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Black Fungus के कारण निकल गया था ऊपर का जबड़ा, एम्स भोपाल के डेंटल विभाग ने डेढ़ साल बाद जीगोमेटिक इम्प्लांट्स द्वारा लौटाया

ब्लैक फंगस के कारण एक मरीज का ऊपर का जबड़ा निकल गया था जिसे भोपाल के एम्स में डेंटल विभाग ने डेढ़ साल बाद जायगोमेटिक इम्प्लांट्स द्वारा लौटाया गया है. अब डेढ़ साल बाद मरीज चबा कर खाना खा सकता है. इस मामले को प्रदेश का पहला मामला माना जा रहा है. जिसमें जायगोमेटिक इम्प्लांट्स लगाकर दांत लगाए गए और ब्लैक फंगस के कारण खराब हुए जबड़े को सफलतापूर्वक बनाया गया है. (Bhopal AIIMS Hospital) (Bhopal AIIMS Dental Department) (Bhopal AIIMS Successful Operation Black Fungus) (Bhopal AIIMS Zygomatic Implants)

Bhopal AIIMS Hospital
भोपाल एम्स जाइगोमैटिक इम्प्लांट्स
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Published : Sep 25, 2022, 10:54 PM IST

भोपाल। जिले के निवासी सुरेश (परिवर्तित नाम) का मार्च 2021 में ब्लैक फंगस हो गया था. इसके के कारण उनके ऊपर का जबड़ा (दोनों तरफ की मेक्सक्सिलरी बोन) सड़ गया था. ऊपर के सभी दांत हिलने लगे थे. इस बीमारी के साथ वे बहुत घबरा गए थे. उन्होंने एम्स हॉस्पिटल में डॉ अंशुल राय से संपर्क किया. जहां उनका ऑपरेशन किया गया. जिसमें उनके ऊपर की तरफ के जबड़े को काट दिया गया था इससे सभी दांत भी निकालने पड़े थे. (Bhopal AIIMS Hospital) (Bhopal AIIMS Dental Department)

Bhopal AIIMS Hospital
भोपाल एम्स जीगोमेटिक इम्प्लांट्स

दो घंटे तक हुई थी सर्जरी: दांत नहीं होने के कारण मरीज से खाना खाते नहीं बनता था. उन्होंने कई जगह दिखाया कि उनके दांत किसी प्रकार वापस आ जाएं, पर ये बहुत मुश्किल काम था. मुंबई के एक डॉक्टर ने उन्हें 8 लाख रुपये तक का खर्चा बताया. फिर उन्होंने भोपाल एम्स में आकर डॉ अंशुल राय को दिखाया और ऊपर का जड़बा बनाकर दांत लगाने की बात कही. डॉ अंशुल राय ने जायगोमेटिक इम्प्लांट्स लगाकर ऊपर का जबड़ा और दांत लगाने की सलाह दी. सभी रिस्क के बारे में बताया. इसके बाद डॉ अंशुल राय ने जायगोमेटिक इम्प्लांट्स की दो घंटे तक सर्जरी की.

डेढ़ साल बाद खाना खाया मरीज: कुछ दिनों के बाद में जायगोमेटिक इम्प्लांट्स के ऊप्पर दांतो का प्रोस्थेसिस लगाने का काम किया गया. जो लगभग एक हफ्ते में पूरा हो गया. प्रोस्थेटिक के प्रयोग से डॉ गुंजन चौकसी और अमन पटेल ने डॉ अंशुल राय के साथ मिलकर मरीज को खाना खाने लायक बना दिया. मरीज को चबा कर खाना खाने का सौभाग्य लगभग डेढ़ साल बाद मिला. डेढ़ साल बाद खाना खाकर मरीज बहुत खुश है. मध्य प्रदेश के डॉक्टर्स द्वारा किया गया ये पहला केस है. संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह एवं विभाग प्रमुख प्रो. डॉ. पंकज गोयल ने पूरी टीम को बधाई दी है.

मध्य प्रदेश में डेंगू के मरीज को हुआ ब्लैक फंगस, डॉक्टर बोले-चौंकाने वाला है मामला

मरीजों का इलाज मुफ्त डॉ. अंशुल राय ने बताया कि, पिछले साल कई लोगों का ब्लैक फंगस का ऑपरेशन एम्स भोपल में किया गया था. अब वे लोग दांत लगवाने के लिए आ रहे हैं. जायगोमेटिक इम्प्लांट्स के द्वारा दांत लगाने की सर्जरी बहुत जटिल होती है. इसमें आंख के भी डैमेज होने का खतरा होता है. उन्होंने बताया कि इस तरह के मरीजों जिनका ब्लैक फंगस के कारण जबड़े निकल दिए गए थे. उनको जायगोमेटिक इम्प्लांट्स प्रोस्थेसिस लगाने के लिए इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से फंडिंग भी मांगी है. फंडिंग मिलने के बाद इस तरीके के मरीजों का इलाज बिल्कुल मुफ्त में संभव हो पाएगा.(Bhopal AIIMS Successful Operation Black Fungus) (Bhopal AIIMS Zygomatic Implants).

भोपाल। जिले के निवासी सुरेश (परिवर्तित नाम) का मार्च 2021 में ब्लैक फंगस हो गया था. इसके के कारण उनके ऊपर का जबड़ा (दोनों तरफ की मेक्सक्सिलरी बोन) सड़ गया था. ऊपर के सभी दांत हिलने लगे थे. इस बीमारी के साथ वे बहुत घबरा गए थे. उन्होंने एम्स हॉस्पिटल में डॉ अंशुल राय से संपर्क किया. जहां उनका ऑपरेशन किया गया. जिसमें उनके ऊपर की तरफ के जबड़े को काट दिया गया था इससे सभी दांत भी निकालने पड़े थे. (Bhopal AIIMS Hospital) (Bhopal AIIMS Dental Department)

Bhopal AIIMS Hospital
भोपाल एम्स जीगोमेटिक इम्प्लांट्स

दो घंटे तक हुई थी सर्जरी: दांत नहीं होने के कारण मरीज से खाना खाते नहीं बनता था. उन्होंने कई जगह दिखाया कि उनके दांत किसी प्रकार वापस आ जाएं, पर ये बहुत मुश्किल काम था. मुंबई के एक डॉक्टर ने उन्हें 8 लाख रुपये तक का खर्चा बताया. फिर उन्होंने भोपाल एम्स में आकर डॉ अंशुल राय को दिखाया और ऊपर का जड़बा बनाकर दांत लगाने की बात कही. डॉ अंशुल राय ने जायगोमेटिक इम्प्लांट्स लगाकर ऊपर का जबड़ा और दांत लगाने की सलाह दी. सभी रिस्क के बारे में बताया. इसके बाद डॉ अंशुल राय ने जायगोमेटिक इम्प्लांट्स की दो घंटे तक सर्जरी की.

डेढ़ साल बाद खाना खाया मरीज: कुछ दिनों के बाद में जायगोमेटिक इम्प्लांट्स के ऊप्पर दांतो का प्रोस्थेसिस लगाने का काम किया गया. जो लगभग एक हफ्ते में पूरा हो गया. प्रोस्थेटिक के प्रयोग से डॉ गुंजन चौकसी और अमन पटेल ने डॉ अंशुल राय के साथ मिलकर मरीज को खाना खाने लायक बना दिया. मरीज को चबा कर खाना खाने का सौभाग्य लगभग डेढ़ साल बाद मिला. डेढ़ साल बाद खाना खाकर मरीज बहुत खुश है. मध्य प्रदेश के डॉक्टर्स द्वारा किया गया ये पहला केस है. संस्थान के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह एवं विभाग प्रमुख प्रो. डॉ. पंकज गोयल ने पूरी टीम को बधाई दी है.

मध्य प्रदेश में डेंगू के मरीज को हुआ ब्लैक फंगस, डॉक्टर बोले-चौंकाने वाला है मामला

मरीजों का इलाज मुफ्त डॉ. अंशुल राय ने बताया कि, पिछले साल कई लोगों का ब्लैक फंगस का ऑपरेशन एम्स भोपल में किया गया था. अब वे लोग दांत लगवाने के लिए आ रहे हैं. जायगोमेटिक इम्प्लांट्स के द्वारा दांत लगाने की सर्जरी बहुत जटिल होती है. इसमें आंख के भी डैमेज होने का खतरा होता है. उन्होंने बताया कि इस तरह के मरीजों जिनका ब्लैक फंगस के कारण जबड़े निकल दिए गए थे. उनको जायगोमेटिक इम्प्लांट्स प्रोस्थेसिस लगाने के लिए इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से फंडिंग भी मांगी है. फंडिंग मिलने के बाद इस तरीके के मरीजों का इलाज बिल्कुल मुफ्त में संभव हो पाएगा.(Bhopal AIIMS Successful Operation Black Fungus) (Bhopal AIIMS Zygomatic Implants).

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