भोपाल। भारतीय बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर अपनी (Chennai Autorickshaw Driver Anna Durai) दमदार मौजूदगी के लिए मशहूर हैं. सोशल मीडिया पर वायरल फोटो और वीडियो पर उनकी पैनी नजर रहती है. ऐसा ही एक वीडियो उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया है. इसमें एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर अनोखे मैनेजमेंट स्किल के बारे में बता रहा है. महिंद्रा इससे बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने ड्राइवर को मैनेजमेंट का प्रोफेसर बताया. उन्होंने अपने CEO को इस शख्स से सीखने की नसीहत दी.
सोशल मीडिया पर अन्ना दुरई की धूम
सोशल मीडिया पर चेन्नई के ऑटो चालक अन्ना दुरई की धूम मची है. इसमें अन्ना के अनोखे मैनेजमेंट स्किल के बारे में बताया गया था. अन्ना दुरई के ऑटो में किसी कैफे की तरह सभी बेसिक सुविधाएं मौजूद हैं. आनंद महिंद्रा ने यह वीडियो देखा तो उसके कायल हो गए. उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि यदि एमबीए के छात्र इस ड्राइवर के साथ एक दिन बिताते हैं, तो यह अनुभव प्रबंधन के लिए कम्प्रेस्ड पाठ्यक्रम पढ़ने जैसा होगा. यह आदमी केवल ऑटो चालक नहीं बल्कि मैनेजमेंट का प्रोफेसर है.
CEO को दी सीखने की सलाह
पोस्ट में 2 मिनट 20 सेकेंड का एक वीडियो पोस्ट किया गया है. आनंद महिंद्रा ने केवल अन्ना को न केवल मैनेजमेंट का प्रोफेसर बताया, बल्कि महिंद्रा इलेक्ट्रिक की सीईओ सुमन मिश्रा को टैग करते हुये लिखा कि- जरा, इससे कुछ सीखो. सुमन मिश्रा ने भी इसका जवाब देते हुये लिखा, हम महिंद्रा इलेक्ट्रिक में इस मानसिकता को सीखने, सहयोग करने और बढ़ाने के इच्छुक हैं.
ऑटो देता है कैफे को टक्कर
अन्ना दुरई तमिलनाडु के तंजावुर जिले के पेरावुरानी गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता और बड़े भाई भी ऑटो ड्राइवर ही हैं. उन्होंने अपने ज्ञान और हुनर को अपने नए पेशे में इस्तेमाल किया. वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. उनका ऑटो कोई साधारण ऑटो नहीं है. उनका ऑटो वाई-फाई इनब्लड है. इसमें टीवी लगा है और एक छोटा-सा फ्रीज भी है. वे अपने ग्राहकों को ऑटो में लैपटॉप और टैबलेट भी उपलब्ध कराते हैं. मैगजीन और समाचार-पत्र भी पढ़ने को देते हैं. ऑटो में मास्क और सैनेटाइजर दोनों मिलता है वह भी मुफ्त में. वह टीचर, डॉक्टर, नर्स और सेनेटाइजेशन वर्कर जैसे पेशे से जुड़े लोगों को मुफ्त यात्रा भी कराते हैं.
बनना चाहते थे बिजनेसमैन
अन्ना दुरई ने का बचपन से ही बिजनेसमैन बनने का सपना था. आर्थिक तंगी के चलते उनको 12वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ना पड़ी. घर की जिम्मेदारी के लिए ऑटो चलाना पड़ा. उन्होंने अपने सपनों के आगे गरीबी को आड़े आने नहीं दिया. अपने इस निर्णय पर उन्होंने कभी स्वयं को नहीं कोसा.
अन्ना की मैनेजमेंट स्किल्स से लोग इतने प्रभावित हैं कि वह हुंडई और वोडाफोन जैसी बड़ी कंपनियों के कर्मचारी उनसे मैनजमेंट के गुर ले चुके हैं. कॉर्पोरेट ऑफिसेज में उनकी 40 स्पीच हो चुकी हैं और 6 टीईडी टॉक्स भी कर चुके हैं. सोशल मीडिया पर भी उनकी गजब की फैन फॉलोइंग हैं. 9 भाषाओं के जानकार अन्ना पैसेंजर्स को अपना भगवान मानते हैं.