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E Granthalaya Software प्रदेश के सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालय ई ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़ेंगे, 16 लाख छात्रों को मिलेगा लाभ - ई ग्रंथालय सॉफ्टवेयर

मध्य प्रदेश के समस्त 528 शासकीय महाविद्यालय और 16 शासकीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के एनआईसी के ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से सीधे जुड़ेंगे. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इससे उच्च शिक्षा में अध्ययनरत प्रदेश के 16 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. E Granthalaya Software, MP Colleges universities Connect E Granthalaya Software

MP Colleges universities Connect E Granthalaya Software
एनआईसी और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए
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Published : Aug 25, 2022, 1:17 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने की तैयारी में हैं. इसको लेकर अब छात्रों को ई ग्रंथालय सॉफ्टवेयर के माध्यम से जोड़ा जाएगा. NIC और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस सम्बन्ध में एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं. मंत्री डॉ यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विद्यार्थियों को दुर्लभ पुस्तकें भी डिजिटल फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उपलब्ध हो सकेंगी. इससे अकादमिक गुणवत्ता में सुधार होगा. MP Colleges universities Connect E Granthalaya Software

MP Colleges universities Connect E Granthalaya Software
एनआईसी और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए

मोबाइल पर भी उपलब्ध है ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर: वर्तमान में देश के 28 हजार शिक्षण संस्थान ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं. यह मोबाइल पर भी उपलब्ध है. विद्यार्थी ऑनलाइन पंजीयन कर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध संसाधनों को इस पर अपलोड किया जा सकता है. ताकि अन्य महाविद्यालय, विश्वविद्यालयों को भी इसका फायदा मिल सके. NIC के अधिकारियों ने बताया कि ''सॉफ्टवेयर के उपयोग को लेकर महाविद्यालय लाइब्रेरी में पदस्थ स्टाफ और प्राध्यापकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा''.

दुनिया में कहीं से भी देख सकते हैं डाक्यूमेंट्स: उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के अनुसार ''आज के समय में ई लाइब्रेरी एक बेहतर फॉर्मेट के रूप में काम कर रही है. इसके माध्यम से दुनिया में कहीं भी आसानी से डाक्यूमेंट्स देख सकते हैं. साथ ही किताबें लाने और ले जाने से भी छात्र बचते हैं, मोबाइल पर एक पेट में पूरी जानकारी मिल जाती है''.

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क्या है ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. प्लेटोफॉर्म एकीकृत पुस्तकालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर, डिजिटल पुस्तकालय मॉड्यूल, क्लाउड होस्टिंग वातावरण और NICSI पैनलबद्ध रोल-आउट सेवाओं और समर्थन, एक पुस्तकालय पोर्टल (ओपीएसी) के साथ पुस्तकालय कम्प्यूटरीकरण के लिए एक पूर्ण आईसीटी समाधान प्रदान करता है. ई-ग्रंथालय पारंपरिक पुस्तकालयों को डिजिटल लाइब्रेरी सेवाओं के साथ ई-लाइब्रेरी में बदलने और सिंगल विंडो एक्सेस सिस्टम का उपयोग करके विभिन्न ऑनलाइन सदस्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोगी है. ई-ग्रंथालय का नवीनतम संस्करण, 'क्लाउड रेडी एप्लिकेशन' है और पुस्तकालयों के क्लस्टर के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस के साथ एंटरप्राइज मोड में एक वेब-आधारित समाधान प्रदान करता है.

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भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने की तैयारी में हैं. इसको लेकर अब छात्रों को ई ग्रंथालय सॉफ्टवेयर के माध्यम से जोड़ा जाएगा. NIC और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस सम्बन्ध में एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं. मंत्री डॉ यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विद्यार्थियों को दुर्लभ पुस्तकें भी डिजिटल फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उपलब्ध हो सकेंगी. इससे अकादमिक गुणवत्ता में सुधार होगा. MP Colleges universities Connect E Granthalaya Software

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एनआईसी और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए

मोबाइल पर भी उपलब्ध है ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर: वर्तमान में देश के 28 हजार शिक्षण संस्थान ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं. यह मोबाइल पर भी उपलब्ध है. विद्यार्थी ऑनलाइन पंजीयन कर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं. महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध संसाधनों को इस पर अपलोड किया जा सकता है. ताकि अन्य महाविद्यालय, विश्वविद्यालयों को भी इसका फायदा मिल सके. NIC के अधिकारियों ने बताया कि ''सॉफ्टवेयर के उपयोग को लेकर महाविद्यालय लाइब्रेरी में पदस्थ स्टाफ और प्राध्यापकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा''.

दुनिया में कहीं से भी देख सकते हैं डाक्यूमेंट्स: उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के अनुसार ''आज के समय में ई लाइब्रेरी एक बेहतर फॉर्मेट के रूप में काम कर रही है. इसके माध्यम से दुनिया में कहीं भी आसानी से डाक्यूमेंट्स देख सकते हैं. साथ ही किताबें लाने और ले जाने से भी छात्र बचते हैं, मोबाइल पर एक पेट में पूरी जानकारी मिल जाती है''.

इसी सत्र से सेकेंड ईयर के छात्रों को पढ़ाई जाएगी भगवद गीता, जानें क्या बोले उच्च शिक्षा मंत्री

क्या है ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. प्लेटोफॉर्म एकीकृत पुस्तकालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर, डिजिटल पुस्तकालय मॉड्यूल, क्लाउड होस्टिंग वातावरण और NICSI पैनलबद्ध रोल-आउट सेवाओं और समर्थन, एक पुस्तकालय पोर्टल (ओपीएसी) के साथ पुस्तकालय कम्प्यूटरीकरण के लिए एक पूर्ण आईसीटी समाधान प्रदान करता है. ई-ग्रंथालय पारंपरिक पुस्तकालयों को डिजिटल लाइब्रेरी सेवाओं के साथ ई-लाइब्रेरी में बदलने और सिंगल विंडो एक्सेस सिस्टम का उपयोग करके विभिन्न ऑनलाइन सदस्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोगी है. ई-ग्रंथालय का नवीनतम संस्करण, 'क्लाउड रेडी एप्लिकेशन' है और पुस्तकालयों के क्लस्टर के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस के साथ एंटरप्राइज मोड में एक वेब-आधारित समाधान प्रदान करता है.

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