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दमोह लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रहलाद सिंह पटेल का सियासी सफर

दमोह संसदीय सीट पर 6 मई को वोट डाले जाएंगे. इस सीट से बीजेपी ने एक बार फिर कद्दावर नेता प्रहलाद सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. प्रहलाद सिंह पटेल चार बार सांसद रहे चुके हैं. बता दें कि इस हाईप्रोफाइल सीट से कांग्रेस ने प्रताप सिंह लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है.

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Published : May 3, 2019, 10:53 AM IST

प्रहलाद सिंह पटेल, बीजेपी प्रत्याशी दमोह संसदीय सीट

दमोह। मध्यप्रदेश की दमोह संसदीय सीट पर 6 मई को देश के पांचवें चरण और प्रदेश के दूसरे चरण में मतदान होगा. इस सीट से बीजेपी ने एक बार फिर कद्दावर नेता प्रहलाद सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. प्रहलाद सिंह पटेल मध्यप्रदेश के साथ पूरे देश की राजनीति में एक कद्दावर नेता माने जाते हैं. इससे पहले वे भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे हैं.
बता दें कि इस हाईप्रोफाइल सीट से कांग्रेस ने प्रताप सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं पिछली बार लोकसभा चुनाव में प्रहलाद पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2 लाख 22 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी.

प्रहलाद सिंह पटेल का सियासी सफर
प्रहलाद सिंह पटेल मूलतः नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म 28 जून 1960 को हुआ था. प्रहलाद सिंह पटेल ने बीएससी, एलएलबी, एमए दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले प्रहलाद पटेल वर्तमान में जबलपुर के शक्ति नगर के स्थायी निवासी हैं. वे साल 1982 में बीजेपी के युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बनाए गए. साल 1985 में एक महीने तक पदयात्रा कर जनचेतना रैली निकाली. 1986 से 1990 तक बीजेपी के युवा मोर्चा विंग के सचिव रहे. इसी समय युवा मोर्चा मध्यप्रदेश के जनरल सेक्रेटरी के रूप में राजनीति में सक्रियता दर्ज कराते रहे.

प्रहलाद सिंह पटेल, बीजेपी प्रत्याशी दमोह संसदीय सीट

2014 में दमोह संसदीय क्षेत्र से बने सांसद
प्रहलाद सिंह पटेल पहली बार 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए सिवनी संसदीय सीट से निर्वाचित हुए. सन 1990 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति स्थाई समिति के सलाहकार नियुक्त किए गए. सन् 1996 में एक बार फिर सिवनी से सांसद के रूप में निर्वाचित किए गए. सन 1998 में नेहरू युवा केंद्र संगठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा महानिदेशक भी बनाए गए. साल 1999 में बालाघाट से एक बार फिर लोकसभा से चुनाव जीतकर सांसद बने. साल 2003 के लोकसभा चुनाव के बाद कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री पद की शपथ ली. साल 2014 में दमोह संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बाद सांसद बने. 2015 में मणिपुर चुनाव के पहले वहां के प्रभारी बनाए गए.

प्रहलाद पटेल का यह है संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ने का सफर
प्रहलाद सिंह पटेल अभी तक कुल 7 बार चुनाव लड़े हैं, जिनमें से चार बार उन्होंने जीत हासिल की है. सांसद प्रहलाद पटेल चार बार सिवनी संसदीय सीट से चुनाव लड़े हैं, जहां से दो बार साल 1989 और 1996 में चुनाव जीते और दो बार साल 1991 और 1998 में चुनाव हार गए थे. इसके बाद साल 1999 में बालाघाट से चुनाव लड़ने के बाद वहां से सांसद चुने गए. 2004 में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने के दौरान वे चुनाव हार गए. साल 2008 में प्रहलाद पटेल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. इसके बाद 2014 में वे दमोह संसदीय सीट से चुनाव लड़कर सांसद बने. वहीं साल 2019 के चुनाव में एक बार फिर इसी सीट से बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान में हैं.

कांग्रेस जहां प्रहलाद पटेल को बाहरी प्रत्याशी बताकर प्रताप सिंह को चुनने की अपील कर रही है, वहीं प्रहलाद पटेल का कहना है कि साल 2014 में चुनाव जीतने के बाद वे दमोह के ही हो गए, बाहरी नहीं रहे. वहीं दमोह संसदीय सीट पर महागठबंधन से बसपा के प्रत्याशी के रूप में बुंदेली लोकगीत गायक जितेंद्र खरे जित्तू भी चुनावी मैदान में हैं.

दमोह। मध्यप्रदेश की दमोह संसदीय सीट पर 6 मई को देश के पांचवें चरण और प्रदेश के दूसरे चरण में मतदान होगा. इस सीट से बीजेपी ने एक बार फिर कद्दावर नेता प्रहलाद सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. प्रहलाद सिंह पटेल मध्यप्रदेश के साथ पूरे देश की राजनीति में एक कद्दावर नेता माने जाते हैं. इससे पहले वे भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे हैं.
बता दें कि इस हाईप्रोफाइल सीट से कांग्रेस ने प्रताप सिंह लोधी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं पिछली बार लोकसभा चुनाव में प्रहलाद पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 2 लाख 22 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी.

प्रहलाद सिंह पटेल का सियासी सफर
प्रहलाद सिंह पटेल मूलतः नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म 28 जून 1960 को हुआ था. प्रहलाद सिंह पटेल ने बीएससी, एलएलबी, एमए दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले प्रहलाद पटेल वर्तमान में जबलपुर के शक्ति नगर के स्थायी निवासी हैं. वे साल 1982 में बीजेपी के युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बनाए गए. साल 1985 में एक महीने तक पदयात्रा कर जनचेतना रैली निकाली. 1986 से 1990 तक बीजेपी के युवा मोर्चा विंग के सचिव रहे. इसी समय युवा मोर्चा मध्यप्रदेश के जनरल सेक्रेटरी के रूप में राजनीति में सक्रियता दर्ज कराते रहे.

प्रहलाद सिंह पटेल, बीजेपी प्रत्याशी दमोह संसदीय सीट

2014 में दमोह संसदीय क्षेत्र से बने सांसद
प्रहलाद सिंह पटेल पहली बार 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए सिवनी संसदीय सीट से निर्वाचित हुए. सन 1990 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति स्थाई समिति के सलाहकार नियुक्त किए गए. सन् 1996 में एक बार फिर सिवनी से सांसद के रूप में निर्वाचित किए गए. सन 1998 में नेहरू युवा केंद्र संगठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा महानिदेशक भी बनाए गए. साल 1999 में बालाघाट से एक बार फिर लोकसभा से चुनाव जीतकर सांसद बने. साल 2003 के लोकसभा चुनाव के बाद कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री पद की शपथ ली. साल 2014 में दमोह संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बाद सांसद बने. 2015 में मणिपुर चुनाव के पहले वहां के प्रभारी बनाए गए.

प्रहलाद पटेल का यह है संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ने का सफर
प्रहलाद सिंह पटेल अभी तक कुल 7 बार चुनाव लड़े हैं, जिनमें से चार बार उन्होंने जीत हासिल की है. सांसद प्रहलाद पटेल चार बार सिवनी संसदीय सीट से चुनाव लड़े हैं, जहां से दो बार साल 1989 और 1996 में चुनाव जीते और दो बार साल 1991 और 1998 में चुनाव हार गए थे. इसके बाद साल 1999 में बालाघाट से चुनाव लड़ने के बाद वहां से सांसद चुने गए. 2004 में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने के दौरान वे चुनाव हार गए. साल 2008 में प्रहलाद पटेल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. इसके बाद 2014 में वे दमोह संसदीय सीट से चुनाव लड़कर सांसद बने. वहीं साल 2019 के चुनाव में एक बार फिर इसी सीट से बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान में हैं.

कांग्रेस जहां प्रहलाद पटेल को बाहरी प्रत्याशी बताकर प्रताप सिंह को चुनने की अपील कर रही है, वहीं प्रहलाद पटेल का कहना है कि साल 2014 में चुनाव जीतने के बाद वे दमोह के ही हो गए, बाहरी नहीं रहे. वहीं दमोह संसदीय सीट पर महागठबंधन से बसपा के प्रत्याशी के रूप में बुंदेली लोकगीत गायक जितेंद्र खरे जित्तू भी चुनावी मैदान में हैं.

Intro:भाजपा के कद्दावर नेता है प्रहलाद पटेल वर्तमान सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के दमोह लोकसभा प्रत्याशी है पटेल

कई लोकसभा सीटों से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं प्रहलाद पटेल

अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे हैं प्रहलाद पटेल

कुल 7 बार सांसद का चुनाव लड़े हैं प्रहलाद पटेल चार चुनाव जीते 3 में मिली हार फिर एक बार चुनावी मैदान में

Anchor. मध्य प्रदेश की दमोह संसदीय सीट इन दिनों हाई प्रोफाइल सीट है. वजह साफ है यहां से चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रहलाद सिंह पटेल भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता है. पूर्वर्ती केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे प्रहलाद सिंह पटेल केवल मध्य प्रदेश की राजनीति नहीं वे पूरे देश की राजनीति में एक कद्दावर नेता की छवि के रूप में देखे जाते हैं. यही कारण है कि दमोह में होने वाले लोकसभा चुनाव में पिछली बार प्रहलाद पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 222000 वोटों से करारी शिकस्त दी थी, और प्रहलाद पटेल की जीत दमोह संसदीय क्षेत्र के इतिहास की सबसे बड़ी जीत भी मानी जाती है. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने दोबारा प्रहलाद पटेल को दमोह संसदीय क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है.


Body:Vo. भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में शामिल प्रहलाद सिंह पटेल मूलतः नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के रहने वाले हैं उनका जन्म 28 जून 1960 को हुआ था. प्रहलाद सिंह पटेल ने बीएससी, एलएलबी, एम ए दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले प्रहलाद पटेल वर्तमान में जबलपुर के शक्ति नगर के स्थाई निवासी है. सन 1982 में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बनाए गए. सन 1985 में एक माह तक पदयात्रा कर जनचेतना रैली निकाली. 1986 से 1990 तक भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा विंग के सचिव रहे. इसी समय युवा मोर्चा मध्य प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी के रूप में राजनीति में सक्रियता दर्ज कराते रहे. प्रहलाद सिंह पटेल पहली बार 1989 में 9 वीं लोकसभा के लिए सिवनी संसदीय सीट से निर्वाचित हुए. सन 1990 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति स्थाई समिति के सलाहकार नियुक्त किए गए. सन 1996 में एक बार फिर सिवनी से सांसद के रूप में निर्वाचित किए गए. सन 1998 में नेहरू युवा केंद्र संगठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा महानिदेशक भी बनाए गए. सन 1999 में बालाघाट से एक बार फिर लोकसभा से चुनाव जीतकर संसद सदस्य बने. साल 2003 के लोकसभा चुनाव के बाद कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री पद की शपथ ली. साल 2014 में दमोह संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बाद सांसद बने. 2015 में मणिपुर चुनाव के पूर्व वहां के प्रभारी बनाए गए.

प्रहलाद पटेल का यह है संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ने का सफर

1989 में सिवनी से चुनाव लड़े चुनाव जीते

1991 में सिवनी से चुनाव लड़े चुनाव हारे

1996 में सिवनी से चुनाव लड़े चुनाव जीते

1998 में सिवनी से चुनाव लड़े चुनाव हारे

1999 में बालाघाट से चुनाव लड़े चुनाव जीते

2004 में छिंदवाड़ा से चुनाव लड़े चुनाव हारे

2008 में प्रहलाद पटेल ने नहीं लड़ा चुनाव

2014 में दमोह से चुनाव लड़े चुनाव जीते

2019 में दमोह से भाजपा प्रत्याशी




Conclusion:Vo. प्रहलाद सिंह पटेल अभी तक कुल 7 बार चुनाव लड़े हैं. जिनमें चार बार उनको विजय हासिल हुई है. सांसद पहलाद पटेल जहां लगातार चार बार सिवनी संसदीय सीट से चुनाव लड़े. जहां से दो बार चुनाव जीते एवं दो बार चुनाव हारे हैं. बालाघाट से चुनाव लड़ने के बाद वहां से सांसद चुने गए. छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने के दौरान वे चुनाव हार गए. साल 2008 में प्रहलाद पटेल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. तो इसके बाद 2014 में वे दमोह संसदीय सीट से चुनाव लड़कर सांसद बने. वहीं साल 2019 के चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव के मैदान में हैं. दमोह सांसद सीट पर इन दिनों कांग्रेस एवं भाजपा एक ही जाति के प्रत्याशियों के बीच चुनाव फाइट कर रही है. यहां पर लोधी और महा लोधी के बीच चुनाव कहा जा रहा है. जिसमें महा लोधी प्रहलाद पटेल माने जा रहे हैं, तो कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप सिंह लोधी कहे जा रहे हैं. कांग्रेस जहां प्रहलाद पटेल को बाहरी प्रत्याशी बताकर प्रताप सिंह को चुनने की अपील कर रही है. तो वहीं प्रहलाद पटेल का कहना है कि साल 2014 में चुनाव जीतने के बाद वे दमोह के हो गए, बाहरी नहीं रहे. ऐसे हालात में दमोह संसदीय सीट पर चुनाव रोमांचक हो गया है. वहीं दमोह संसदीय सीट पर महागठबंधन से बसपा के प्रत्याशी के रूप में बुंदेली लोकगीत गायक जितेंद्र खरे जित्तू ने भी ग्रामीण अंचलों में अपनी पकड़ बनाकर मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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