जबलपुर: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक साल पूरा हो रहा है. 22 जनवरी को पूरे देशभर में प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया जाएगा. वहीं संस्कारधानी जबलपुर भी इसके लिए तैयार है. तमाम धार्मिक आयोजनों को देखते हुए जबलपुर के बाजारों में अब अयोध्या राम मंदिर वाली साड़ियां भी आ गई हैं. इन साड़ियों को खूब पसंद भी किया जा रहा है और 22 जनवरी के लिए महिलाएं ये साड़ियों को लेने पहुंच रही हैं.
कैसी हैं अयोध्या वाली साड़ियां?
अयोध्या राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पर्व को फिर पूरे देश में दीपावली की तरह मनाए जाने की तैयारी है. इसी क्रम में शहर के बाजारों में आई साड़ियों में राम मंदिर की झलक देखने मिल रही है. कई साड़ियों में बड़ी-बड़ी अक्षरों में अयोध्या तो कुछ में पूरी तरह से अयोध्या राम मंदिर को दर्शाया है. ज्यादातर साड़ियां भगवा रंग में हैं और इनमें थ्रीडी प्रिंटिंग की गई है. कई साड़ियों पर डिजाइनर्स ने तीर कमान की आकृतियां भी उकेरी हैं, तो कुछ में सिया-राम लिखा नजर आ रहा है. खास बात ये है कि इन साड़ियों को पहनने की बजाय महिलाएं मंदिर आदि के डेकोरेशन में इस्तेमाल कर रही हैं.
मंदिर सजाने के लिए लीं साड़ियां
इन साड़ियों को बेचने वाले कारोबारी अनुज बताते हैं, '' अयोध्या का राम जन्मभूमि मंदिर लोगों की आस्था का विषय है. और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का एक वर्ष पूरा होने के बाद भी लोगों अपनी-अपनी तर से आस्था प्रकट कर रहे हैं. बाजार में इस मौके पर राम मंदिर की सांकेतिक प्रतिकृति दर्शाती साड़ियां भी आईं हैं, जो काफी वायरल हैं. हमारे यहां कई महिलाएं आई हैं, जिन्होंने ये साड़ियां पहनने के लिए नहीं बल्कि घरों के मंदिर के परदे और बैकग्राउंड के लिए खरीदी हैं.''
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साड़ी की दुकान पर साड़ियां खरीदने पहुंची सुमित्रा कहती हैं कि इस साड़ी को देखकर उन्हें याद आया कि बीते साल इन्हीं दिनों राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की स्थापना हुई थी. सुमित्रा का कहना है कि पता ही नहीं चला कि कैसे 1 साल बीत गया. वे भी इस साड़ी को खरीदने का मन बना रही हैं.
अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा किस तिथि पर हुई थी?
अगर तिथि के लिहाज से देखें तो अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा 2024 पौष शुक्ल की द्वादशी पर की गई थी. हिंदू पंचाग के अनुसार इस वर्ष ये तिथि 11 जनवरी को पड़ी थी, जिस वजह से तिथि को देखते हुए इस दिन में कई धार्मिक आयोजन हुए. वहीं 22 तारीख को पूरा एक साल होने पर इसे वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है