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कांग्रेस प्रवक्ताओं की टीवी बहस में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को बीता एक महीना, AICC के फैसले का इंतजार

एआईसीसी ने 29 मई को अपने तमाम प्रवक्ताओं को टीवी पर होने वाली बहस में जाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है. फिलहाल एआईसीसी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.

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Published : Jul 3, 2019, 12:18 PM IST

कांग्रेस को AICC के फैसले का इंतजार

भोपाल। लोकसभा चुनाव की हार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक बड़ा फैसला करते हुए 29 मई को अपने तमाम प्रवक्ताओं को टीवी पर होने वाली बहस में जाने पर रोक लगा दी थी. हालांकि AICC ने एक महीने तक ही रोक लगाने की बात कही थी, लेकिन अब एक महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है और अभी तक AICC ने कोई फैसला नहीं लिया है.

कांग्रेस को AICC के फैसले का इंतजार


कांग्रेस नेताओं को AICC के अगले निर्देश का इंतजार है. कांग्रेस प्रवक्ताओं का मानना है कि टेलीविजन की बहस में कांग्रेस की अनुपस्थिति से नेशनल मीडिया के सांप्रदायिक एजेंडे पर बहुत हद तक रोक लगी है. आम जनता को भी अपने दायित्व को समझना चाहिए. लोकसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों के बाद कई सारे राजनीतिक दलों ने टेलीविजन का बहिष्कार शुरू कर दिया था. खासकर टेलीविजन पर होने वाले पॉलिटिकल डिबेट में बसपा, सपा, जीडीएस और फिर कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं के जाने पर रोक लगा दी थी.


29 मई को एआईसीसी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी. अब एक महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक एआईसीसी से पॉलिटिकल डिबेट में प्रवक्ताओं के जाने को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं. फिलहाल कांग्रेस के प्रवक्ता एआईसीसी के अगले फैसले का इंतजार कर रहे हैं. नेशनल मीडिया देश के मुख्य मुद्दों को छोड़कर ज्यादातर हिंदू-मुस्लिम पर बहस कर सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ा रही थी, कांग्रेस के बहिष्कार के चलते इस पर एक हद तक रोक लगी है, ऐसा मानना कांग्रेस नेताओं का है.


मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अभी ऊपर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आए हैं. जब एआईसीसी से निर्देश आएंगे, तो उस पर विचार किया जाएगा.

भोपाल। लोकसभा चुनाव की हार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक बड़ा फैसला करते हुए 29 मई को अपने तमाम प्रवक्ताओं को टीवी पर होने वाली बहस में जाने पर रोक लगा दी थी. हालांकि AICC ने एक महीने तक ही रोक लगाने की बात कही थी, लेकिन अब एक महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है और अभी तक AICC ने कोई फैसला नहीं लिया है.

कांग्रेस को AICC के फैसले का इंतजार


कांग्रेस नेताओं को AICC के अगले निर्देश का इंतजार है. कांग्रेस प्रवक्ताओं का मानना है कि टेलीविजन की बहस में कांग्रेस की अनुपस्थिति से नेशनल मीडिया के सांप्रदायिक एजेंडे पर बहुत हद तक रोक लगी है. आम जनता को भी अपने दायित्व को समझना चाहिए. लोकसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों के बाद कई सारे राजनीतिक दलों ने टेलीविजन का बहिष्कार शुरू कर दिया था. खासकर टेलीविजन पर होने वाले पॉलिटिकल डिबेट में बसपा, सपा, जीडीएस और फिर कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं के जाने पर रोक लगा दी थी.


29 मई को एआईसीसी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी. अब एक महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक एआईसीसी से पॉलिटिकल डिबेट में प्रवक्ताओं के जाने को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं. फिलहाल कांग्रेस के प्रवक्ता एआईसीसी के अगले फैसले का इंतजार कर रहे हैं. नेशनल मीडिया देश के मुख्य मुद्दों को छोड़कर ज्यादातर हिंदू-मुस्लिम पर बहस कर सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ा रही थी, कांग्रेस के बहिष्कार के चलते इस पर एक हद तक रोक लगी है, ऐसा मानना कांग्रेस नेताओं का है.


मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अभी ऊपर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आए हैं. जब एआईसीसी से निर्देश आएंगे, तो उस पर विचार किया जाएगा.

Intro:भोपाल। लोकसभा चुनाव की हार के बाद एआईसीसी ने एक बड़ा फैसला करते हुए 29 मई को अपने तमाम प्रवक्ताओं को टीवी पर होने वाली बहस में जाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि एआईसीसी ने एक महीने तक रोक की बात कही थी। लेकिन अब एक महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है। अभी तक एआईसीसी ने कोई फैसला नहीं लिया है। मप्र कांग्रेस को एआईसीसी के अगले निर्देश का इंतजार है। लेकिन कांग्रेस का मानना है कि टेलीविजन की बहस पर कांग्रेस की अनुपस्थिति से नेशनल मीडिया के सांप्रदायिक एजेंडे पर बहुत हद तक रोक लगी है। आम जनता को भी अपने दायित्व को समझना चाहिए।


Body:लोकसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों के बाद कई सारी राजनीतिक दलों ने टेलीविजन का बहिष्कार शुरू कर दिया था। खासकर टेलीविजन पर होने वाले पोलिटिकल डिबेट में बसपा, सपा, जीडीएस और फिर कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं के जाने पर रोक लगा दी थी। 29 मई को एआईसीसी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। हालांकि उन्होंने एक महीने तक प्रतिबंध की बात की थी। लेकिन एक महीने की अवधि बीत जाने के बाद भी अभी तक एआईसीसी से पोलिटिकल डिबेट में प्रवक्ताओं की जाने पर कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं।फिलहाल कांग्रेस के प्रवक्ता एआईसीसी के अगले फैसले का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का मानना है कि पार्टी के इस फैसले से नेशनल मीडिया के सांप्रदायिक एजेंडे पर रोक लगी है। नेशनल मीडिया देश के मुख्य मुद्दों को छोड़कर ज्यादातर हिंदू मुस्लिम पर बहस कर सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ा रही थी। कांग्रेस के बहिष्कार के चलते इस पर एक हद तक रोक लगी है।अगर सामाजिक स्तर पर भी बहिष्कार होता है, तो इन परिस्थितियों में सुधार आएगा।


Conclusion:मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अभी ऊपर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आए हैं। जब एआईसीसी से निर्देश आएंगे, तो उस पर विचार किया जाएगा। आज परिस्थिति यह है कि पूरे देश को नेशनल मीडिया ने हिंदू मुस्लिम के सांप्रदायिक एजेंडे में रंग दिया है। आज कांग्रेस की अनुपस्थिति के कारण उस पर काफी हद तक रोक लगी है। यह परिस्थितियां कांग्रेस जब तक जारी रखेगी,जब तक लोग इस दायित्व को नहीं समझते हैं। देश के जो मुख्य मुद्दे गरीबी, बेरोजगारी,मॉब लिंचिंग, हिंसा,हिंसा की राजनीति और भीड़ के हाथ में कानून जैसे मुद्दों पर मीडिया बहस नहीं कर रहा है। 24 घंटे सुबह से लेकर शाम तक हिंदू मुस्लिम की बात हो रही है। जब तक सामाजिक बहिष्कार नहीं किया जाएगा, तब तक इन चीजों से होने वाले नुकसान और समाज के अंदर तेजी से फैलाया जा रहा जहर समाप्त नहीं होगा। कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया और उसके सुखद परिणाम आए हैं। आज देश में हो रही टीवी की बहसों में 40 से लेकर 50 तक सुधार आया है। हम थोड़े दिन और इस तरह करेंगे, तो इस तरह की बहस जिसमें कांग्रेस प्रवक्ताओं को टोकन के रूप में बिठाकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाया जाता था, समाप्त हो जाएंगी। आज बीजेपी का पक्ष सामने आ रहा है, अब जनता खुद निर्णय करेगी कि बीजेपी जो बात कह रही है, वह उचित है या नहीं है। कांग्रेस की कोई सहमति नहीं है, कांग्रेस इस तरह की बहस से दूर है और फिलहाल आगे भी रहेगी।
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