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शिवराज और नरोत्तम की सियासी चाल, जानें क्या है बीजेपी का राज्यसभा प्लान

मध्य प्रदेश में बीजेपी राज्यसभा की तीसरी सीट पर भी उम्मीदवार खड़ा कर सकती है. सियासी जानकारों का मानना है कि राज्यसभा चुनाव के जरिए बीजेपी प्रदेश में सियासी उलटफेर करने की तैयारी में है. अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में सियासी द्वंद होना तय है.

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Published : Mar 2, 2020, 2:03 PM IST

भोपाल। राज्यसभा की तीन सीटों पर होने वाले चुनाव के बीच प्रदेश में सियासी पारा गर्माया हुआ है. क्योंकि सत्ताधारी कांग्रेस भले ही राज्यसभा की तीन सीटों में से दो सीटें जीतने की प्रबल दावेदार है. लेकिन बीजेपी दूसरी सीट पर प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अगर बीजेपी दोनों सीट जीत जाती है तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी, जिसका ताज पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सिर पर हो सकता है.

बीजेपी का राज्यसभा प्लान

सियासी जानकार मानते है कि, बीजेपी को राज्यसभा की एक सीट आसानी से मिल जाएगी. लेकिन वह दूसरी सीट पर भी उम्मीदवार खड़ा करेगी. बीजेपी के संभावित राज्यसभा उम्मीदवारों की बात की जाए तो सबसे पहले उमा भारती का नाम आता है, जबकि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय को भी राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है.

कांग्रेस की अंदरुनी कलह का बीजेपी उठा सकती है फायदा

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशलेषक शिव अनुराग पटेरिया कहते है, इस वक्त प्रदेश में सियासी द्वंद चल रहा है. कांग्रेस में जहां राज्यसभा के कई दावेदार सामने आने से पार्टी की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आ गई है. जिसका फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. पार्टी अगर निर्दलीय और बसपा-सपा के साथ कांग्रेस के कुछ विधायकों को तोड़ने में कामयाबी हासिल करती है, तो सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है. हालांकि यह सब भविष्य के गर्त में है. लेकिन बीजेपी राज्यसभा चुनाव के दौरान कुछ न कुछ सियासी खेल करने की तैयारी में जरुर है.

सिंधिया की नाराजगी भी दिला सकती है बीजेपी को राज्यसभा की दूसरी सीट

कांग्रेस के सीनियर लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हाल-फिलहाल अपनी ही सरकार को घेरते नजर आए हैं. बताया जा रहा की, उनकी नाराजगी भी राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर है. ऐसे में सिंधिया की नाराजगी का फायदा भी बीजेपी उठाना चाहती है. सिंधिया के तल्ख तेवर से कांग्रेस नेता भी हलकान हैं, कि सिंधिया का अगला कदम क्या होगा. अगर सिंधिया सर्मथक और विधायक पार्टी के खिलाफ बगावत करते हैं, तो बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश में एक नया अध्याय प्रारंभ हो सकता है.

सियासी जानकार मानते है कि, राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी को दूसरी सीट दिलाने में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा रोल हो सकता है, क्योंकि बीजेपी के ऐसे नेता हैं, जिनकी बाहरी विधायकों से अच्छी पकड़ है. यही वजह है कि, बीजेपी में नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिंह चौहान पर सबकी नजरें हैं.

MP में राज्यसभा का गणित

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो विधायकों के निधन के बाद इस वक्त 228 सदस्य हैं, जिनमें कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 है, तो बीजेपी के पास 107 विधायक है. चार विधायक निर्दलीय हैं, तो दो सीट बीएसपी और एक सीट समाजवादी पार्टी के पास है. विधायकों की वर्तमान संख्याबल के हिसाब से राज्यसभा की एक सीट के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरुरत पड़ेगी. कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों की संख्या के हिसाब से एक-एक सीट दोनों पार्टियों को आसानी से मिल जाएगी. एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट बचेंगे, तो बीजेपी के पास 49 वोट बचेंगे. यानि क्रॉस वोटिंग की स्थिती में बीजेपी दूसरी सीट जीतने की कोशिश में रहेगी.

भोपाल। राज्यसभा की तीन सीटों पर होने वाले चुनाव के बीच प्रदेश में सियासी पारा गर्माया हुआ है. क्योंकि सत्ताधारी कांग्रेस भले ही राज्यसभा की तीन सीटों में से दो सीटें जीतने की प्रबल दावेदार है. लेकिन बीजेपी दूसरी सीट पर प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक अगर बीजेपी दोनों सीट जीत जाती है तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी, जिसका ताज पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सिर पर हो सकता है.

बीजेपी का राज्यसभा प्लान

सियासी जानकार मानते है कि, बीजेपी को राज्यसभा की एक सीट आसानी से मिल जाएगी. लेकिन वह दूसरी सीट पर भी उम्मीदवार खड़ा करेगी. बीजेपी के संभावित राज्यसभा उम्मीदवारों की बात की जाए तो सबसे पहले उमा भारती का नाम आता है, जबकि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और कैलाश विजयवर्गीय को भी राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है.

कांग्रेस की अंदरुनी कलह का बीजेपी उठा सकती है फायदा

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशलेषक शिव अनुराग पटेरिया कहते है, इस वक्त प्रदेश में सियासी द्वंद चल रहा है. कांग्रेस में जहां राज्यसभा के कई दावेदार सामने आने से पार्टी की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आ गई है. जिसका फायदा बीजेपी उठाना चाहती है. पार्टी अगर निर्दलीय और बसपा-सपा के साथ कांग्रेस के कुछ विधायकों को तोड़ने में कामयाबी हासिल करती है, तो सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है. हालांकि यह सब भविष्य के गर्त में है. लेकिन बीजेपी राज्यसभा चुनाव के दौरान कुछ न कुछ सियासी खेल करने की तैयारी में जरुर है.

सिंधिया की नाराजगी भी दिला सकती है बीजेपी को राज्यसभा की दूसरी सीट

कांग्रेस के सीनियर लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हाल-फिलहाल अपनी ही सरकार को घेरते नजर आए हैं. बताया जा रहा की, उनकी नाराजगी भी राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर है. ऐसे में सिंधिया की नाराजगी का फायदा भी बीजेपी उठाना चाहती है. सिंधिया के तल्ख तेवर से कांग्रेस नेता भी हलकान हैं, कि सिंधिया का अगला कदम क्या होगा. अगर सिंधिया सर्मथक और विधायक पार्टी के खिलाफ बगावत करते हैं, तो बीजेपी के लिए मध्यप्रदेश में एक नया अध्याय प्रारंभ हो सकता है.

सियासी जानकार मानते है कि, राज्यसभा के चुनाव में बीजेपी को दूसरी सीट दिलाने में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा रोल हो सकता है, क्योंकि बीजेपी के ऐसे नेता हैं, जिनकी बाहरी विधायकों से अच्छी पकड़ है. यही वजह है कि, बीजेपी में नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिंह चौहान पर सबकी नजरें हैं.

MP में राज्यसभा का गणित

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में दो विधायकों के निधन के बाद इस वक्त 228 सदस्य हैं, जिनमें कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 है, तो बीजेपी के पास 107 विधायक है. चार विधायक निर्दलीय हैं, तो दो सीट बीएसपी और एक सीट समाजवादी पार्टी के पास है. विधायकों की वर्तमान संख्याबल के हिसाब से राज्यसभा की एक सीट के लिए 58 विधायकों के वोटों की जरुरत पड़ेगी. कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों की संख्या के हिसाब से एक-एक सीट दोनों पार्टियों को आसानी से मिल जाएगी. एक सीट जीतने के बाद कांग्रेस के पास 56 वोट बचेंगे, तो बीजेपी के पास 49 वोट बचेंगे. यानि क्रॉस वोटिंग की स्थिती में बीजेपी दूसरी सीट जीतने की कोशिश में रहेगी.

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