भोपाल। लोकसभा चुनाव की हार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक बड़ा फैसला करते हुए 29 मई को अपने तमाम प्रवक्ताओं को टीवी पर होने वाली बहस में जाने पर रोक लगा दी थी. हालांकि AICC ने एक महीने तक ही रोक लगाने की बात कही थी, लेकिन अब एक महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है और अभी तक AICC ने कोई फैसला नहीं लिया है.
कांग्रेस नेताओं को AICC के अगले निर्देश का इंतजार है. कांग्रेस प्रवक्ताओं का मानना है कि टेलीविजन की बहस में कांग्रेस की अनुपस्थिति से नेशनल मीडिया के सांप्रदायिक एजेंडे पर बहुत हद तक रोक लगी है. आम जनता को भी अपने दायित्व को समझना चाहिए. लोकसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों के बाद कई सारे राजनीतिक दलों ने टेलीविजन का बहिष्कार शुरू कर दिया था. खासकर टेलीविजन पर होने वाले पॉलिटिकल डिबेट में बसपा, सपा, जीडीएस और फिर कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं के जाने पर रोक लगा दी थी.
29 मई को एआईसीसी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी. अब एक महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक एआईसीसी से पॉलिटिकल डिबेट में प्रवक्ताओं के जाने को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं. फिलहाल कांग्रेस के प्रवक्ता एआईसीसी के अगले फैसले का इंतजार कर रहे हैं. नेशनल मीडिया देश के मुख्य मुद्दों को छोड़कर ज्यादातर हिंदू-मुस्लिम पर बहस कर सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ा रही थी, कांग्रेस के बहिष्कार के चलते इस पर एक हद तक रोक लगी है, ऐसा मानना कांग्रेस नेताओं का है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अभी ऊपर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आए हैं. जब एआईसीसी से निर्देश आएंगे, तो उस पर विचार किया जाएगा.