भोपाल। मध्यप्रदेश को अगले 5 वर्षों के दौरान मोदी सरकार से मिलने वाले बजट की राशि को तय करने के लिए राजधानी भोपाल पहुंची 15वें वित्त आयोग की टीम ने देर रात राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश को अधिक बजट दिए जाने की मांग उठाई है. साथ ही केंद्र सरकार के द्वारा उद्योग नीति को बढ़ावा देने की मांग भी की गई है. वित्त आयोग की टीम से मुलाकात करने पहुंचे बीजेपी और कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में आ रही समस्याओं से भी टीम को अवगत कराया है.
बीजेपी ने की मांग-
बीजेपी की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश लुणावत ने बताया कि मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष और उनकी टीम से मिलकर अपने कुछ सुझाव प्रस्तुत की है, हमने आयोग से निवेदन किया है कि केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार को मिलने वाला फंड काफी कम है उसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाना चाहिए. साथ ही मध्यप्रदेश के वन क्षेत्र को लेकर भी बीजेपी ने अपनी बात रखी है क्योंकि मध्यप्रदेश में देश का 31% वन क्षेत्र आता है इस क्षेत्र को भी विकसित करने के लिए मिलने वाली राशि में इजाफा करने का निवेदन किया गया है अभी केंद्र सरकार से 7.5 प्रतिशत राशि ही मिलती है जिसे हमने बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का निवेदन किया है. इसी तरीके से पंचायत और स्थानीय निकायों में विकास और निर्माण के लिए जो पैसा मिलता है उसे भी बढ़ाने के लिए कहा है. शहरों में उद्योगों को बढ़ावा मिल सके इसके लिए नए आयाम स्थापित किए जा सके, उसके लिए केंद्र सरकार को आगे आना होगा और मध्यप्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मदद करनी होगी, ताकि यहां पर अच्छे उद्योग स्थापित हो सकें.
कांग्रेस ने की मांग-
कांग्रेस की ओर से वित्त आयोग के समक्ष प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने बुंदेलखंड का मामला उठाया है. साथ ही उन्होंने बुंदेलखंड को विशेष पैकेज के तौर पर तीन हजार करोड़ रुपए दिए जाने की मांग भी उठाई है. उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड को स्पेशल पैकेज देने की मांग की है. साथ ही वहां के पेयजल संकट को लेकर भी हमें आयोग को अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राइट टू वाटर, राइट टू हेल्प की जो सुविधा प्रदेश की जनता को दे रही है उसके लिए भी हमने अलग से राशि देने की मांग उठाई है. कमलनाथ सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है इसमें भी राज्य सरकार की मदद करने के लिए केंद्र सरकार से निवेदन किया गया है.
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि हमने वित्त आयोग के सामने मध्यप्रदेश की इस परेशानी को भी सामने रखा है जिसमें केंद्र सरकार केवल 42 प्रतिशत की ही मदद करती है इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का निवेदन किया गया है. केंद्र सरकार के द्वारा लगाया जाने वाला सेस और सर चार्ज में भी प्रदेश सरकार को कुछ पैसा मिलना चाहिए जिससे प्रदेश में होने वाले विकास को और अच्छी गति मिल सके. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही भावांतर योजना के अलावा और भी कई योजनाएं हैं जिसका पैसा केंद्र सरकार के द्वारा रोका गया है जिसकी वजह से प्रदेश सरकार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. यह सभी बातें हमने वित्त आयोग के ध्यान में लाई हैं ताकि इसका निदान निकाला जा सके.