी को संवारने के लिए बनाई जाने वाली इस योजना का प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है. जिस पर मंत्री पीसी शर्मा और जयवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार इस दिशा में तेजी से काम करेगी. जो जल्द ही नवाबों के शहर को नयी दिशा देगा.
कमलनाथ सरकार के इस प्रोजेक्ट से झीलों की नगरी की खूबसूरती में चार चांद लग जाएगे. यानि विश्व पटल पर नवाबी ठाठ, देशी अंदाज, और भोपाली शान पूरी दुनिया को एक नए अंदाज में देखने मिलेगी.