भोपाल। कश्मीर के पुलवामा हादसे को लेकर जहां सारे देश में आक्रोश व्याप्त है तो वहीं राजनीतिक यहां पर भी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किए गए ट्वीट का सामने आया है. जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई हैं.
दरअसल, शिवराज ने ट्वीट में कहा थी कि हमने सरकार में रहते हुए तय किया था कि प्रदेश का कोई भी लाल शहीद होगा तो परिजनों को एक करोड़ रुपये सम्मान निधि, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, एक मकान, शहीद की प्रतिमा और किसी संस्था का शहीद के नाम पर रखने का काम किया जाएगा. वहीं शिवराज के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि शिवराज खबरों में बने रहने के लिए इस तरह की टिप्पणी न करें. इस वक्त जब पूरा देश गमगीन है और सैनिकों के साथ है, यह पूरी तरह से राष्ट्रीय शोक का वक्त है.
वहीं इसके बाद शिवराज के बचाव में बीजेपी भी उतर आई है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी का कहना है कि शिवराज का ट्वीट राजनीति से प्रेरित नहीं है. पहले से जिस आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाती थी, उसी का पालन इस सरकार ने पूरी तरह से किया है. उन्होंने बताया कि शिवराज के कहने का तात्पर्य केवल यही है कि यह जो पैमाना बनाया गया था वह जब हमारी सरकार प्रदेश में थी तब बनाया गया था. उसी समय प्रदेश सरकार ने ही प्रावधान किया था कि प्रदेश के शहीद को 1 करोड़ सम्मान निधि के रूप में दिए जाएं.
उन्होंने कहा कि यह बात भी सही है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जो दर्द देश के लिए और देश के सैनिकों के लिए रहता है वह अपने आप में कहीं ना कहीं सरकार में आने के बाद परिणाम देता है. अगर कमलनाथ को या कांग्रेस को इतना ही बुरा लग रहा है तो पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात कर ले जिन्होंने पचास लाख का मुआवजा दिया है. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी की जहां-जहां सरकार है वहां 10 और 20 लाख का ही मुआवजा दिया गया है. इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह बात समझ लेनी चाहिए कि जो पैमाना बीजेपी की सरकार ने तय किया गया था आज उसी का परिपालन किया जा रहा है और इसमें श्रेय लेने जैसी बात नहीं है.