भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह फटाफट निर्णय लेकर आम जनता को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में शिवराज ने डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है क्योंकि हमें करना है. हिंदी विश्वविद्यालय उसी सोच का परिणाम था. ये अलग बात है कि कम सफल हुआ या ज्यादा. मानस में परिवर्तन हो रहा है आगे भी होगा. कुछ शब्द जो अब व्यवहारिक हैं उन्हें भी शामिल करना होगा. अगर हम व्यवहारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंगे. उन्होंने आश्वस्त किया जल्द बदले जाएंगे अंग्रेजी में लिखे हुए सभी बोर्ड. सीएम शिवराज शनिवार को गांधी मेडिकल कॉलेज के दौरे पर पहुंचे थे. (bhopal Shivraj said we are the slaves of english) (bhopal shivraj singh praise of doctors)
-
गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े, तो भी मैं अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवा दूं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी।#MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/39If1PNVzd
">गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े, तो भी मैं अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवा दूं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 15, 2022
मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी।#MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/39If1PNVzdगांव के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े, तो भी मैं अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवा दूं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 15, 2022
मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी।#MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/39If1PNVzd
हम अंग्रेजी के विरोधी नहींः मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अंग्रेजी के विरोधी नहीं है, लेकिन राष्ट्रभाषा के प्रति जागरूकता जरूरी. आज यह मानसिकता गलत है, कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं हो सकता है. मैंने कई मेडिकल के बच्चों को सिर्फ इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते देखा है, क्योंकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी. यह एक सामाजिक क्रांति है. कुछ भी असंभव नहीं है. जब मैंने घोषणा की थी कि तो कुछ लोग मुंह पीछे कर के हंस रहे थे, लेकिन अब हमने करके दिखा दिया है. (bhopal shivraj said we are not against english) (bhopal mbbs In hindi)
Shivraj ने किसानों को दिया समय पर खाद उपलब्ध कराने का वचन, शिकायत के लिए जारी किया टोल फ्री नंबर
हम खुद अंग्रेजी के गुलाम हो गएः सीएम ने मजाकिया अंदाज में कहा कि दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते. ऊपर श्री हरि लिखो और नीचे दवाइयों का नाम लिखो. जब हिंदी भाषा घर घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी. सिर्फ हम ही अंग्रेजी के गुलाम हैं. वर्ना रूस, जापान, जर्मनी, चाइना जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है? हमें इन विकसित देशों से इसे भी सीखना होगा. हमें खुद पर विश्वास करना होगा. हिंदी के बड़े शब्दों में लिखना होगा दुकान.
शिवराज ने महापौर मालती राय को दिया निर्देशः मुख्यमंत्री ने मेयर मालती राय से कहा कि जो बदलाव किए जाने हैं जल्द कीजिए. हम मिलकर काम करेंगे. जो बोर्ड बदलने हैं बदल डालो. शिवराज ने गांधी मेडकल कॉलेज दौरे के समय वॉर रूम का भी निरीक्षण किया. यहीं पर MBBS की किताबों का हिंदी में रूपांतरण किया गया है. (bhopal shivraj directed Mayor malti Rai)
डॉक्टरों की मुक्त कंठ से प्रशंसाः शिवराज सिंह ने इस अभियान में लगी डॉक्टरों की पूरी टीम को बधाई दी है. डॉक्टर्स को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि आपने कितना बड़ा काम किया है. यह जरूरी है कि हम अपनी मातृभाषा में मेडिकल की शिक्षा दे सकें. आप एक नए युग का सृजन कर रहे है. (bhopal shivraj singh praise of doctors)