जबलपुर. सांसदों और विधायकों के खिलाफ लम्बित आपराधिक प्रकरणों के जल्द निपटारे के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाई कोर्ट में स्वतः संज्ञान याचिका दायर हुई. हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा हैं कि इन मामलों के जल्द निपटारे के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के विधि मंत्रालय, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, विधि एवं विधाई विभाग के प्रमुख सचिव और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. 19 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी. 16 सितंबर की सुप्रीम कोर्ट की याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को आदेश दिया था कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों में तेजी से निपटारा किया जाए और उन्हें उचित पीठ तक भेजा जाए.
इसके साथ ही लगातार सुनवाई करके इन्हें निपटाया जाए. कोरोना की वजह से सुनवाई में लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि सांसद और विधायक आसानी से ऑनलाइन रह सकते हैं. उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ की जा सकती है. इसलिए जितनी जल्द हो लगातार सुनवाई करके इन मामलों को निपटाना होगा.