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मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर सड़क पर बैठे परिजन, ऑपरेशन के लिए मिल रही थी तारीख पर तारीख

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से ऑपरेशन की तारीख पर तारीख दी जा रही है. जिससे परेशान होकर परिजनों ने अनोखा प्रदर्शन किया है.

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Published : Mar 10, 2019, 3:10 PM IST


शहडोल: मरीज के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल द्वारा तारीख पर तारीख देने से नाराज परिजनों ने अनोखा प्रदर्शन किया है. स्ट्रेचर पर मरीज को लेकर वो जिला हॉस्पिटल के बाहर सड़क पर बैठ गए हैं. जिससे वहां जाम लग गया.

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से ऑपरेशन की तारीख पर तारीख दी जा रही है. जिससे परेशान होकर उन्होंने ये कदम उठाया. हालांकि तकरीबन आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया और मरीज को वार्ड में ले जाकर एडमिट कराया गया.

District hospital,mp
परिजनों का अनोखा प्रदर्शन

मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज के पेट की नस फट गयी है जिसका आज ऑपरेशन होना है लेकिन पिछले छह दिन से वो लोग अस्पताल में भर्ती है बाबजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से ऑपरेशन के लिए सिर्फ तारीख पर तारीख दी जा रही है. पहले आज का 11 बजे का टाइम दिया गया और बाद में कहा गया कि स्टाफ नहीं है, डॉक्टर नहीं है.

परिजनों ने अनोखा प्रदर्शन

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरीज के पेट में प्रोबेबली स्टोमैक में छेद हो गया है, जिसके चलते जो उसके भोजन का मटेरियल पेट में जा रहा है, जिसके चलते पेरोनाइट्स मरीज को बहुत पीड़ा होती है. मरीज के परिजनों को रोड पर जाने के लिए उनको मना किया गया, वो खुद ही जबरदस्ती चले गए.


शहडोल: मरीज के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल द्वारा तारीख पर तारीख देने से नाराज परिजनों ने अनोखा प्रदर्शन किया है. स्ट्रेचर पर मरीज को लेकर वो जिला हॉस्पिटल के बाहर सड़क पर बैठ गए हैं. जिससे वहां जाम लग गया.

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से ऑपरेशन की तारीख पर तारीख दी जा रही है. जिससे परेशान होकर उन्होंने ये कदम उठाया. हालांकि तकरीबन आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया और मरीज को वार्ड में ले जाकर एडमिट कराया गया.

District hospital,mp
परिजनों का अनोखा प्रदर्शन

मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज के पेट की नस फट गयी है जिसका आज ऑपरेशन होना है लेकिन पिछले छह दिन से वो लोग अस्पताल में भर्ती है बाबजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से ऑपरेशन के लिए सिर्फ तारीख पर तारीख दी जा रही है. पहले आज का 11 बजे का टाइम दिया गया और बाद में कहा गया कि स्टाफ नहीं है, डॉक्टर नहीं है.

परिजनों ने अनोखा प्रदर्शन

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरीज के पेट में प्रोबेबली स्टोमैक में छेद हो गया है, जिसके चलते जो उसके भोजन का मटेरियल पेट में जा रहा है, जिसके चलते पेरोनाइट्स मरीज को बहुत पीड़ा होती है. मरीज के परिजनों को रोड पर जाने के लिए उनको मना किया गया, वो खुद ही जबरदस्ती चले गए.

Intro:मरीज़ का होना था ऑपेरशन, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ, स्ट्रेचर के साथ मरीज़ और परिजन पहुंच गए रोड पर, जमकर हुआ हंगामा

शहडोल- शहडोल जिला चिकित्सालय के बाहर रोड में उस वक़्त हंगामा मच गया, जब एक मरीज़ को लेकर उनके परिजन स्ट्रेचर के साथ ही रोड में आकर सो गए, और रोड जाम हो गया। इस घटना से वहां हंगामा मच गया, काफी भीड़ इक्कठा हो गई, और वाहनों का आना जाना रुका रहा। करीब आधे घंटे से भी ऊपर
तक हंगामा होता रहा लेकिन अस्पताल प्रबंधन का कोई वहां नहीं पहुंचा, कुछ देर बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो इस बात पर परिजन माने की मरीज़ का आज ही ऑपेरशन होगा और फिर उन्हें अस्पताल के अंदर ले जाया गया, कुछ देर बाद सिविल सर्जन भी वहां पहुंचे, और फिर से मरीज़ को वार्ड में ले जाकर एडमिट किया गया।




Body:इसलिए हुआ हंगामा

मरीज़ के परिजनों ने बताया कि वो लोग जैतपुर के पास कुड़ेली गांव के रहने वाले हैं मरीज़ का नाम राजकुमार मिश्रा है, परिजनों ने बताया कि मरीज़ के पेट का नस फट गया है, सोनोग्रफी में आंत के फटने की समस्या भी है इसलिए आपरेशन होना था, पिछले 6 दिन से वो लोग भर्ती हैं और उन्हें ऑपेरशन के लिए तारीख पे तारीख दी जा रही है पहले कल बोला गया कि आपरेशन होगा, और फिर बोला गया आज होगा परिजनों के मुताबिक आज ऑपेरशन की तैयारी भी कर ली गई थी, पहले बोले 11 बजे होगा फिर टाइम बढ़ा दिया, लेकिन अब एक डॉक्टर कुलदीप तो तैयार है लेकिन उन्होंने कहा कि और स्टाफ नहीं है, बेहोश करने वाला डॉक्टर ही नहीं है। मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन पर कई आरोप लगाए।




Conclusion:सिविल सर्जन ने कहा परिजन ओवर रिऐक्शन कर रहे

वहीं इस पूरे मामले के बारे में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन ने कहा कि मुझे लगता है कि मरीज के साथ वालों का ये ओवर रिएक्शन है, हलांकि मरीज़ को कष्ट भी बहुत है, मरीज़ के पेट में प्रोबेबली स्टोमैक में छेद हो गया है, जिसके चलते जो उसके भोजन का मटेरियल है, वो उसके पेट में जा रहा है, जिसके चलते इन्फ्लुएंस हो रहा है, और बहुत कष्ट होता है पेरोनाइट्स के केस को।

सिविल सर्जन ने आगे कहा कि हमारे कर्मचारी थोड़ी न बोले रोड में जाने को, उनको मना भी किया गया, वो खुद ही जबरदस्ती चले गए, मैन देखा कि परिजन के साथ वाले ओवर रियेक्ट कर रहे ।

परिजनों के इस आरोप पर की एनेस्थेटिक्स ने समय न होने की बात कहकर मना किया इस पर सिविल सर्जन ने कहा कि उन्होंने मना नहीं किया, इमरजेंसी में भी एनेस्थेटिक्स यहां आते हैं, ये उनका वर्जन है बाकी हमारे एनेस्थेटिक्स ने कुछ नहीं कहा।

गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय शहडोल संभाग का चिकित्सल्य है, यहां शहडोल जिले के मरीज़ ही नही बल्कि पूरे संभाग समेत डिंडोरी, मंडला, और छतीसगढ़ के जनकपुर तक से मरीज़ यहां इलाज के लिए आते हैं लेकिन अस्पताल की ये व्यवस्था बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करती है, साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल भी खड़े करती है।
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