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'खाकी' पर सरकार की 'तिरछी नजर': हर थाने में लगेंगे CCTV कैमरे, SC ने लगाई थी सरकार को फटकार - cctv in police stations in MP

पुलिस की हर गतिविधि अब कैमरे में रिकॉर्ड होगी. शिवराज सरकार ने हर थाने में सीसीटीवी लगाने का फैसला किया है. सरकार का मानना है कि इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगा. साथ ही इससे करप्शन पर भी नकेल लगेगी.

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कैबिनेट मीटिंग
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Published : Jul 20, 2021, 4:46 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 4:53 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की पुलिस अब सीसीटीवी की निगरानी में होगी. थानों में होने वाली हर हरकत की ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. शिवराज मंत्री मंडल की मीटिंग में ये अहम फैसला हुआ है. बैठक में थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. अब प्रदेश सभी थानों और मुख्य जगहों पर करीब 17 हजार कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अलावा 3500 पुराने कैमरों को अपग्रेड किया जाएगा.

'खाकी' पर सरकार की 'तिरछी नजर'

शिवराज कैबिनेट ने आज कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई. सबसे बड़ा फैसला सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. राज्य सरकार ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के करीब 1150 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इनमें जिलों के महिला थाने, रेल्वे पुलिस स्टेशन, सीआईडी, विजिलेंस, एसटीएफ, सायबर, ट्रेफिक और नारकोटिक्स के थाने भी शामिल होंगे. पुलिस मुख्यालय और सीबीआई कार्यालय में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. बताया जा रहा है कि एक थाने में करीब 15 कैमरे लगाए जाएंगे. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार प्रदेश में 17 हजार कैमरे लगाएगी. साथ ही 3500 पुराने सीसीटीवी कैमरों को भी अपग्रेड किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को भी निर्देश दिया कि वे पांच महीने में सभी थानों और अन्य जांच एजेंसियों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुद्दुचेरी में चुनाव के चलते उन्हें 31 दिसंबर 2021 तक की मोहलत दी है. अदालत ने बड़े राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नौ महीने का समय दिया था. शीर्ष अदालत ने मध्यप्रदेश को सभी थानों में सीसटीवी लगाने के लिए आठ महीने दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में दो दिसंबर 2020 को जांच एजेंसियों से संबंधित कार्यालयों, थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए के आदेश दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने थानों में सीसीटीवी लगाने का फैसला परमवीर सिंह सैनी की याचिका पर दिया था. अदालत ने 2018 में मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने के लिए सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था.

सेटलमेंट राशि पर लगाई मुहर

कैबिनेट में और भी कई अहम फैसले लिए गए. दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन और वायरलेस आधारित डाटा पहुंचाने के लिए टाॅवर स्थापित करने की नीति 2019 और दिशा निर्देश में संशोधन करने का प्रस्ताव पास हुआ. अब टाॅवर हटाने के लिए अलग-अलग स्थानों के लिए सैटलमेंट की राशि का प्रावधान किया गया है. नगर निगम के लिए 1 लाख, छोटे निकायों के लिए 50 हजार, नगर परिषद के लिए 35 हजार और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20 हजार रुपए की सैटलमेंट राशि तय की गई है.

प्राइवेट बस स्टेंड की साफ सफाई के निर्देश

नगर पालिका, नगर पंचायत में प्राइवेट बस स्टेंड, अस्पताल, फिल्टर प्लांट, खेल मैदान आदि के लिए सरकार निशुल्क जमीन देगी. सरकार ने इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है. बैठक में मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन मंत्री को निर्देश दिए कि प्राइवेट बस स्टेंड की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए.

MP में भूचाल ! दिग्विजय सिंह का दावा, खतरे में शिवराज की कुर्सी, बताए दो उम्मीदवारों के नाम


कैबिनेट की बैठक में बांधों से रेत और गाद निकालने के लिए टेंडर जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. कमलनाथ सरकार के दौरान इसे लेकर निर्णय लिया गया था. लेकिन सरकार गिरने से इसे सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिल पाई थी. सरकार के इस निर्णय से प्रदेश को करीब 200 करोड़ रुपए की आय होगी. साथ ही करीब 5 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ैगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश की पुलिस अब सीसीटीवी की निगरानी में होगी. थानों में होने वाली हर हरकत की ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग होगी. शिवराज मंत्री मंडल की मीटिंग में ये अहम फैसला हुआ है. बैठक में थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. अब प्रदेश सभी थानों और मुख्य जगहों पर करीब 17 हजार कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अलावा 3500 पुराने कैमरों को अपग्रेड किया जाएगा.

'खाकी' पर सरकार की 'तिरछी नजर'

शिवराज कैबिनेट ने आज कई अहम मुद्दों पर मुहर लगाई. सबसे बड़ा फैसला सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. राज्य सरकार ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के करीब 1150 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इनमें जिलों के महिला थाने, रेल्वे पुलिस स्टेशन, सीआईडी, विजिलेंस, एसटीएफ, सायबर, ट्रेफिक और नारकोटिक्स के थाने भी शामिल होंगे. पुलिस मुख्यालय और सीबीआई कार्यालय में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. बताया जा रहा है कि एक थाने में करीब 15 कैमरे लगाए जाएंगे. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार प्रदेश में 17 हजार कैमरे लगाएगी. साथ ही 3500 पुराने सीसीटीवी कैमरों को भी अपग्रेड किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को भी निर्देश दिया कि वे पांच महीने में सभी थानों और अन्य जांच एजेंसियों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुद्दुचेरी में चुनाव के चलते उन्हें 31 दिसंबर 2021 तक की मोहलत दी है. अदालत ने बड़े राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए नौ महीने का समय दिया था. शीर्ष अदालत ने मध्यप्रदेश को सभी थानों में सीसटीवी लगाने के लिए आठ महीने दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में दो दिसंबर 2020 को जांच एजेंसियों से संबंधित कार्यालयों, थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए के आदेश दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने थानों में सीसीटीवी लगाने का फैसला परमवीर सिंह सैनी की याचिका पर दिया था. अदालत ने 2018 में मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने के लिए सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था.

सेटलमेंट राशि पर लगाई मुहर

कैबिनेट में और भी कई अहम फैसले लिए गए. दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन और वायरलेस आधारित डाटा पहुंचाने के लिए टाॅवर स्थापित करने की नीति 2019 और दिशा निर्देश में संशोधन करने का प्रस्ताव पास हुआ. अब टाॅवर हटाने के लिए अलग-अलग स्थानों के लिए सैटलमेंट की राशि का प्रावधान किया गया है. नगर निगम के लिए 1 लाख, छोटे निकायों के लिए 50 हजार, नगर परिषद के लिए 35 हजार और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20 हजार रुपए की सैटलमेंट राशि तय की गई है.

प्राइवेट बस स्टेंड की साफ सफाई के निर्देश

नगर पालिका, नगर पंचायत में प्राइवेट बस स्टेंड, अस्पताल, फिल्टर प्लांट, खेल मैदान आदि के लिए सरकार निशुल्क जमीन देगी. सरकार ने इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है. बैठक में मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन मंत्री को निर्देश दिए कि प्राइवेट बस स्टेंड की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए.

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कैबिनेट की बैठक में बांधों से रेत और गाद निकालने के लिए टेंडर जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. कमलनाथ सरकार के दौरान इसे लेकर निर्णय लिया गया था. लेकिन सरकार गिरने से इसे सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिल पाई थी. सरकार के इस निर्णय से प्रदेश को करीब 200 करोड़ रुपए की आय होगी. साथ ही करीब 5 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ैगी.

Last Updated : Jul 20, 2021, 4:53 PM IST
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