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एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोधक के कारण हर साल होती है 7 लाख मौत, एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल होता है घातक - एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक

एंटीबायोटिक दवाओं का तेजी से उपयोग हो रहा है. जिस वजह से शरीर में एंटीबॉडी दवाएं बेसर हो रही है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोधक के कारण हर साल 7 लाख मौतें होती हैं. इसी को लेकर भोपाल में एक सेमीनार का आयोजन हुआ. जिस संबंध में ईटीवी भारत को स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने जानकारी दी.

overuse of antibiotics is harmful
एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल घातक
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Published : Nov 18, 2021, 11:03 PM IST

भोपाल (Bhopal News)। एंटीबायोटिक दवाओं का जिस तरह से उपयोग हो रहा है, उसके घातक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन की तरह ही ये एक गंभीर समस्या तेजी से फैलती जा रही है. एंटीबायोटिक दवाओं का शरीर पर ज्यादा उपयोग होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होती जाती है. बाद में दवाओं का असर भी शरीर पर नहीं होता है. इसी को लेकर एक सेमिनार भोपाल में आयोजित किया गया. जिसमें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी शामिल हुए. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कई जरूरी जानकारी साझा की.

एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल घातक

जानिए, क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का असर अब शरीर पर कम होता दिखाई दे रहा है. उसको लेकर तमाम रिसर्च भी किए जा रहे हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए पूरे विश्वभर में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. एंट्रीमाइक्रोबियर प्रतिरोध के कारण हर साल देश में 700000 से अधिक मौतें हो रही हैं, यदि यही स्थिति रही तो यह आंकड़ा 2050 तक एक करोड़ से अधिक हो जाएगा.

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भविष्य में होने वाले इसके गंभीर परिणामों को देखते हुए अब मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर लगातार प्रयासरत है. एंटीबायोटिक पॉलिसी का निर्माण स्वास्थ्य विभाग और एम्स के संयुक्त प्रयास से किया गया है. इसको लेकर अब आगे भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि एनएचएम के सहयोग से सरकार अब प्रदेशभर में जागरूकता अभियान शुरू करेगी. स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल स्टोर और फूड आदि की दुकानों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल (Bhopal News)। एंटीबायोटिक दवाओं का जिस तरह से उपयोग हो रहा है, उसके घातक परिणाम भी सामने आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन की तरह ही ये एक गंभीर समस्या तेजी से फैलती जा रही है. एंटीबायोटिक दवाओं का शरीर पर ज्यादा उपयोग होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होती जाती है. बाद में दवाओं का असर भी शरीर पर नहीं होता है. इसी को लेकर एक सेमिनार भोपाल में आयोजित किया गया. जिसमें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी भी शामिल हुए. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कई जरूरी जानकारी साझा की.

एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल घातक

जानिए, क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का असर अब शरीर पर कम होता दिखाई दे रहा है. उसको लेकर तमाम रिसर्च भी किए जा रहे हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए पूरे विश्वभर में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. एंट्रीमाइक्रोबियर प्रतिरोध के कारण हर साल देश में 700000 से अधिक मौतें हो रही हैं, यदि यही स्थिति रही तो यह आंकड़ा 2050 तक एक करोड़ से अधिक हो जाएगा.

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भविष्य में होने वाले इसके गंभीर परिणामों को देखते हुए अब मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर लगातार प्रयासरत है. एंटीबायोटिक पॉलिसी का निर्माण स्वास्थ्य विभाग और एम्स के संयुक्त प्रयास से किया गया है. इसको लेकर अब आगे भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. स्वास्थ मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि एनएचएम के सहयोग से सरकार अब प्रदेशभर में जागरूकता अभियान शुरू करेगी. स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल स्टोर और फूड आदि की दुकानों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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