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Cheetah project Update अफ्रीका से 17 सितंबर को तड़के जयपुर पहुंचेंगे 8 चीते, 45 मिनिट बाद हेलीकॉप्टर से कूनो, स्पेशल रनवे भी तैयार

अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते 16 सितंबर को जयपुर के लिए रवाना किए जाएंगे. 17 सितंबर को जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद इन्‍हें मध्‍य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान ले जाया (cheetah translocation project) जाएगा. कुनो पालपुर चंबल से लगता हुआ क्षेत्र है, इसलिए चीतों को वाया जयपुर लाया जा रहा है.

kuno national park cheetah
अफ्रीका से 8 चीते विमान से लाए जाएंगे जयपुर
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Published : Sep 15, 2022, 5:29 PM IST

जयपुर. अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते कार्गो विमान से जयपुर एयरपोर्ट पर लाए (Cheetahs to be brought from Namibia to Jaipur) जाएंगे. जयपुर एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टर में शिफ्ट करके चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर ले जाया जाएगा. इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं. अफ्रीका से लाए जा रहे चीतों की उम्र करीब 4 से 6 साल तक बताई जा रही है. सबसे तेज रफ्तार वाले जीव कहे जाने वाले चीतों की देश में वापसी होने से बनी जीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है.

आखिर चीतों को जयपुर क्यों लाया जा रहा है, इसके बारे में जानकारों से पता चला है कि एमपी के कुनो पालपुर में चीतों को छोड़ा जाएगा. कुनो पालपुर चंबल से लगता हुआ क्षेत्र है. इस क्षेत्र के नजदीक जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पड़ता है. जिसकी वजह से कार्गो विमान अफ्रीका से सीधे जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करेगा. जयपुर एयरपोर्ट से चीतों को विमान से हेलीकॉप्टर में शिफ्ट कर करीब 35 मिनट में कुनो पालपुर पहुंचाया जाएगा. कार्गो विमान से हेलीकॉप्टर में चीतों को शिफ्ट करने में करीब 45-50 मिनट का समय लगेगा.

पढ़ें: Cheetah in India देखें 70 साल बाद कैसी होंगी MP के कूनों पालपुर में चीतों की कुलांचे, स्पेशल प्लेन से भारत आ रहे हैं चीते

अफ्रीका के नामीबिया से चीते 16 सितंबर को रवाना किए जाएंगे. कार्गो विमान से चीते 17 सितंबर की अल सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंच जाएंगे. सेंट्रल जू अथॉरिटी और मध्य प्रदेश वन विभाग की टीम की देखरेख में चीतो को अफ्रीका से लाया जा रहा है. जयपुर एयरपोर्ट पर चीतों को लाने के लिए रनवे मेंटेनेंस समेत तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जयपुर एयरपोर्ट पर चीतों के स्वास्थ्य और मेडिकल सुविधाओं के लिए एक स्पेशल टीम को भी तैनात किया गया है. जिस विमान में चीतों को लाया जा रहा है, उसमें भी मेडिकल टीम को साथ में रखा गया है. चीतों के खाने-पीने और मेडिकल संबंधित तमाम व्यवस्थाएं विमान के अंदर की गई हैं.

पढ़ें: कोटा : लोकसभा अध्यक्ष से मिले वन मंत्री, बिरला ने कहा जल्द बसाएंगे टाइगर, चीता भी लाने की कर रहे हैं तैयारी

हालांकि राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई है. राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो चीतों को जयपुर एयरपोर्ट लाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए पार्क में बाड़े तैयार किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीतों को बाड़ों में छोड़ेंगे. चीतों को 1 महीने के लिए क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा.

पढ़ें: MP:चीतों को लाने का रूट फाइनल, नामीबिया से कूनो वाया जयपुर, प्लेन में बेहोश कर के लाए जाएंगे, कूनो में ही खुलेगी नींद

जानकारों की मानें तो दुनिया भर में चीतों के अस्तित्व पर संकट गहरा रहा है. ऐसे में भारत में चीतों को फिर से आबाद करने की कोशिश की जा रही है. राजस्थान में चीतों के आवास के लिए अच्छे विकल्प मौजूद हैं. राजस्थान में भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर चीतों को बसाया जा सकता है. चीतों के अनुकूल राजस्थान में कई ऐसे जंगल है, जहां खुले घास के मैदान और शिकार के लिए पर्याप्त शाकाहारी वन्यजीव मौजूद हैं. राजस्थान में 1950 से पहले चीते विलुप्त हो गए थे. राजस्थान में भी चीते बसाने की कोशिश की जा रही है.

जयपुर. अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते कार्गो विमान से जयपुर एयरपोर्ट पर लाए (Cheetahs to be brought from Namibia to Jaipur) जाएंगे. जयपुर एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टर में शिफ्ट करके चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर ले जाया जाएगा. इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं. अफ्रीका से लाए जा रहे चीतों की उम्र करीब 4 से 6 साल तक बताई जा रही है. सबसे तेज रफ्तार वाले जीव कहे जाने वाले चीतों की देश में वापसी होने से बनी जीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है.

आखिर चीतों को जयपुर क्यों लाया जा रहा है, इसके बारे में जानकारों से पता चला है कि एमपी के कुनो पालपुर में चीतों को छोड़ा जाएगा. कुनो पालपुर चंबल से लगता हुआ क्षेत्र है. इस क्षेत्र के नजदीक जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पड़ता है. जिसकी वजह से कार्गो विमान अफ्रीका से सीधे जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करेगा. जयपुर एयरपोर्ट से चीतों को विमान से हेलीकॉप्टर में शिफ्ट कर करीब 35 मिनट में कुनो पालपुर पहुंचाया जाएगा. कार्गो विमान से हेलीकॉप्टर में चीतों को शिफ्ट करने में करीब 45-50 मिनट का समय लगेगा.

पढ़ें: Cheetah in India देखें 70 साल बाद कैसी होंगी MP के कूनों पालपुर में चीतों की कुलांचे, स्पेशल प्लेन से भारत आ रहे हैं चीते

अफ्रीका के नामीबिया से चीते 16 सितंबर को रवाना किए जाएंगे. कार्गो विमान से चीते 17 सितंबर की अल सुबह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंच जाएंगे. सेंट्रल जू अथॉरिटी और मध्य प्रदेश वन विभाग की टीम की देखरेख में चीतो को अफ्रीका से लाया जा रहा है. जयपुर एयरपोर्ट पर चीतों को लाने के लिए रनवे मेंटेनेंस समेत तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जयपुर एयरपोर्ट पर चीतों के स्वास्थ्य और मेडिकल सुविधाओं के लिए एक स्पेशल टीम को भी तैनात किया गया है. जिस विमान में चीतों को लाया जा रहा है, उसमें भी मेडिकल टीम को साथ में रखा गया है. चीतों के खाने-पीने और मेडिकल संबंधित तमाम व्यवस्थाएं विमान के अंदर की गई हैं.

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हालांकि राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई है. राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो चीतों को जयपुर एयरपोर्ट लाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए पार्क में बाड़े तैयार किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीतों को बाड़ों में छोड़ेंगे. चीतों को 1 महीने के लिए क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा.

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जानकारों की मानें तो दुनिया भर में चीतों के अस्तित्व पर संकट गहरा रहा है. ऐसे में भारत में चीतों को फिर से आबाद करने की कोशिश की जा रही है. राजस्थान में चीतों के आवास के लिए अच्छे विकल्प मौजूद हैं. राजस्थान में भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर चीतों को बसाया जा सकता है. चीतों के अनुकूल राजस्थान में कई ऐसे जंगल है, जहां खुले घास के मैदान और शिकार के लिए पर्याप्त शाकाहारी वन्यजीव मौजूद हैं. राजस्थान में 1950 से पहले चीते विलुप्त हो गए थे. राजस्थान में भी चीते बसाने की कोशिश की जा रही है.

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