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चित्रकारों ने बापू के आदर्शों को कैनवास पर उकेरा, पेंटिंग एग्जीबिशन की हुई शुरूआत - गांधी के आदर्श कैनवास पर

अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होते ही सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ने लगी है. इसी कड़ी में भोपाल के डीबी मॉल में महात्मा गांधी पर एकाग्र फोटो पेंटिंग एग्जीबिशन की शुरुआत हुई. जिसमें चित्रकारों ने बापू के आदर्शों को कैनवास पर उकेरा.

Artists of Bhopal engraved the ideals of Mahatma Gandhi on canvas
चित्रकारों ने बापू आदर्शों को कैनवास पर उकेरा
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Published : Oct 1, 2020, 1:14 AM IST

भोपाल। अब धीरे-धीरे सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ने लगी है. भोपाल के डीबी मॉल में गांधीजी पर एकाग्र फोटो और पेंटिंग एग्जीबिशन की शुरुआत हुई. जिसमें गांधीजी पर एकाग्र प्रदर्शनी की संयोजक नीता वाजपेई ने बताया कि इस प्रदर्शनी के पीछे का उद्देश्य यह है कि महात्मा गांधी की जयंती पर उनके आदर्शों को कैनवास के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा सके.

चित्रकारों ने बापू आदर्शों को कैनवास पर उकेरा

पेंटिंग एग्जीबिशन में इसमें अलग-अलग तरह के काम है इसमें 17 आर्टिस्टो की 23 पेंटिंग्स हैं. 17 वर्षीय चित्रकार दीपांशी वाजपेई ने बताया कि उन्हें अपनी पेंटिंग्स में गांधी जी का विजन बताना था. गांधीजी ने जो सपना देखा था, एक भारत का वह पूरा हो चुका है. इन्होंने अपनी दूसरी पेंटिंग में गांधीजी के तीन बंदर बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो को दर्शाया है.

चित्रकार पवन ने ईटीवी भारत को बताया कि गांधीजी की पेंटिंग बनाने में उन्हें सिर्फ पांच से 6 घंटे लगे. यह पेंटिंग एक्रेलिक और फैब्रिक कलर से बनाई गई है. उन्होंने अपने कला के जरिए कहा है कि गांधी जी आप फिर से धरती पर जन्म लो. चित्रकार शुभी शर्मा ने अपने चित्र में एक लक्ष्य दिखाया है, जो इंक्रेडिबल इंडिया का है. उनके चित्रों में समस्त भारत के दर्शन होते हैं. केरला के मुखोटे, आगरे का ताजमहल राजस्थान की शहनाइयां यहां तक कि आईपीएल के क्रिकेट मैच भी उसमें सम्मिलित है.

भोपाल। अब धीरे-धीरे सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ने लगी है. भोपाल के डीबी मॉल में गांधीजी पर एकाग्र फोटो और पेंटिंग एग्जीबिशन की शुरुआत हुई. जिसमें गांधीजी पर एकाग्र प्रदर्शनी की संयोजक नीता वाजपेई ने बताया कि इस प्रदर्शनी के पीछे का उद्देश्य यह है कि महात्मा गांधी की जयंती पर उनके आदर्शों को कैनवास के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा सके.

चित्रकारों ने बापू आदर्शों को कैनवास पर उकेरा

पेंटिंग एग्जीबिशन में इसमें अलग-अलग तरह के काम है इसमें 17 आर्टिस्टो की 23 पेंटिंग्स हैं. 17 वर्षीय चित्रकार दीपांशी वाजपेई ने बताया कि उन्हें अपनी पेंटिंग्स में गांधी जी का विजन बताना था. गांधीजी ने जो सपना देखा था, एक भारत का वह पूरा हो चुका है. इन्होंने अपनी दूसरी पेंटिंग में गांधीजी के तीन बंदर बुरा मत देखो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो को दर्शाया है.

चित्रकार पवन ने ईटीवी भारत को बताया कि गांधीजी की पेंटिंग बनाने में उन्हें सिर्फ पांच से 6 घंटे लगे. यह पेंटिंग एक्रेलिक और फैब्रिक कलर से बनाई गई है. उन्होंने अपने कला के जरिए कहा है कि गांधी जी आप फिर से धरती पर जन्म लो. चित्रकार शुभी शर्मा ने अपने चित्र में एक लक्ष्य दिखाया है, जो इंक्रेडिबल इंडिया का है. उनके चित्रों में समस्त भारत के दर्शन होते हैं. केरला के मुखोटे, आगरे का ताजमहल राजस्थान की शहनाइयां यहां तक कि आईपीएल के क्रिकेट मैच भी उसमें सम्मिलित है.

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