भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह जेनेटिकली मोडिफाइड बीज के संबंध में नीतिगत निर्णय लें, जिससे भारत ऐसी टेक्नोलॉजी अपनाने में पीछे नहीं रह जाए जो पूरे विश्व को बदल रही है. इससे देश का बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा. मुंबई में नीति आयोग की गठित भारत की कृषि प्रदेश के कायाकल्प के लिए मुख्यमंत्रियों की उच्च अधिकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार किया जाए.
सीएम कमलनाथ ने कहा कि कृषि ना सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक मुद्दा भी है. उन्होंने कहा कि किसानों की सोच में बदलाव आया है.धोती पहनने वाले किसान के नजरिए में फर्क है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के किसान अमेरिका यूरोपियन यूनियन की व्यवस्थाओं से मुकाबला नहीं कर सकते, उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन से हुए समझौतों के चलते किसी भी प्रकार का कृषि आयात किसानों के हित में नहीं है उन्होंने कहा कि किसानों के हित में जैविक खाद्यान्न के संकुलओं की पहचान कर उस की मार्केटिंग की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुझाव दिया कि खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें भरपूर सहयोग दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कीमतों का आंकलन करके कृषि आदान का ब्रांड चुनने की आजादी होना चाहिए, किसान उत्पादन संगठनों व्यापार सोसायटी और बाजार के बीच आपसी सामंजस और तालमेल बैठाना होगा साथ ही उपार्जन मॉडल में भी सुधार की जरूरत है.