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दमोह: गंगा सफाई अभियान के तहत गायत्री परिवार ने की तालाब की सफाई - Gayatri cleaning lake

शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर दमोह से बुंदेलखंड के गंगा सफाई अभियान का आगाज किया जाता है. गंगा सफाई अभियान नाम का यह आंदोलन गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा कई सालों से चलाया जा रहा है.

गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा गंगा सफाई अभियान
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Published : May 20, 2019, 11:32 AM IST

दमोह। शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा गंगा सफाई अभियान के नाम से जल स्रोतों की सफाई का अभियान चला जाता है. इसके तहत जल स्रोतों को साफ स्वच्छ करने का बेड़ा उठाया जाता है. नगर के बेलाताल तालाब को गंदगी से मुक्त करने का संकल्प लिया गया. हर साल होने वाले इस आयोजन के तहत गायत्री शक्तिपीठ परिवार के कई लोग शामिल हुए.

गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा गंगा सफाई अभियान

शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर दमोह से बुंदेलखंड के गंगा सफाई अभियान का आगाज किया जाता है. गंगा सफाई अभियान नाम का यह आंदोलन गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा कई सालों से चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोग अपने शहर में स्थित प्राकृतिक जल स्रोतों को साफ करने का काम करते हैं. उनकी गंदगी को दूर करते हुए उनको हमेशा साफ रखने का संदेश भी देते हैं.

गायत्री परिवार के अनेक लोग नगर के बेलाताल पहुंचे, जहां पर सभी ने मिलकर तालाब की गंदगी को निकाल कर उसे साफ किया. साथ ही यह संदेश दिया कि पूजन सामग्री फेंककर हम तालाबों को गंदा करते हैं. ऐसा ना करते हुए खेत आदि में उस पूजन सामग्री को गड्ढा खोदकर गाड़ना चाहिए. जिससे सामग्री का खाद के रूप में इस्तमाल किया जा सके. तालाब में सामग्री जाने से यह पानी पूरी तरह से गंदा हो जाता है.

गायत्री शक्तिपीठ के द्वारा संचालित किया जाने वाला यह अभियान कई मायनों में खास कहा जा सकता है. एक सामाजिक संस्थान द्वारा तालाब की साफ सफाई करने की जिम्मेदारी उठाना बड़ा परिश्रम का काम है. ऐसे हालात में शहर के लोगों को इस संगठन का समर्थन करना चाहिए. वहीं तालाब पर कचरा आदि ना फेंककर सहयोग भी करना चाहिए.

दमोह। शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा गंगा सफाई अभियान के नाम से जल स्रोतों की सफाई का अभियान चला जाता है. इसके तहत जल स्रोतों को साफ स्वच्छ करने का बेड़ा उठाया जाता है. नगर के बेलाताल तालाब को गंदगी से मुक्त करने का संकल्प लिया गया. हर साल होने वाले इस आयोजन के तहत गायत्री शक्तिपीठ परिवार के कई लोग शामिल हुए.

गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा गंगा सफाई अभियान

शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर दमोह से बुंदेलखंड के गंगा सफाई अभियान का आगाज किया जाता है. गंगा सफाई अभियान नाम का यह आंदोलन गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा कई सालों से चलाया जा रहा है. जिसके तहत लोग अपने शहर में स्थित प्राकृतिक जल स्रोतों को साफ करने का काम करते हैं. उनकी गंदगी को दूर करते हुए उनको हमेशा साफ रखने का संदेश भी देते हैं.

गायत्री परिवार के अनेक लोग नगर के बेलाताल पहुंचे, जहां पर सभी ने मिलकर तालाब की गंदगी को निकाल कर उसे साफ किया. साथ ही यह संदेश दिया कि पूजन सामग्री फेंककर हम तालाबों को गंदा करते हैं. ऐसा ना करते हुए खेत आदि में उस पूजन सामग्री को गड्ढा खोदकर गाड़ना चाहिए. जिससे सामग्री का खाद के रूप में इस्तमाल किया जा सके. तालाब में सामग्री जाने से यह पानी पूरी तरह से गंदा हो जाता है.

गायत्री शक्तिपीठ के द्वारा संचालित किया जाने वाला यह अभियान कई मायनों में खास कहा जा सकता है. एक सामाजिक संस्थान द्वारा तालाब की साफ सफाई करने की जिम्मेदारी उठाना बड़ा परिश्रम का काम है. ऐसे हालात में शहर के लोगों को इस संगठन का समर्थन करना चाहिए. वहीं तालाब पर कचरा आदि ना फेंककर सहयोग भी करना चाहिए.

Intro:गायत्री शक्तिपीठ परिवार ने चलाया दमोह में गंगा सफाई अभियान तालाब की मिलकर की सफाई

पूरे देश में चला जाता है शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर सफाई अभियान हर साल होता है आयोजन

Anchor. शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा गंगा सफाई अभियान के नाम से जल स्रोतों की सफाई का अभियान चला जाता है. इसके तहत जल स्रोतों को साफ स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया जाता है. इसी के तहत दमोह में सफाई अभियान चलाया गया. जिसमें नगर के बेलाताल तालाब को गंदगी से मुक्त करने का संकल्प लिया गया. हर साल होने वाले इस आयोजन के तहत गायत्री शक्तिपीठ परिवार के महिला एवं पुरुष शामिल हुए.


Body:Vo. दमोह से गायत्री शक्तिपीठ परिवार का पूरा बुंदेलखंड संचालित होता है, और शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देश पर दमोह से बुंदेलखंड के गंगा सफाई अभियान का आगाज किया जाता है. गंगा सफाई अभियान नाम का यह आंदोलन गायत्री शक्तिपीठ परिवार द्वारा कई वर्षों से चलाई जा रहा है. जिसके तहत यह लोग अपने शहर में स्थित प्राकृतिक जल स्रोतों को साफ करने का काम करते हैं. तथा उनकी गंदगी को दूर करते हुए उनको हमेशा साफ रखने का संदेश भी देते हैं. इसी के तहत गायत्री परिवार के अनेक लोग नगर के बेलाताल पहुंचे जहां पर सभी ने मिलकर तालाब की गंदगी को निकाल कर उसे साफ किया. साथ ही यह संदेश दिया की पूजन सामग्री फेंककर हम तालाबों को गंदा करते हैं. ऐसा ना करते हुए हमें खेत आदि में उस पूजन सामग्री को गड्ढा खोदकर गाड़ना चाहिए. जिससे वह सामग्री खाद का रूप ले ले. तालाब में सामग्री जाने से यह पानी पूरी तरह से गंदा हो जाता है.

बाइट भूपेंद्र गायत्री शक्तिपीठ कार्यकर्ता


Conclusion:Vo. गायत्री शक्तिपीठ के द्वारा संचालित किया जाने वाला यह अभियान कई मायनों में खास कहा जा सकता है.एक सामाजिक संस्थान द्वारा तालाब की साफ सफाई करने का बीड़ा उठाना बड़ा परिश्रम का काम है. ऐसे हालात में शहर के लोगों को जहां इस संगठन का समर्थन करना चाहिए. वही तालाब पर कचरा आदि ना फेंककर सहयोग भी करना चाहिए.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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