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काम बंद कर सफाई कर्मचारियों ने ठेकेदार के खिलाफ के खिलाफ किया प्नर्दशन, चरमाराई शहर की सफाई व्यवस्था - protest

जबलपुर नगर निगम के सफाई कर्मचारी और ठेकेदार के बीच पैसों के भुगतान को लेकर छिड़ा विवाद रुकने के नाम नहीं ले रहा है.मामले को लेकर कर्मचारियों ने शहर के मुख्य चौराहें पर एकत्रित होकर ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांगे नहीं पूरी होने तक काम पर नहीं लौटने की चेतावनी दी.

जबलपुर
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Published : Mar 28, 2019, 12:11 AM IST

जबलपुर नगर निगम के सफाई कर्मचारी और ठेकेदार के बीच पैसों के भुगतान को लेकर छिड़ा विवाद रुकने के नाम नहीं ले रहा है.मामले को लेकर कर्मचारियों ने शहर के मुख्य चौराहें पर एकत्रित होकर ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांगे नहीं पूरी होने तक काम पर नहीं लौटने की चेतावनी दी.

जबलपुर

निगम के सफाई कर्मचारियों ने काम बंद कर अपनी मांगे मनमाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारियों के इस विरोध से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है. आलम यह है कि कचरा कलेक्शन नहीं होने से लोगों नेकचरेको सड़कों के किनारे ही फेंक दिया.प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि सफाई ठेकेदार ने उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं दिया है. जिसकी वजह से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. यहां तक की पैसे नहीं मिलने से उनकी भूख सेमरने की नौबत आ गईहै.

दरअसल शहर के 79 वार्डो मे 400 से अधिक वाहन की मदद से कचरा कलेक्शन होता है. लेकिन विरोध के चलते पांच जोनकी गाड़ियां यार्ड में ही खड़ी रही.इस दौरान न लोडर वाहन कचरा उठाने गया और न ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाले वाहन घरों तक पहुंचे.

जबलपुर नगर निगम के सफाई कर्मचारी और ठेकेदार के बीच पैसों के भुगतान को लेकर छिड़ा विवाद रुकने के नाम नहीं ले रहा है.मामले को लेकर कर्मचारियों ने शहर के मुख्य चौराहें पर एकत्रित होकर ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांगे नहीं पूरी होने तक काम पर नहीं लौटने की चेतावनी दी.

जबलपुर

निगम के सफाई कर्मचारियों ने काम बंद कर अपनी मांगे मनमाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारियों के इस विरोध से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है. आलम यह है कि कचरा कलेक्शन नहीं होने से लोगों नेकचरेको सड़कों के किनारे ही फेंक दिया.प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि सफाई ठेकेदार ने उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं दिया है. जिसकी वजह से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. यहां तक की पैसे नहीं मिलने से उनकी भूख सेमरने की नौबत आ गईहै.

दरअसल शहर के 79 वार्डो मे 400 से अधिक वाहन की मदद से कचरा कलेक्शन होता है. लेकिन विरोध के चलते पांच जोनकी गाड़ियां यार्ड में ही खड़ी रही.इस दौरान न लोडर वाहन कचरा उठाने गया और न ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाले वाहन घरों तक पहुंचे.

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