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दमोह: शिवालयों में उमड़ा भक्तों का सैलाब, शिवालयों में 'बम-बम भोले' की गूंज - बांदकपुर

महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी स्वयंभू शिवलिंग जागेश्वरनाथ धाम में श्रद्धालु आस्था में डूबे हुए हैं. शिवरात्रि के दिन जहां मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है, तो वहीं विशेष रूप से नर्मदा का जल लाकर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करने के लिए हजारों कांवड़िए बांदकपुर पहुंच रहे हैंमहाशिवरात्रि के मौके पर भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया. इसके बाद आम भक्तों के लिए भगवान का दरबार खोल दिया गया.

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Published : Mar 4, 2019, 2:22 PM IST

दमोह। बांदकपुर में स्थित श्री जागेश्वरनाथ धाम हजारों सालों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. विभिन्न मौकों के साथ-साथ महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लोगों का तांता लगा रहता है. इस बार भी महाशिवरात्रि पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं.

महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी स्वयंभू शिवलिंग जागेश्वरनाथ धाम में श्रद्धालु आस्था में डूबे हुए हैं. शिवरात्रि के दिन जहां मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है, तो वहीं विशेष रूप से नर्मदा का जल लाकर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करने के लिए हजारों कांवड़िए बांदकपुर पहुंच रहे हैं. नर्मदा का जल अर्पण करने वाले कांवड़िए हर साल यहां आस्था की डुबकी लगाने आते हैं.

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मान्यता के मुताबिक यह शिवलिंग करीब 300 साल पहले प्रकट हुआ था. तब से लेकर अब तक भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग लगातार आकार में बढ़ रहा है और यही कारण है कि स्वयंभू शिवलिंग का दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्तों का यहां पर आना-जाना लगा रहता है. सोमवार को महाशिवरात्रि होने के चलते सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तों ने भोले को जल अर्पण किया. इससे पहले भगवान जागेश्वरनाथ की विधि-विधान से आरती की गई. महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया. इसके बाद आम भक्तों के लिए भगवान का दरबार खोल दिया गया.

दमोह। बांदकपुर में स्थित श्री जागेश्वरनाथ धाम हजारों सालों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. विभिन्न मौकों के साथ-साथ महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लोगों का तांता लगा रहता है. इस बार भी महाशिवरात्रि पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं.

महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी स्वयंभू शिवलिंग जागेश्वरनाथ धाम में श्रद्धालु आस्था में डूबे हुए हैं. शिवरात्रि के दिन जहां मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है, तो वहीं विशेष रूप से नर्मदा का जल लाकर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करने के लिए हजारों कांवड़िए बांदकपुर पहुंच रहे हैं. नर्मदा का जल अर्पण करने वाले कांवड़िए हर साल यहां आस्था की डुबकी लगाने आते हैं.

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मान्यता के मुताबिक यह शिवलिंग करीब 300 साल पहले प्रकट हुआ था. तब से लेकर अब तक भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग लगातार आकार में बढ़ रहा है और यही कारण है कि स्वयंभू शिवलिंग का दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्तों का यहां पर आना-जाना लगा रहता है. सोमवार को महाशिवरात्रि होने के चलते सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तों ने भोले को जल अर्पण किया. इससे पहले भगवान जागेश्वरनाथ की विधि-विधान से आरती की गई. महाशिवरात्रि के मौके पर भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया. इसके बाद आम भक्तों के लिए भगवान का दरबार खोल दिया गया.

महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर बांदकपुर में उमड़ा आस्था का सैलाब

दमोह जिले के बांदकपुर में स्थित है प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ क्षेत्र जागेश्वर नाथ धाम 

13 ज्योतिर्लिंग की मान्यता प्राप्त स्वयंभू शिवलिंग का यह स्थान लोगों की आस्था का केंद्र

Anchor. दमोह जिले के बांदकपुर में स्थित श्री जागेश्वर नाथ धाम सैकड़ों सालों से लोगों की आस्था का केंद्र है. अनेक पर्वों के साथ-साथ महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां पर लोगों का अपार जनसमूह उमड़ता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही है. यहां पर विशेष रूप से नर्मदा के जल को लाकर भगवान शिव को अर्पण करने की परंपरा लगातार जारी है

VO. महाशिवरात्रि के अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी 13 ज्योतिर्लिंग की मान्यता प्राप्त स्वयंभू शिवलिंग जागेश्वर नाथ धाम में सुबह 4:00 बजे से आस्था की डुबकी लगाने के लिए लोगों का हुजूम देखा जा रहा है. शिवरात्रि के अवसर पर जहां मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है वहीं विशेष रूप से नर्मदा का जल लाकर भगवान भोलेनाथ को अर्पण करने के लिए हजारों कावड़िए बांदकपुर पहुंच रहे हैं. नर्मदा का जल अर्पण करने वाले कावड़िए  हर साल यहां आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. मान्यता के मुताबिक यह शिवलिंग करीब 300 साल पहले प्रकट हुआ था. तब से लेकर अब तक भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग लगातार आकार में बढ़ रहा है, और यही कारण है कि स्वयंभू शिवलिंग का दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्तों का यहां पर आना जाना लगा रहता है. महाशिवरात्रि के विशेष पर्व पर विशेष रूप से भक्त यहां पर पहुंचते हैं. सोमवार को शिवरात्रि होने के चलते सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तों ने पहुंचकर भगवान को जल अर्पण किया. वही सुबह से विधि विधान के साथ भगवान जागेश्वर नाथ की आरती की गई. उनका विशेष श्रृंगार किया गया और इसके बाद आम भक्तों के लिए भगवान का दरबार खोल दिया गया. पूरे दिन भर यहां पर लोगों की भीड़ भगवान के दर्शन के लिए आती जाती रहेगी .

बाइट - रामकृपाल पाठक प्रमुख जागेश्वर नाथ धाम मंदिर
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